आज के इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के माधव चन्द्र, बिहार के दिलीप निराला ,मऊ उत्तर प्रदेश के इर्शाद अहमद अंसारी और उन के साथी, उत्तर प्रदेश के कालका प्रसाद कीर्तिप्रिय के पत्र शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल के माधव चन्द्र पूछते हैं कि चीन में कितनी राजनीतिक पार्टियां हैं?
चीन में कुल 9 राजनीतिक पार्टियां हैं।चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सत्तारूढ पार्टी है,बाकी 8 जनवादी पार्टियां हैं।वे है चीनी कोमिंगतांग की क्रांतिकारी कमेटी,चीन लोकतांत्रिक संघ,चीन जनवादी राष्ट्रीय निर्माण संघ,चीन जनवादी संवर्द्धन संघ,चीनी किसान मजदूर जनवादी पार्टी,चीन चीकोंगतांग पार्टी,च्युसान सोसाइटी और थाइवान जनवादी स्वायत्त शासन संघ।
चीन में जनवादी पार्टियां कम्युनिस्ट पार्टी की घनिष्ठ सहयोगी हैं न कि विपक्षी पार्टी,जो राजनीतिक मामलों में भाग लेती हैं।चीन में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में बहुदलीय सहयोग व्यवस्था लागू है। इस के तहत सत्तारूढ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी शासन चलाने में अन्य 8 जनवादी पार्टियों से मदद लेती है। जनवादी पार्टियां सलाह देती हैं और शासन में हिस्सेदारी भी करती हैं। इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने की देखरेख जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन करता है।चीनी कम्युनिस्ट पार्टी 8 जनवादी पार्टियों के साथ दीर्घकाल के लिए सहयोग करने,एक दूसरे पर निगरानी रखने,एक दूसरे के प्रति ईमानदार रहने और सुखदुख में हिस्सेदार होने को वचनबद्ध है।
बिहार के दिलीप निराला पूछते हैं कि क्या चीन में राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते है?
चीन में राष्ट्रीय पर्व जरूर मनाए जाते हैं।वे मुख्यतः नए साल का दिवस,वसंत्तोत्सव,श्रमिक दिवस औऱ राष्ट्रीय मुक्ति दिवस हैं।इन उत्सवों के दौरान 3 से 5 दिनों की छुट्टियां रहती हैं और लोग आम तौर पर उन का लाभ उठाते हुए विदेश या देश के किसी पर्यटन स्थल के दौरे पर जाते हैं।चीन में दीपोत्सव,पूर्णिमा दिवस और त्यान ऊं दिवस जैसे छुट्टियां रहित पर्व भी हैं।
मऊ उत्तर प्रदेश के शाहीन रेडियो लिस्नर्स क्लब के इर्शाद अहमद अंसारी और उन के साथियों का सवाल है क्या चीन में सांसदों और विधायकों को वेतन मिलता है ?सांसदों और विधायकों को किस प्रकार चुना जाता है ?और इन का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?
चीन में सांसदों और विधायकों की बजाए जन प्रतिनिधि हैं। वे सभी अपनी-अपनी संस्थाओं द्वारा चुने जाते हैं और जन प्रतिनिधि की भूमिका निभाने के दौरान कभी संस्थाओं के कामकाज से नहीं कटते हैं। इसलिए उन्हें जन प्रतिनिधियों के रूप में नहीं,कार्यकर्ताओं या कर्मचारियों के रूप में ही अपनी-अपनी संस्था से वेतन मिलता है।
चीन में संसद या विधानसभा के स्थान पर जन प्रतिनिधि सभा काम करती हैं।काऊंटी और उस से निचले स्तर की जन प्रतिनिधि सभाओं के सदस्य प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होते हैं।लेकिन काऊंटी से ऊपर के स्तर की जन प्रतिनिधि सभाओं का चुनाव अपरोक्ष निर्वाचन से होता है।मसलन,राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के सदस्य प्रांतों,स्वायत्त प्रदेशों और केंद्र शासित शहरों के जन प्रतिनिधियों द्वारा निर्वाचित होते हैं। उन का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है।
इर्शाद अहमद अंसारी यह भी पूछते हैं कि चीन के किनते नागरिकों को नोबेल पुरस्कार मिला है? यहां का प्रतिष्ठित पुरस्कार क्या है?
अब तक चीन के किसी भी नागरिक को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला है,पर चीनी मूल के 5 अमरीकी विशेषज्ञों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं।वें हैं यांग जंग-निंग,ली जंग-ताओ,उ चैन-शुंग,चू ली-वन और छ्वे-छी।
चीन के विभिन्न जगतों के अपने-अपने पुरस्कार हैं। उदाहरणार्थ फिल्म जगत का स्वर्ण मुर्गा पुरस्कार,सौ पुष्प पुरस्कार,टी.वी जगत का स्वर्ण बाज पुरस्कार,ऑपेरा जगत का श्वेत लीली पुरस्कार,नृत्य जगत का स्वर्ण कमल पुरस्कार,साहित्य जगत का माओ-तुन पुरस्कार,खेल जगत का 10 श्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार,विज्ञान तकनीकी जगत का आविष्कार व प्रगति पुरस्कार,पत्रकारिता जगत का थाओ-फंग पुरस्कार और फ़ान छांग-च्यांग पुरस्कार,रेडियो प्रसारण जगत का इंद्रधनुष पुरस्कार आदि सब के सब राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार हैं।
उत्तर प्रदेश के कालका प्रसाद कीर्तिप्रिय पूछते हैं कि चीन में मतदान के समय मतदान-पत्र कैंसे दिया जाता है?
चीन में काऊंटी और काऊंटी से निचले स्तर की जन प्रतिनिधियों के चुनाव में जो तरीका अपनाया जाता है,वह भारत में प्रचलित ढंग से मिलता-जुलता है।यानी कि मतदान से लगभग आधे महीना पहले संबंधित जिम्मेदार संस्थाएं अपनी देखभाल वाले क्षेत्रों के नागरिकों तक मतदान-पत्र पहुंचाती हैं।नागरिक अच्छी तरह सोच-विचार के बाद अपनी इच्छानुसार किसी निश्चित मतदान-केंद्र में स्थापित मतपेटियों में मत-पत्र डालते हैं।
शहरी,प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तरों के जन प्रतिनिधियों का चुनाव विशेष अधिवेशनों में होता है और मतदान इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन के सहारे संपन्न किया जाता है।

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