हू मींग----यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। श्रोताओं को --- का नमस्ते।
श्याओ यांग---श्रोताओं को श्याओं यांग की भी नमस्ते।
हू मींग ----श्याओं यांग जी, आप की वर्तमान तिब्बत-यात्रा के दौरान, आप का जरुर अनेक तिब्बती महिलाओं से मिलना हुआ होगा।
श्याओ यांग---हां, अवश्य। मुझे अनेक तिब्बती महिलाओं से मिलने का मौका मिला है। जब मैंने रिखाजे के एक बीजा नामक गांव की यात्रा की, तो मैंने एक दूध उत्पाद कारखाना देखा , जहां मुझे एक परिवार की दो महिलाएं मिलीं। वे हैं एक सास और एक बहु।
हू मींग ----यह दिलचस्प बात है। सास और बहु का संबंध हमेशा ही बहुत कठिन होता है। वे दोनों कैसी हैं।
श्याओ यांग---शायद आप कल्पना नहीं कर सकते हैं कि वे दोनों बहुत अच्छी मित्र हैं और एक साथ घर का प्रबंध करती हैं।
हू मींग ---तो बताइये, वे किस तरह मेल से वे रहती हैं। उन का दैनिक जीवन कैसा है।
श्याओ यांग---जाशीराम बहु का नाम है, जो 21 साल की है। 17 साल की उम्र में उन्होंने विवाह किया। अपने दैनिक जीवन के बारे में जाशीराम ने बताया, रोज सुबह मैं जल्दी उठती हूं। इस के बाद, मैं गाय से दूध निकालती हूं। दिन में मैं घर का खाना बनाती हूं और कपड़े धोती हूं। फुरसत के समय, मैं अपनी सास की मदद करती हूं और दूध उत्पाद कारखाने में काम करती हूं।
जाशीराम के मां-बाप का घर पति के घर से 50,60 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। वे अपने आज के जीवन के प्रति बहुत संतुष्ट हैं।उन्होंने हमें बताया कि यहां का जीवन मां-बाप के घर से बेहतर है, और बीजा गांव भी रिखाजे के नजदीक स्थित है। हर वर्ष वे तीन बार मां-बाप के यहां जाती हैं और पति भी कभी-कभी उन के साथ जाते हैं।
हू मींग ----श्याओ यांग जी, मेरा एक सवाल है। जाशीराम का घर पति के घर से दूर है। वे कैसे एक दूसरे को जानते थे।
श्याओ यांग----हां, हमने भी यह सवाल पूछा था। लेकिन,जाशीराम इतनी शर्मीली है कि वह तुरंत अपने घर में अंदर दौड़ गई और बाहर नहीं आयी। उन के पति जाशी ने हमारे सवाल का जवाब दिया। उन्होंने हमें बताया कि दोनों पक्षों के माता-पिता के इरादे से उन के बीच विवाह हुआ था।
हू मींग ----आजकल चीन के शहरों में युवक अपने आप जीवन साथी चुनते हैं। माता-पिता के अनुसार विवाह करना बहुत कम होता है।
श्याओ यांग-----सच कहते हैं। लेकिन, श्री जाशी ने कहा कि हालांकि विवाह करते समय वे एक दूसरे को नहीं जानते थे, फिर भी चार वर्षों के बाद अब उन के बीच गहरा प्रेम है। वे एक दो सालों के बाद बच्चा भी चाहते हैं।वे अपने जीवन के प्रति बहुत संतुष्ट हैं।
आज का जीवन अच्छा है। मैं अपने मां-बाप के साथ रहता हूं।एक कारखाने के अलावा, हमारी एक दुकान भी है, जिस में दूध उत्पाद को छोड़कर घी भी बेचा जाता है। मेरी माता जी दुकान चलाती है । एक वर्ष में हमारे घर की आमदनी 80 से 90 हजार चीनी य्वान तक पहुंच जाती है।
क----वाओ, हमारे शहरवासियों के लिए वार्षिक आमदनी 90 हजार चीनी य्वान भी ज्यादा है।
