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(GMT+08:00) 2007-09-19 09:12:06    
गेन्सू के इमाम और उन का यातुंग वन संसाधन कारखाना

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यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है।प्रिय श्रोताओं को हू मींग की नमस्ते। श्रोताओं को श्याओ यांग की भी नमस्ते।

हू मींग ----प्रिय श्रोताओं। आप सब लोग सिक्किम के बारे में जानते हैं कि सिक्किम भारत का सीमांत क्षेत्र है।

श्याओ यांग---इन दिनों मैंने चीन और सिक्किम को जोड़ने वाले सीमांत क्षेत्र चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश की यातुंग काऊंटी का दौरा किया।

हू मींग -----अच्छा, यातुंग दक्षिण तिब्बत के हिमालय क्षेत्र के पास स्थित है, जिस की औसत ऊंचाई 3500 मीटर है। यातुंग में वन के प्रचुर संसाधन हैं, जिस में गैसट्रोडिया टयूबर、कोडोनोप्सिस पिलोसुलो की जड़、कैलेडियम、एगैरिक、मशरुम आदि अनेक किस्म की जड़ी बूटी पाई जाती हैं।

श्याओ यांग -----हां, वह एक बहुत सुन्दर स्थल है। तिब्बत की अन्य जगहों की ही तरह यहां इतना सूखा नहीं है, यहां का मौसम भी बहुत सुहावना है।

हू मींग ----सच कहती हैं। चीन में पश्चिमी भाग के जोरदार विकास के कार्यान्वयन में यातुंग काऊंटी के लोगों ने प्राकृतिक वनों को काटना बंद किया है और वन संसाधन का प्रयोग करने लगे हैं। श्याओ यांग जी, आज के कार्यक्रम में आप हमें क्या बताएंगीं।

श्याओ यांग---- आज के इस कार्यक्रम में हम यातुंग में गेन्सू से आये इमाम की अनोखी जीवन कहानी सुनाएंगे। चार वर्ष पहले, चीन के गेन्सू प्रांत से आये एक इमाम ने जन्मभूमि से दूर या तुंग काऊंटी में वन संसाधन का एक कारखाना खोला। अब यह कारखाना स्थानीय तीन प्रमुख कारोबारों में से एक बन चुका है।

हू मींग ---- इमाम का नाम सुनते ही हम जान जाते हैं कि वह एक मुस्लिम है। लेकिन, उन का वास्तविक नाम क्या है।

श्याओ यांग--- इमाम का नाम वास्तव में मा च्येन रोंग है, वह 41 साल के हैं। देखने में वे युवा लगते हैं। वे मध्यम कद के हैं और काले रंग का चेहरा हैं। वे अच्छी तरह तिब्बती भाषा बोल सकते हैं। वे एक बहुत सामान्य तिब्बती नजर आते हैं।आप कठिनाई से कल्पना कर सकते हैं कि वे कई लाख पूंजी वाले कारखाने के प्रधान हैं। चूंकि इमाम पहले चीन के खुनमिन शहर के इस्लाम अकादमी में पढ़ते थे और मस्जिद में कई वर्षों तक इमाम थे, इसलिए, स्थानीय लोग उन्हें इमाम ही कहते हैं।

हू मींग ---- यह इमाम किस तरह सुदूर गेन्सू प्रांत से सीमांत क्षेत्र यातुंग पहुंचे ।

श्याओ यांग----श्री मा च्येन रोंग का जवाब सुनिए।वर्ष 1985 में मैंने तिब्बत के ल्हासा शहर में मजदूर का काम किया, बाद में मैं रिखाजे प्रिफेक्चर में आया। उस वक्त यहां का यातायात बहुत खराब था। हालांकि रिखाजे से या तुंग केवल 300 किलोमीटर दूर है, फिर भी एक हफ्ते में केवल दो बार यात्री बस आती है। बस पर सवारी करना बहुत सुविधाजनक नहीं है। इसलिए, मैं अपने दो मित्रों के साथ साइकिल चलाकर रिखाजे से या तुंग पहुंचा। रास्ते में हम स्थानीय लोगों से चमड़े आदि का माल खरीदते रहे, और बाद में बेचते रहे। इस तरह हम चार दिनों तक चलते रहे। आखिर या तुंग आ पहुंचे।

