फ्रांस की यात्रा कर रहे चीन के प्रसिद्ध तिब्बतविद श्री चुंगबू रेचीदोचे ने 21 सितंबर को पेरिस में कहा कि तिब्बती संस्कृति चीनी राष्ट्र का श्रेष्ठ परंपरागत संसकृति है, जिस का का संरक्षण करने के साथ साथ विकास करने की भी जरुरत है।
श्री चुंगबू रेचीदोचे और चीन के तिब्बतविद जीवित बौद्ध प्रतिनिधि मंडल के अन्य सदस्यों ने फ्रांस के पेरिस पूर्वी भाषा अकादमी के तिब्बती भाषा विभाग के अध्यापकों व छात्रों के साथ ढाई घंटे की बातचीत की। श्री चुंगबू रेचीदोचे ने कहा कि यदि विरासत में लेने का काम नहीं हो , तो तिब्बती संस्कृति विलुप्त हो सकेगी, अगर विकास व नवीनीकरण नहीं हो , तो तिब्बती संस्कृति गतिरोघ की स्थिति में पड़ जाएगी । उन्होंने यह भी कहा कि चीन की केंद्रीय सरकार और तिब्बती स्वायत प्रदेश की सरकार ने तिब्बत में 1700 से ज्यादा मंदिरों का मरम्मत व संरक्षण करने के लिए 70 करोड़ से अधिक य्वान की पूंजी डाली है, और अनेक तिब्बती संस्कृतियों व परंपराओं को विरासत के रूप में संरक्षित भी किया है।
प्रतिनिधि मंडल के अन्य तिब्बतविद श्री ल्यु होंग जी ने कहा कि तिब्बत स्वायत प्रदेश में हर साल तिब्बती भाषा से 100 से अधिक किस्मों की किताबें प्रकाशित की जाती हैं । केंद्रीय सरकार ने तिब्बत व छिंगहाई प्रांत के उपग्रह टी.वी के विकास के लिए दर्जनों करोड़ य्वान की पूंजी लगायी है । इन टी.वी के सभी कार्यक्रम तिब्बती भाषा में प्रसारित किये जाते हैं।
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