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(GMT+08:00) 2007-09-24 14:59:44    
पवित्र झील के साथ सुखमय जीवन बिताने वाले तिब्बती बंधु त्सेता  

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थांगः दोस्तो, चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश एक रहस्यमय स्थल है, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है । हाल में हमारे संवाददाता श्याओ यांग ने तिब्बत का दौरा किया । श्याओ यांग जी, बताइय, आप की तिब्बत यात्रा कैसी चली ।

यांगः मुझे लगता है कि तिब्बत पर्यटकों की नजर में एक स्वर्ग जैसा पठार है । यहां के प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर और मनोहर है और सांस्कृतिक अवशेष विविध उपलब्ध होते हैं । यात्रा के दौरान मैं ने वहां के अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों का खूब मज़ा लिया और तिब्बती जाति के रंगबिरंगी संस्कृति व रीति रिवाज़ का भरपूर आनंद भी उठाया ।

थांगः बिलकुल सही है । मैं ने भी तिब्बत की दो बार यात्रा की थी । मुझे याद है कि एक दोस्त ने कहा था कि अगर एक बार तिब्बत गया, तो जिंदगी भर में इस यात्रा की याद नहीं मिट सकती और तिब्बत की खूबसूरत सदा के लिए दिलोदिमाग में अंकित रहती है । हां, मुझे याद है कि तिब्बत में तीन पवित्र पठारी झीलें हैं, जो तीर्थ यात्रा और कुतरदी सौंदर्य देखने योग्य हैं ।

यांगः जी हां । तिब्बत में माफांगयोंग छो, यांगचोयूंग छो और नामूछो तीन झीलें तीर्थ झील के रूप में सम्मानित होती हैं । तिब्बती भाषा में छो का मतलब झील है । हर रोज बहुत से तिब्बती बौद्ध अनुयायी उक्त तीन पवित्र झीलों पर आकर उन का परिक्रमा करते और प्रार्थना करते हैं और अनेक देशी विदेशी पर्यटक भी यहां की सैर करने आते हैं ।

थांगः श्याओ यांग जी , तो बताइय, तिब्बत की यात्रा के दौरान क्या आप ने भी किसी पवित्र झील की यात्रा की थी ?

यांगः मैं ने नामूछो झील का दौरा किया । यह तिब्बत पठार पर सब से बड़ी झील ही नहीं, विश्व में समुद्र सतह से सब से ऊंची खारी पानी वाली झील भी है । तिब्बती बौद्ध धर्म के तीर्थ झील होने के नाते तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायी जीवन भर में कम से कम यहां एक बार उस का परिक्रमा करने जरूर आते हैं । इस तीर्थ यात्रा में पैदल से कई महीनों का लम्बा समय लगता है ।

थांगः इधर के वर्षों में नामूछो झील की यात्रा करने आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है । यहां के पर्यटन उद्योग का भी तेज़ विकास हो रहा है । इस तरह, नामूछो झील के आसपास रहने वाले तिब्बती चरवाहे मवेशी चराने का अपना परम्परागत धंधा छोड़ पर्यटन सेवा में लग गए , जिस से उन की आय काफी बढ़ी और जीवन स्तर भी उन्नत हुआ । यात्रा के दौरान आप कभी ऐसे तिब्बती चरवाहे से मिल गयी है न ?

यांगः हां जी । मेरी मुलाकात एक तिब्बती युवा कोंगच्व्ये त्सेता से हुई । उसी दिन जब हम नामूछो झील पहुंचे, तो कोंगच्व्ये ने तिब्बती याक हांकते हुए हमारे पास आकर पूछा कि क्या आप तिब्बती याक पर सवार हो कर फोटो लेना चाहते है ?

थांगः वह कैसा लगता है ?