श्याओ यांग----या तुंग पहुंचने के बाद इमाम और उन के मित्रों ने देखा कि यहां के प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर हैं और वन संसाधन भी प्रचुर हैं, इसलिए, उन्होंने यहां ठहरने का निर्णय लिया। लेकिन, उन्होंने नहीं सोचा कि वे लोग यहां बीसियों वर्ष रहेंगे ।इस दौरान, इमाम चीनी औषधि का व्यापार करते रहे।

हू मींग ---- तो बताइए, उन्होंने किस तरह या तुंग संसाधन कारखाने की स्थापना की।

श्याओ यांग----या तुंग वन संसाधन कारखाने के खोलने की चर्चा में इमाम ने कहा कि यह सब तिब्बत की सहायता के लिए ही है। भीतरी आधुनिक औद्योगिक शहर शांगहाई या तुंग को सहायता देने वाला भीतरी इलाके का शहर है। नियमानुसार, हर तीन वर्ष में शांगहाई के कुछ कर्मचारी या तुंग आकर स्थानीय निर्माण व उत्पादन में मदद करते हैं। इमाम ने कहा,वर्ष 2002 में जब शांगहाई के कर्मचारी यहां आये, तो उन्होंने यह सुझाव पेश किया कि या तुंग में एक वन संसाधन कारखाना की स्थापना की जाए। चूंकि चीनी औषधि क्षेत्र में मेरी कुछ जानकारी हैं, इसलिए मुझे कारखाने का प्रधान नियुक्त किया गया। उस समय कारखाने की स्थापना के लिए कुल लगभग 10 लाख से ज्यादा पूंजी डाली गयी थी। वर्ष 2004 में जब शांगहाई के कर्मचारी शांगहाई वापस लौटे, तो या तुंग काऊंटी की सरकार ने मुझ से आशा की कि मैं कारखाने को आगे विकसित करुं। इस तरह मैंने स्थानीय सरकार से दो लाख चीनी य्वान का कर्ज लेकर इस कारखाने को शुरु किया ।

स्थानीय सरकार के समर्थन से , कई वर्षों के बाद, इमाम ने इस कारखाने का विकास किया। कारखाने का पैमाना भी निरंतर बढ़ता रहा। अब यह कारखाना वन संसाधन की प्रोसेसींग करने वाला एक बड़ा कारखाना बन गया है और या तुंग काऊंटी का प्रमुख कारखाना भी है, जिस की हर वर्ष की शुद्ध आमदनी एक लाख चीनी य्वान से भी ज्यादा होती है।

हू मींग ---- या तुंग संसाधन कारखाना का सभी कच्चा माल कहां से आता है।

श्याओ यांग----कच्चे संसाधन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए इमाम खुद ही गांवों में जाते हैं। शुरु में मोटर गाड़ी नहीं थी, तो वे पैदल या तुंग काऊंटी के विभिन्न गांवों में जाते थे। वे अकसर पूरे हफ्ते गांवों में चलते थे और लोगों के घरों से कच्चा माल खरीदते थे। उन्होंने कहा,बचपन से ही चीनी औषधि के प्रति मेरी रुचि रही है। इस प्रक्रिया में मैंने जड़ी बूटी खरीदी। जैसे छ्योंगछाओ, जो एक ऐसी विशेष जड़ी-बूटी है, जो गर्मी में घास का रुप ले लेती है, औऱ सर्दियों में कीड़े का रुप ले लेती है।उसे बहुत मूल्यवान चीनी औषधि माना जाता है। एक किलो वालेछ्योंगछाओ का दाम 1 लाख 40 हजार य्वान से 1 लाख 60 हजार य्वान तक हो सकता है, जबकि 40 से 60 हजार चीनी य्वान का दाम भी हो सकता है, लेकिन, उन के बीच की गुणवत्ता में भारी भिन्नता हैं। या तुंग काऊंटी में हर वर्ष के अप्रैल और मई माह में स्थानीय लोगछ्योंगछाओ खुदाई करते हैं।उसी वक्त पहाड़ों पर बर्फ भी होती है, औरछ्योंगछाओ बड़ा है और घास छोटी है। इसलिए, यह सब से अच्छी गुणवत्ता वाला छ्योंगछाओ है, जिस का दाम 70 से 80 हजार चीनी य्वान तक होता है। जून माह में छ्योंगछाओ का दाम 50 से 60 हजार चीनी य्वान तक होता है, जबकि जुलाई माह में छ्योंगछाओ की गुणवत्ता सब से खराब है।

