अब प्रस्तुत सी .आर .आई हिन्दी कार्यक्रमों के बारे में देवरिया उत्तर प्रदेश के शाहनवाज अलाम का पत्र । अलाम लिस्नेर्स क्लब के अध्यक्ष शाहनवाज अलाम का यह पत्र बहुत सालों से हमें मिला है । फिर भी उन के इस पत्र में सी.आर .आई के हिन्दी प्रसारण के प्रति व्यक्त गहरी लगाव भावना से हमें बड़ा प्रोत्साहन प्राप्त हुआ । तो हमारे साथ आप भी श्री शाहनवाज अलाम के इस पत्र का विषय जान जाएं ।
आप के सभी कार्यक्रम रोचक एवं ज्ञानवर्धक होते हैं , जिन की तारीफ हम शब्दों में नहीं कर सकते । चीन का भ्रमण , चीन का संक्षिप्त इतिहास , चीन की अल्पसंख्यक जाति , चीन में निर्माण एवं सुधार , सांस्कृतिक जीवन यह सभी ऐसे कार्यक्रम हैं , जिन के द्वारा हमें चीन के बारे में अधिक से अधिक जानकारियां प्राप्त होती रहती है ।
वैस सी .आर .आई के चाहने वालों की संख्या दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही है । जो भी सी .आर .आई के कार्यक्रमों को एक बार सुन लेता है, उसे सी .आर .आई के लाजवाब कार्यक्रम अगले दिन सुनने पर विवश कर देते हैं । सच मानिए तो हम जैसे श्रोताओं को आप का कार्यक्रम सुनते समय न तो भूख लगती है और नही प्यास लगती। सी .आर.आई के कार्यक्रमों में वह कशिश वह अपनापन झलकता है कि हमें कार्यक्रम सुने बिना आराम ही नहीं मिलता।
आज दिनांक पहली अप्रैल 2007 को कार्यक्रम तिब्बत के बारे में रिपोर्ट सुना , जिस में तिब्बती भूदासों के विषय में बताया गया । कार्यक्रम पसंद आया एवं साथ ही साथ यह जान कर काफी दुख हुआ कि प्राचीन काल में तिब्बती भूदासों के साथ पशुओं जैसा व्यवहार किया जाता था ।
आज ही कार्यक्रम चीनी गीत संगीत में चीनी गायिका ल्लू चिनशान द्वारा गाये कुछ चीनी गीत सुना , जो कि हमें काफी पसंद आया । हालांकि मैं चीनी भाषा जानता तो नहीं , लेकिन गीत काफी उत्साहवर्धक साबित हुआ ।
हमें विश्वास है कि श्री शाहनवाज अलाम का यह उत्साहवर्धक पत्र सुन कर आप लोगों को भी बहुत अच्छा लगा और उत्साह भी मिला । हम श्रोता मित्रों के ऐसे पत्र का बहुत स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि श्रोतागण हमारे स्टाफों को कार्यक्रमों को बेहतर बनाने के लिए उत्साहित करने वाले पत्र लिख कर भेजेंगे , जिस से हमें उत्साह प्राप्त होगा ।
रतलाम मध्य प्रदेश के बलवंत कुमार वर्मा का पत्र । बलवंत कुमार वर्मा जी ने पत्र में भारत के प्रमुख त्यौहार होली के बारे में कुछ लिखा और इसे कार्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया । तो हम उन के अनुरोध को स्वीकार किया और यहां उन का यह पत्र पढ़ कर सुनाएंगे , आशा है कि श्रोताओं को पसंद आएगी ।
आज के दिन भारत में अपार उत्साह देखने को मिलता है । होली के दिन वातावरण रंगों से भर गया है । प्राचीन काल में भारत में हिरण्य कश्यप एक घमंडी राजा था , जो अपने आप को भगवान मानता था । उस का पुत्र प्रहलाद भगवान का भक्त था , वह उस के पिता को भगवान मिने को कतई तैयार नहीं था । हिरण्य कश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ षड़यंत्रकर प्रहलाद को मारने की योजना बनायी । होलिका को वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी । वह अपने भतीजे प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गयी ,किन्तु प्रहलाद बच गया और होलिका जल कर राख हो गयी । बुराई पर अच्छाई की जीत हुई । तब से भारत में होली का त्यौहार बिना भेदभाव के मनाया जाता है , गुलाल और रंग एक दूसरे पर डाला जाता है । भगवान श्री कृष्ण की होली भी यहां प्रसिद्ध है । चार मार्च को होली के मौके पर आप की पसंद कार्यक्रम में रंगों और मनोरंज से भरपूर गीत सुन कर सी .आर.आई के प्रति अपनेपन की भावना को पत्र में नहीं लिखा जा सकता , सिर्फ अनुभव किया जा सकता है ।
आप इस कार्यक्रम में अधिक पत्र शामिल करेंगे ,तो अधिक खुशी होगी , मध्य प्रदेश के हमारे मालवा क्षेत्र में तेरह दिनों तक होली मनायी जाती है ।
बलवंत कुमार वर्मा जी, आप ने होली पर अच्छा पत्र लिखा है , साथ ही होली के मौके पर सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रम आप की पसंद की तारीफ की । सच है कि भारत में तरह तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं , जिन के संदर्भ में प्राचीन ऐतिहासिक कथाएं निहित हैं । त्यौहार मनाने में मानव की इच्छा और अभिलाषा प्रकट हुई है , जैसा कि होली के लिए बुराई पर अच्छाई की विजय की अभिलाषा व्यक्त होती है और न्याय का समर्थन किया जाता है । इसलिए त्यौहार मानव जाति की अभौतिक सांस्कृतिक अवशेष के रूप में युनेस्को द्वारा मान्य है और संरक्षित होता है । हम चाहते हैं कि भारत या अन्य किसी भी देश में त्यौहार हमेशा हमेशा लोगों को खुशी लाएगा और जिस से शिक्षा भी दिलाएगा । सार्थक पत्र के लिए श्री बलवंत कुमार वर्मा जी को बहुत बहुत धन्यावाद।

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