यांगः वह बहुत ओजस्वी और तंदुरूस्त तिब्बती युवा है । तिब्बती शैली वाला पोशाक में कोंगच्व्ये त्सेता बहुत खूबसूरत और स्वस्थ दिखता है । कोंगच्व्ये ने मुझे बताया कि पहले वे नामूछो झील के उत्तर में स्थित छ्यांथांग घास मैदान में रहते थे और पशुपालन का काम करते थे । इधर के वर्षों में नामूछो झील की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । स्थानीय सरकार ने पर्यटन उद्योग के विकास में हाथ बाटने के लिए चरवाहों को बहुत प्रोत्साहित किया। इसतरह वह भी तिब्बती याक को साथ ले कर इस पवित्र झील पर पर्यटकों की सेवा में फोटो खींचवाने का धंधा करने आया ।

थांगः नामूछो झील का पानी बहुत स्वच्छ है और उस के ऊपर नीले नीले आसमान में सफेद बादल तैरता है । दूर-दूर अनंत बर्फीले पहाड़ फैले नज़र आते हैं । इतने सुन्दर प्राकृतिक दृश्य में सुन्दर तिब्बती पोशाक में विशेष पठारी जानवर –तिब्बती याक के साथ फोटो खींचना पर्यटकों को बरबस आकर्षित करने वाला काम है।

यांगः हां, कोंच्वये ने मुझे बताया कि हर वर्ष के मई से अक्तुबर तक यहां का मौसम बहुत अच्छा है और बेशुमार देशी विदेशी पर्यटक नामूछो झील देखने आते हैं । इस के दौरान वह हर रोज़ पर्यटकों के लिए फोटो खींचाने की सेवा में झील के पास आते हैं । तिब्बती याक के साथ एक फोटो खींचाने में दस य्वान की फीस ली जाती है।

" रोज़ मैं दो सौ से ज्यादा य्वान कमा सकता हूँ । खाने पीने आदि रोजमर्रे की चीजों का खर्च छोड़ कर मई से अक्तुबर तक मैं सात या आठ हज़ार य्वान की शुद्ध आय उपलब्ध करता हूँ । यह आय हमारे घर के पूरे वर्ष के खर्चे के लिए पर्याप्त है ।"

यांगः कोंच्वये ने कहा कि अब स्थानीय सरकार के समर्थन व सहायता के जरिए यहां के तिब्बती चरवाहों ने अपना-अपना स्थाई रिहायशी मकान बनाया और वे घूमंतु जीवन को छोड़ कर स्थिर निवास स्थल पर जीवन बिताने लगे। तिब्बती चरवाहों का आज का जीवन संतोषजनक और खुशहाल रहा है ।

थांगः आप ने कहा था कि हर वर्ष मई से अक्तुबर तक कोंच्वये आदि तिब्बती चरवाहे पर्यटन सेवा का काम करते हुए पैसा कमाते हैं । पर साल के बाकी समय में वे क्या करते हैं ?

यांगः सर्दियों में तिब्बत आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी घट जाती है, इस स्थिति में वे अपनी जन्मभूमि छ्यांगथांग घास मैदान वापस लौट कर पशुपालन का काम करते हैं ।

थांगः इस तरह नामूछो झील के आसपास रहने वाले तिब्बती चरवाहे पर्यटन सेवा से पैसा कमाने के अलावा पशुपालन से भी आय प्राप्त कर सकते हैं ।

यांगः आप ने बिलकुल ठीक कहा है । तिब्बती चरवाहे कोंच्वये त्सेता ने बताया कि पर्यटन के सुनहरे मौसम में वह हर रोज़ सुबह-सुबह घर से निकल कर दो घंटे के रास्ता तय कर नामूछो आ पहुंचता है। श्याओ थांग जी, क्या आप जानती हैं कि झील पहुंचते ही त्सेता का पहला काम क्या है ?

थांगः यह तो मुझे मालूम नहीं । नाश्ता करता है ?

यांगः नहीं ।

थांगः आखिरकार वह सब से पहले क्या काम करता है ?

यांगः वह घर से आए भुने दाल से याक खिलाता है ।

थांगः ओह, मूझे मालूम है कि तिब्बती याक उस के साथी समान है और उस की अच्छी तरह देखभाल किया जाना चाहिए ।

यांगः हां । त्सेता के पास सफेद तिब्बती याक है । कहा जाता है कि सफेद याक तिब्बती याकों में पवित्र याक माना जाता है । हर दस हज़ार याकों में से एक सफेद वाला मिलता है । इस तरह तिब्बती बंधु त्सेता अपने सफेद याक को ज्यादा प्यार करता है और बहुत अच्छी तरह उस की देखभाल करता है ।

थांगः नामूछो झील आकर त्सेतो का प्रथम काम अपने याक को खिलाना है । तो इस के बाद दिन भर वहां वह और क्या-क्या करता है?

