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(GMT+08:00) 2007-09-18 16:43:09    
स्वर्ग मार्ग से विश्व की छत पर परिवर्तन

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गत वर्ष की पहली जुलाई को विश्व में सब से ऊंचे और सब से लम्बे पठारीय रेल मार्ग---छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू हुआ, जिस से चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में रेल मार्ग न होने के इतिहास समाप्त हो गया । पिछले एक साल से ज्यादा समय में छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग ने युगांतरकारी महत्व वाले परिवहन रास्ते के रूप में तिब्बत के आर्थिक विकास में जबरदस्त वृद्धि की है और छिंगहाई-तिब्बत बर्फीले पठार में नयी जीवन शक्ति का संचार किया है ।

गीत----

इस समय आप सुन रहे हैं तिब्बती गायिका पासांग द्वारा गाया गया गीत《स्वर्ग मार्ग》। यह तिब्बती जनता द्वारा छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के लिए विशेष तौर पर रचा गया गीत है । गीत के बोल हैं

वह ही है एक आश्चर्यजनक रास्ता

मातृभूमि की चिंता को तिब्बत के विभिन्न स्थलों तक पहुंचाता है

बाद में हमें

पहाड़ कभी ऊंचा

और रास्ता लम्बा नहीं लगता

विभिन्न जातियों के लोग खुशहाल एक साथ रहेंगे

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री निमा त्सेरन ने कहा कि《स्वर्ग मार्ग》गीत के बोल बिलकुल सही हैं । पिछले एक साल में छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग से तिब्बत में भारी परिवर्तन आया है । उन का कहना है:

"पिछले एक साल में छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग का अच्छी तरह संचालन हुआ है । मैं अपने देश को धन्यवाद देता हूँ कि उस ने तिब्बत में रेल लाइन न होने का इतिहास समाप्त किया है । इस से तिब्बत के आम जीवन व उत्पादन आदि क्षेत्रों में भारी परिवर्तन आया है । सर्व प्रथम तिब्बत आने वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है । पहले मैं चिंतित होता था कि सर्दियों में रेल गाड़ी का प्रयोग करने वाले पर्यटकों की संख्या कम होगी । लेकिन एक साल के तथ्य से जाहिर है कि मेरी चिंता बेकार थी । सर्दियों में भी पर्यटकों की संख्या में कमी नहीं आई है ।"

छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग ने तिब्बती किसान व चरवाहों के जीवन में सुख लाने वाले पुल का काम किया है । वर्तमान में रेल स्टेशन के आसपास एक के बाद एक रेस्तरां और दुकानें खुल गयी हैं । अनेक तिब्बती किसान व चरवाहे रेलवे स्टेशन पर काम करने लगे हैं और उन की आय पहले से कहीं अधिक हो गयी है ।

तिब्बत के श्रमिक बाज़ार में अवसर पैदा होने के साथ-साथ छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग से तिब्बत के लोजिस्टिक्स व यातायात के विकास में भी लाभ हुआ है । इस वर्ष के जुलाई माह में 5100 मीटर ऊंचे पठार पर उत्पादित मिनरल वॉटर"5100 तिब्बती हिमनदी मिनरल वॉटर"छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के जरिए भीतरी इलाके और विदेशों में पहुंचाया जाने लगा है । इस तरह ज्यादा से ज्यादा लोग शुद्ध तिब्बती मिनरल पानी पी सकते हैं ।"5100 तिब्बती हिमनदी मिनरल वॉटर"कंपनी की मैनेजर सुश्री च्यांग श्याओहोंग ने कहा कि उन की कंपनी तिब्बत मिनरल पानी परियोजना के विकास का मुख्य कारण रेल मार्ग का शुरु होना है । सुश्री च्यांग श्याओहोंग ने कहा:

"हम ने छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के निर्माण के पूर्व संबंधित सूचना प्राप्त की और फिर अपना कारखाना स्थापित करने का फैसला किया । रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने के बाद के पिछले एक साल से ज्यादा समय में तथ्यों से यह साबित हुआ है कि हमारा निर्णय बिलकुल सही था ।"

यातायात संस्थापनों के अभाव और असुविधापूर्ण स्थिति के कारण तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास में बड़ी बाधा थी । छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने से बड़ी हद तक मार्ग व हवाई परिवहन पर पड़ा दबाव भी कम हुआ है।तिब्बत आने-जाने के परिवहन के खर्च में भी कमी आई है और तिब्बत की प्रतिस्पर्द्धा शक्ति भी उन्नत हुई है ।