इमाम के अनुसार, वे आम जनता से 1लाख 20 हजार य्वान में एक किलो छ्योंगछाओ खरीदते हैं और कारखाने में प्रोसेसिंग करने के बाद एक किलो में दो तीन हजार से चार पांच हजार चीनी य्वान का मुनाफा हासिल कर लेते हैं।

शुरु में स्थानीय लोगों से कच्चा माल खरीदने के बाद इमाम केवल सरल प्लास्टिक बैग में रखकर दूसरों को बेच देते थे। अब बाजार की मांग बढ़ने के बाद उन्होंने उत्पाद की पैकिंग पर ज्यादा ध्यान देना शुरु किया है। उन्होंने भीतरी चीन के छनतु आदि शहर जाकर पैकिंग की डिजाइन और उत्पाद की अच्छी तरह पैकिंग करना सीखा, जिस ने बड़े हद तक बाजार प्रतिस्पर्द्धा शक्ति को उन्नत किया है। कई वर्षों के विकास के बाद, कारखाना का व्यापार दिन ब दिन बढ़ रहा है। कारखाने में अनेक पुराने उपभोक्ता हैं । चीन के भीतरी इलाके के छन तु, शांगहाई और क्वांग च्यो आदि विभिन्न शहरों में इमाम के उपभोक्ता हैं। रोज देश के विभिन्न स्थलों से आये उपभोक्ता या तुंग आकर वन संसाधन के उत्पाद खरीदते हैं। कुछ लोग खुद आने के अलावा, अपने परिवारजनों या मित्रों को भी यहां लाकर वन संसाधन के उत्पाद खरीदते हैं। इमाम इमाम ने संवाददाताओं से कहा कि पहले लोगों ने केवल सुना है कि या तुंग में अनेक वन संसाधन हैं, फिर भी कोई भी यहां नहीं आया। अब उन्हें पता लगा कि यहां के वन संसाधन प्रचुर हैं और किस्में भी ज्यादा हैं, इसलिए, पहले की तुलना में अब यहां अधिक लोग आने लगे हैं।

हू मींग ------या तुंग सीमांत पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है, तो यहां का माल कैसे बाहर भेजे जाता हैं।

श्याओ यांग----- पहले माल को या तुंग से गाड़ियों से ल्हासा भेजा जाता था और विमान द्वारा ल्हासा से देश के विभिन्न स्थलों को भेजा जाता था। अब छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के खुलने के बाद माल रेल गाड़ियों से देश के विभिन्न स्थलों तक भेजा जा सकता है। यातायात में सुविधा आने की वजह से यहां अधिक लोग आने लगे हैं।

छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के खुलने के बाद यहां आने वाले लोगों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। इस वर्ष या तुंग आकर वन संसाधन के उत्पादों को खरीदने के लिए लोगों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।

अब या तुंग काऊंटी में केवल वन संसाधन के विकास से स्थानीय जनता को 10 लाख चीनी य्वान की आमदनी होती है। या तुंग काऊंटी की सरकार द्वारा वन संसाधन के कारखाने का विकास करने से स्थानीय विशेषता वाले अर्थतंत्र का विकास हुआ है।