यांगः याक को दाल खिलाने के बाद त्सेता अपना व्यापार करना शुरू करता है । दोपहर के भोजन के लिए वह घर से लाए ज़ानबा यानी तिब्बती गैहूं के आटे से भुना गया एक किस्म का तिब्बती पकवान और मीट खाता है । कभी-कभार वह पास के चाय रेस्टरां जाकर दही पीता है । शाम को पांच या छह बजे वह घोड़े पर सवार हो कर घर वापस लौटता है ।

थांगः लेकिन उस का सफेद याक कहां रखा जाता है ?उस के साथ घर वापस नहीं लौटता?

यांगः नहीं । फोटो खींचाने के लिए याक बहुत विनम्र वाला जानवर है । दिन में पर्यटक उस के पीठ पर बैठे फोटो खींचवाते हैं । रात को त्सेता का याक नामूछो झील के तट पर घास चरने छोड़ा जाता है और वह वहां अकेला आराम करता रात बिताता है । वह वहां ठहरते अगले दिन की सुबह तक अपने स्वामी का इन्तज़ार करता रहा है और कभी नहीं खो पाता ।

थांगः यह तो बहुत आश्चर्यचकित बात है । मुझे याद है कि दो साल पहले नामूछो की यात्रा के दौरान मैं ने सफेद याक के पीठ पर बैठ कर फोटो खींचवाया था । नीले आसमान, सफेद बादल, स्वच्छ पानी, बर्फीला पहाड़, तिब्बती वस्त्र पहने चरवाहे और सफेद याक ......और तिब्बती याक के पीठ पर सवार मैं हूं , वाह , कितना इत्तमिनान का अनुभव हो । मुझे यह फोटो बहुत पसंद है और आज तक मेरे मेज़ पर रखा हुआ है ।

यांगः आप ने सही कहा । नामूछो झील में मेरा जो फोटो खींचवाया गया है, वे सब मुझे बहुत पसंद हैं ।

थांगः श्याओ यांग जी, तिब्बती बंधु त्सेता ने नामूछो में कितने समय तक पर्यटन सेवा करते आये है ?

यांगः लगभग तीन साल से ज्यादा समय तक । पहले त्सेता को चीनी हान भाषा नहीं आती थी । ज्यादा पर्यटकों के साथ विचारों का और अच्छी तरह आदान प्रदान करने के लिए उस ने चीनी हान भाषा सीखी । अब त्सेता देश के विभिन्न स्थलों से आए पर्यटकों के साथ आसानी से बातचीत कर सकता है । उस ने कहा कि आज का जीवन संतोषजनक है और उसे अपना जीवन बहुत आनंदपूर्ण व सुखमय लगता है ।

"हम इस झील को पवित्र देवी झील मानते हैं । मुझे लगता है कि नामूछो झील के आसपास रहना सौभाग्य की बात है । हर रोज़ पवित्र झील, बर्फीले पहाड़, हरे भरे घास मैदान और तिब्बती नीलगाय देखने को मिलते हैं । मुझे बहुत आनंद महसूस हुआ है और मैं इस जगह को अपना स्वर्ग मानता हूँ ।"

यांगः त्सेता ने कहा कि पर्यटन उद्योग के विकास से स्थानीय चरवाहों को आर्थिक लाभ मिलता है । अब नामूछो झील के तटीय क्षेत्र में तरह-तरह के शिविर, रेस्टरां, होटल और चाय-घर स्थापित किए गए । गत वर्ष छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग का यातायात शुरू होने के बाद यहां और समृद्धि प्राप्त हो गयी ।

"छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग का यातायात शुरू होने के बाद यहां आने के पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और हमारा व्यापार भी फलता फुलता हो गया है । विभिन्न स्थलों से आए पर्यटकों को हम अच्छी तरह सेवा प्रदान करते हैं ।"

यांगः त्सेता ने कहा कि तिब्बत एक बहुत सुन्दर प्रदेश है । तिब्बत विश्व के विभिन्न देशों के दोस्तों का हार्दिक स्वागत करता है । उस की आशा है कि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक तिब्बत आकर तिब्बती जाति की संस्कृति और रीति रिवाज़ का मज़ा लेंगे ।

"आशा है कि विदेशी मित्र हमारा तिब्बत आएंगे और नामूछो झील का दौरा करेंगे । यहां बहुत सुन्दर है । अगर आप यहां आएंगे, तो हम आप की अच्छी तरह सेवा करेंगे । जाशीदलेह !"