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(GMT+08:00) 2007-09-13 14:13:53    
पेह चन ल्वे शान पर्वत चीन के दस प्रसिद्ध पर्वतों में एक जाना जाता है

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प्रिय दोस्तो , क्या आप जानते हैं कि चीन में शानतुंग प्रांत में थाई शान पर्वत , शेनशी प्रांत में ह्वा शान पर्वत , मध्य चीन में ह नान प्रांत में सुंग शान पर्वत , शानशी प्रांत में हंग शान पर्वत और हू नान प्रांत में हंग शान पर्वत हैं ,जिन्हें वू य्वे कहा जाता है। जबकि शानतुंग प्रांत के ई शान पर्वत , शेन शी प्रांत का ऊ शान पर्वत , चच्यांग प्रांत का ह्वी ची शान पर्वत , ल्याओ निंग प्रांत का ल्वे शान पर्वत और शान शी प्रांत का हो शान पर्वत चीनी वू चन के नाम से जाने जाते हैं । उक्त दस पर्वतों को मिलाकर प्रसिद्ध चीनी दस पर्वत बनते हैं । पहले हम इसी चीन के भ्रमण कार्यक्रम में चीन के प्रसिद्ध वू य्वे यानी पांच पर्वतों में से प्रथम नम्बर वाले पर्वत थाई शान पर्वत का दौरा कर चुके हैं । थाई शान पर्वत की भव्यता और सुंदरता ने आप पर गहरी छाप छोड़ी होगी । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को वू य्यू में से एक ल्वे शान पर्वत का दौरा करने ले चलते हैं ।

ल्वे शान पर्वत का पूरा नाम है ई वू ल्वे शान ।वह उत्तर पूर्वी चीन के ल्याओ निंग प्रांत के पेह चन शहर के उपनगर में स्थित है । 630 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला यह पर्वत 45 किलोमीटर लम्बे पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित है और उस की प्रमुख चोटी समुद्र की सतह से 900 मीटर ऊंची है । ईसापूर्व 2200 में चीन की प्रादेशिक भूमि 12 जिलों में बटी हुई थी। ई वू ल्वे शान को 12 जिलों में से एक यो जिला स्थिर बनाने वाले पर्वत से सम्मानित किया गया । इस तरह पिछले हजारों वर्षों में हरेक राजवंश के राजाओं ने अपने शासन की मजबूती की आशा लिये इस पर्वत पर पहाड़ देव की पूजा के लिये मंदिर बनवाये , फिर बड़ी तादाद में हस्तियां व विद्वान लगातार यहां आने लगे । धीरे-धीर इस स्थल ने अलग ढंग वाले प्राकृतिक व मानवीय दृश्य का रूप ले लिया ।

ई वू ल्वे शान रमणीक स्थल के प्रधान श्री ऊ थाइ युंग ने इस पर्वत के नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि ई वू ल्वे पर्वत का वास्तव में चीनी अल्पसंख्यक जातियों में से एक मंगोल जाति की एक शाखा तुंग हू जाति की बोली में अर्थ है हरा-भरा पर्वत ।

ई वू ल्वे पर्वत चीनी राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र और राष्ट्रीय प्राथमिकता प्राप्त रमणीक पर्यटन स्थल है। पर्वत पर अनोखे प्राकृतिक दृश्य हैं और मानवीय व सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत अत्यंत पुरानी है । ई वू ल्यू पर्वत की तलहटी में स्थित पेह चन मंदिर का निर्माण आज से कोई एक हजार वर्ष पहले हुआ था और वह वर्तमान में चीन में सब से अच्छी तरह संरक्षित मंदिर माना जाता है । यह मंदिर पर्वत के सहारे निर्मित हुआ है और उस के प्रमुख भवन सात प्रांगणों में सुव्यवस्थित रूप से खड़े हैं ।

पेह चन मंदिर का क्षेत्रफल 50 हजार वर्गमीटर बड़ा है। मंदिर में सांस्कृतिक व ऐतिहासिक अवशेषों की बहुतायत है , जिन में अनेक राजवंशों के शिलालेख भी शामिल हैं । ये बेशुमार शिलालेख चीन के य्वान , मिंग व छिंग इन तीनों राजवंशों के राजनीतिक , आर्थिक व सांस्कृतिक अध्ययन करने वाली मूल्यवान ऐतिहासिक सामग्री है ।

इस रमणीक पर्यटन स्थल के प्रधान श्री ऊ थाई यूंग ने इस तरह परिचय देते हुए कहा कि क्योंकि चीन का उत्तर पूर्वी क्षेत्र आज से कोई 800 साल पहले के ल्याओ राजवंश और तीन सौ पहले के छिंग राजवंश के शाही परिवारों का जन्मस्थल है , इसलिय ई ऊ ल्यू पर्वत पर उक्त दोनों राजवंशों द्वारा छोड़े गये बहुत से सांस्कृतिक व ऐतिहासिक अवशेष पाये जाते हैं ।