हू मींग ----सुना है कि या तुंग के नथुरा पास में एक सीमांत बाजार खुला है।

श्याओ यांग-----हां, गत वर्ष या तुंग के नथुरा पास स्थित सीमांत बाजार का पुनः खोला गया। इस के बाद, स्थानीय सरकार ने वन संसाधन कारखाने को बाजार में दुकान खोलने के लिए प्रेरित किया। वे लोग तिब्बती औषधि छ्योंगछाओ और दूध के उत्पाद और ऊन、आदि उत्पादों से भारत के इत्र और हस्त-शिल्प आदि का माल खरीदते हैं।

खुद का जीवन बेहतर होने के साथ-साथ इमाम गांवों में गरीब चरवाहों को कभी नहीं भूलते हैं।उन के कारखाने में कार्यरत सभी मजदूर गांवों से आये हुए चरवाहे हैं। इन चरवाहों के लिए कारखाने में काम करना बहुत सौभाग्य की बात है। यहां उन्हें हर महीने 500 से 800 चीनी य्वान की आमदनी होती है और खाना-रहना मुफ्त है। इसलिए, वे लोग अक्सर यहां कई वर्षों तक रहते हैं।

इमाम उन के साथ रहते हैं और खाना खाते हैं। वे बहुत मेल से एक साथ रहते हैं।

इधर के वर्षों में देश के पश्चिमी भाग के जोरदार विकास की रणनीति और नए गांव की निर्माण नीति के कार्यान्वयन के तहत , देश ने चीन के तिब्बत में अनेक पूंजी निवेश किया है। छोटी या तु काऊंटी में भी भारी परिवर्तन आया है। इमाम ने कहा कि 20 वर्ष पहले , जब वे यहां आये, यहां ऊंची-ऊंची इमारतें नहीं थीं और सड़कें भी नहीं थीं। अब या तुंग में ऊंची ऊंची इमारतें हैं और चौड़ी-चौड़ी सड़कें हैं। उन के अनुसार, पहले की तुलना में आज का या तुंग और ज्यादा खुला है। या तुंग के प्रति बाहरी दुनिया की समझ भी बढ़ी है।

हू मींग ----- यह अच्छी बात है। अपने कारखाना का विकास करने के लिए इमाम की क्या योजना है।

श्याओ यांग---- इमाम ने हमें बताया कि इधर के वर्षों में या तुंग वन संसाधन कारखाना के उत्पाद का अच्छा बाजार है। पहले वे अपने कारखाने के उत्पादों को ल्हासा आदि बड़े शहरों में लाते हैं, अब बड़े शहरों के होटल या रेस्तराएं खुद या तुंग आकर उन के उत्पादों को खरीदते हैं। इमाम का एक सपना है कि उन का कारखाना एक कंपनी में बदल जाए। उन्होंने अपने उत्पादों के ब्रांड के बारे में भी सोचा है।

आइंदे मैं अपने उत्पादों को भीतरी इलाकों में बेचना चाहता हूं। मैं अपने कारखाना को एक कंपनी में बदलूंगा। मेरे उत्पादों के ब्रांड का नाम या लिन है, जिस का अर्थ या तुंग का वन संसाधन है।

हू मींग ------ सुना है कि इमाम की पत्नी एक तिब्बती हैं।

श्याओ यांग----ठीक कहते हैं।या तुंग में इमाम को अपना जीवन साथी भी मिला। उन्होंने एक सुन्दर तिब्बती लड़की से विवाह किया। अब उन के एक बेटा और एक बेटी है। वे बहुत खुशी से रहते हैं। इंटरव्यू के अंत में उन्होंने हमें निमंत्रण दिया।

सन्दर तिब्बत, खुला या तुंग विभिन्न तबकों के लोगों के आने का बड़ा स्वागत है।

अच्छा श्रोताओं, आज का कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। अब श्याओ यांग को आज्ञा दें, नमस्कार।

हू मींग ------नमस्ते।