तिब्बत के उत्तरी भाग में स्थित नाछ्वू प्रिफैक्चर में कुल चार लाख की जनसंख्या है । इस जगह को तिब्बत के पूर्वी और पश्चिमी भागों को जोड़ने वाला पुल माना जाता है । छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग उत्तर से दक्षिण तक नाछ्वू प्रिफैक्चर से गुज़रता है । इस प्रिफैक्चर में रेल मार्ग की लम्बाई 500 किलोमीटर से ज्यादा है । नाछ्वू प्रिफैक्चर के जिम्मेदार अधिकारी श्री थान योंगशो ने जानकारी देते हुए कहा कि छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने से नाछ्वू प्रिफैक्चर तिब्बत का सब से बड़ा लोजिस्टिक्स केंद्र बन गया है । श्री थान योंगशो का कहना है:

"छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात सेवा शुरू होने के बाद हमारे नाछ्वू प्रिफैक्चर के आर्थिक विकास में बड़ा लाभ हुआ है । हम आधुनिक लोजिस्टिक्स उद्योग का विकास करेंगे । चीनी रेल मंत्रालय की योजना है कि अरब 50 करोड़ य्वान की धनराशि प्रदान कर नाछ्वू रेलवे स्टेशन पर करीब 533 हैक्टर वाले एक मिश्रित लोजिस्टिक्स केंद्र की स्थापना की जाएगी । इस के साथ ही हमारे यहां उत्पादों की प्रोसेसिंग वाले लोजिस्टिक्स केंद्र भी स्थापित होगें, जिन का प्रयोग वर्ष 2008 की पहली अक्तूबर को किया जाएगा । मुझे लगता है कि इस से नाछ्वू के आर्थिक व सामाजिक विकास में बड़ा लाभ पहुंचेगा ।"

छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग से तिब्बत के पर्यटन उद्योग में भी बड़ा परिवर्तन आया है । पहले तिब्बत आने वाले पर्यटक आम तौर पर स्वयं कार चलाने वाले पर्यटक थे । लेकिन आज ज्यादा से ज्यादा लोग पर्यटन दलों में लेकर तिब्बत की यात्रा पर आते हैं । रेल गाड़ी से तिब्बत जाना एक ओर विकल्प बन गया है। पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी से तिब्बत का पर्यटन उद्योग धीरे-धीरे ऋतुओं के प्रभाव से छुटकारा पा रहा है।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन ब्यूरो से मिले आंकड़ों से पता चला कि इस वर्ष की जनवरी से मई तक तिब्बत में आने वाले पर्यटकों की संख्या और कुल पर्यटन आय इन दो क्षेत्रों में प्राप्त सूचकांक में गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में तीस प्रतिशत की वृद्धि हुई है । ज्यादा से ज्यादा पर्यटक तिब्बत आकर बर्फीले पठार के विशेष व सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों को देखते हैं, इस के साथ ही तिब्बत की परम्परागत संस्कृति का प्रसार भी किया जाता है ।

छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग से तिब्बत का आर्थिक विकास भी आगे बढ़ा है । साथ ही चीन तिब्बत पठार के पारिस्थितिकी पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर दे रहा है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण विभाग के प्रधान श्री चांग योंगजे ने कहा कि छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने से उत्पन्न पर्यावरण सवाल के मुकाबले के लिए तिब्बत ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कड़े कदम उठाए हैं । उन्होंने कहा:

"छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर औपचारिक यातायात सेवा शुरू होने के पूर्व हम ने पर्यावरण सवाल पर ध्यान दिया और उठाए जाने वाले कदमों पर विचार-विमर्श किया । इस रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने से उद्योग व पर्यटन के विकास को लाभ मिलेगा, आने-जाने वाले व्यक्तियों और माल की संख्या बढ़ेगी । इस तरह हम ने अनुरोध किया कि निर्माणाधीन सभी परियोजनाओं को अपने तैयारी काल में ही पर्यावरण का आकलन करना चाहिए । हम उच्च स्तर पर और पहले से अधिक पर्यावरण संरक्षण में भाग लिया ।"

एक उच्च कारगर, वैज्ञानिक व तकनीकी तथा पर्यावरण संरक्षण वाला छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग तिब्बत स्वायत्त प्रदेश को तेज़ आर्थिक विकास के रास्ते पर ला रहा है । वर्ष 2010 तक चीन सरकार छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग पर ल्हासा से शिकाजे तक के भाग समेत 180 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण करने और तिब्बती किसान व चरवाहों के जीवन स्तर को उन्नत करने के लिए सत्तर अरब य्वान का अनुदान करेगी । हमें विश्वास है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का भविष्य और उज्ज्वल होगा ।