श्याओ यांग----हां, इस लड़के ने कहा कि अब उन के घर में सभी विद्युत उपकरण उपलब्ध हैं,जैसे रंगीन टी वी, रेफरीजरेटर,वाशिंग मशीन आदि आदि। उन के घर में किसी भी घरेलू उपकरण का अभाव नहीं है।
हू मींग ----धनी बनने के बाद क्या उन्होंने सोचा कि वे भी बाहर जाकर पर्यटन करें ।
श्याओ यांग----हां, श्री जाशी ने कहा कि उन्होंने तिब्बत के च्यांग जी और ल्हासा आदि स्थलों की यात्रा की थी। अब वे चीन के भीतरी इलाके का दौरा करना चाहते हैं। चीन के शांगहाई और छंनतु आदि शहर उन के सब से पसंदीदा शहर हैं।
हू मींग ----आप ने कहा था कि श्री जाशी के परिवार ने खुद एक कारखाने की स्थापना की है। आप इस कारखाने के बारे में कुछ बताइये।
श्याओ यांग----उन का कारखाना बहुत बड़ा नहीं है, फिर भी आसपास के गांवों में बहुत मशहूर है। क्योंकि इस कारखाना द्वारा उत्पादित दूध उत्पाद बहुत स्वादिष्ट हैं और शुद्ध भी ।
हू मींग -----तो उन्होंने किस तरह इस कारखाने की स्थापना की ।
श्याओ यांग----वर्ष 2001 में रिखाजे में गौ-पालन की परियोजना शुरु हुई। और यहां बीजा गांव एक मिसाइल गांव माना जाता था। शुरु में गाय खरीदने के लिए सरकार ने आधे पैसे दिये और किसान ने आधे पैसे खुद लगाए। मिसाल के लिए, यदि एक गाय का दाम 10 हजार चीनी य्वान है, तो सरकार को 5 हजार चीनी य्वान देना है और किसान को 5 हजार चीनी य्वान । इतना ही नहीं, किसान सरकार को कोई कर नहीं देते हैं। जाशी के घर में कुल आठ गाय हैं। बीजा गांव में कुल 100 परिवार हैं, और हर एक परिवार में गाय हैं। इसलिए, जाशी की माता जी च्वोमा अपने घर में दूध उत्पाद का कारखाना खोलना चाहती थीं। वे ऐसा सोचती थीं और ऐसा करना चाहती थीं। उन्होंने सीधे किसानों से दूध खरीदा और कारखाने में दूध उत्पाद बनाया। किसानों के लिए और च्वोमा के लिए यह अच्छी बात है। सुश्री च्वोमा ने कहा,
हम कभी छूठ नहीं बोलते हैं और किसानों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं। हमारे उत्पाद केवल दूध और चीनी से बनाये जाते हैं। फिर भी कुछ लोगों ने दूध व चीनी के अलावा, तोफू और आटे आदि को मिला कर दूध उत्पाद बनाए हैं। इसी वजह से हमारे दूध उत्पाद की गुणवत्ता अच्छी है और स्वादिष्ट भी। स्थानीय सरकारी विभाग भी हमारा पूरा विश्वास करते हैं।
हू मींग -----सच कहती हैं। यदि एक आदमी दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करता है, तो जरुर दूसरे लोग भी उस के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं। यह दैनिक जीवन में एक नियम है।
श्याओ यांग---इसी वजह से च्वन मा का कारखाना दिन ब दिन मशहूर होने लगा।हर वर्ष की अगस्त में ल्हासा शहर में श्वेईद्वन त्योहार मनाया जाता है। उसी मौके पर, सुश्री च्वो मा अक्सर अपने दूध उत्पाद लाकर त्योहार के मेले में भाग लेती हैं। इतना ही नहीं, आजकल तिब्बत के ल्हासा आदि बड़े शहरों से भी लोग विशेष रुप से च्वो मा के कारखाने में आकर दूध उत्पाद खरीदते हैं।
हू मींग ---- बाजार की बड़ी मांग के अनुसार, क्या सुश्री च्वो मा के पास अपने कारखाने को बड़ा बनाने की योजना है।
श्यओ यांग----हां है।सुश्री च्वो मा और श्री जाशी ने सभी कहा कि वे कारखाने के पैमाने को बढ़ाना चाहते हैं। स्थानीय सरकार ने भी उन्हें प्रेरित करने के लिए मदद देने का निर्णय लिया है। सुश्री च्वो मा ने कहा कि उन्होंने अपने दूध उत्पाद के लिए सी खांग नामक ब्रांड भी निश्चय किया।
हू मींग ---क्या सी खांग का कोई अर्थ है।
श्याओ यांग----हां, जरुर। चीनी में सी का अर्थ चाहना है, जबकि खांग का अर्थ स्वास्थ्य। सी खांग का अर्थ स्वास्थ्य चाहना है।
हू मींग ----इतना अच्छा ब्रांड है। कोई भी इसे पसंद करेंगा।
श्याओ यांग-----सुश्री च्वो मा अपनी समृद्धि के साथ-साथ गांव वासियों को भी नहीं भूली हैं। उन्होंने गरीब किसानों को अपने कारखाने में काम करने का मौका दिया और उन्हें मदद दी। सुश्री च्वो मा के अनुसार,
हमारे तिब्बती क्षेत्र में एक नियम है, यानी जब एक व्यक्ति धनी बनता है, तो अपने गांव वासियों को कभी नहीं भूलता है। हम भी ऐसा करती हैं। हम ने आसपास के गांव के पांच गरीब किसानों को अपने कारखाने में काम दिया, उन के मकान बनाने में उन्हें मदद दी और पैसे दिये।मेरा विचार है कि खुद धनी बनने के बाद आम जनता को नहीं भूलना चाहिए।
हू मींग ----ठीक कहती हैं।
श्याओ यांग----सुश्री च्वो मा ने हमें बताया कि पहले के जीवन की तुलना में आज का जीवन बहुत अच्छा है। वे बहुत खुश हैं।
पहले हमारे घर में साइकिल भी नहीं थी, लेकिन, आज हमारे घर में मोटर गाड़ी है। हमारे पास मोबाइल फोन है, कम्यूटर है और सभी घरेलू उपकरण हैं। कारखाने में भी स्वचलित मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। आप देखिये कि हम अब दो मंजिला इमारत में रहते हैं। जबकि पहले यह हमारी कल्पना के बाहर की बात थी।
सुश्री च्वो मा ने हमें बताया कि उन के घर में बहुत मेल-मिलाप है। घर में कुल आठ आदमी हैं और सब लोग मेल से रहते हैं।
घर में तीन बच्चे हैं। बड़े बेटे का विवाह हो चुका है। बहु बहुत अच्छी लड़की है और घर का अच्छी तरह प्रबंध करती है। बेटी तो भीतरी इलाके के छंग्तु शहर के मीडिल स्कूल में पढ़ती है, जबकि छोटा बेटा रिखाजे के मीडिल स्कूल में पढ़ता है।
हू मींग ----बेटे बेटी से सुश्री च्वो मा की क्या उम्मीद है।
श्याओ यांग-----उन्होंने हमें बताया कि वे आशा करती हैं कि बेटा बेटी मेहनत से पढ़ेंगे , बाद में विश्वविद्यालय में जाएंगे और स्नातक होने के बाद वे दोनों समाज के लिए उपयोगी आदमी बन सकेंगे। जब हम ने सुश्री च्वो मा से पूछा कि क्या वे थकान महसूस करती हैं, तो उन्होंने कहा कि हालांकि वे व्यस्त रहती हैं, फिर भी वे खुश हैं। उन्होंने कहा कि उन के घर के सुखी जीवन का श्रेय चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और केंद्रीय सरकार की अच्छी नीति को जाता है। बिदाई लेते समय उन्होंने अपने बेटे बहु के साथ हमारे लिए एक गाना गाया और केंद्रीय सरकार के प्रति आभार प्रकट किया।
हू मींग ----अच्छा श्रोताओं, आज का कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। अब आज्ञा दें, नमस्कार।
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