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(GMT+08:00) 2007-09-11 13:39:07    
सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण के बारे में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं

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अब आप के आगे है बुलंद शहर उत्तर प्रदेश के दीप्ती वैश्य का पत्र , उन्हों ने पत्र में कहा कि मैं सी .आर .आई हिन्दी विभाग के पुराना श्रोता हूं , मैं प्रतिदिन चारों टाइम आप लोगों का प्रसार किया गया अनुष्ठान सुनता हूं । मैं आप लोगों को एक सुझाव देता हूं कि शाम को जो तीन टाइम अनुष्ठान प्रसारित करते हैं , इसी तरह दिन के वक्त भी तीन टाइम अनुष्ठान प्रसारित करने से हमारा सी .आर .आई हिन्दी विभाग और जनप्रिय हो जाएगा । और फोन पर कार्यक्रम कम से कम हफ्ते में एक बार जैसा रविवार करने से श्रोताओं के लिए और लोकप्रिय हो सकेगा । जैसा कि बी बी सी हिन्दी विभाग हर रोज श्रोता दोस्तों से फोन पर बात करता है । इसलिए संवाददाता से लगातार बात करने से अनुष्ठान के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल हो सकता है ,जैसा बी बी सी का स्थानीय चैनल एफ एम है , दिल्ली और ढाका के आस पास एफ एम चैनल है । इसी तरह हमारा सी .आर .आई के लिए भी नई दिल्ला , लखउन , पटना और जयपुर आदि शहर में हिन्दी का चैनल होना चाहिए । इस से श्रोता आसानी से सी. आर .आई कार्यक्रम सुन सकते हैं , जैसा कि खराब मौसम में लाइन कट हो जाता है , तो अनुष्ठान सुन नहीं सकता ।

मैं आशा करता हूं कि सी .आर .आई बीबीसी से भी जनप्रिय हो जाए और हम लोग समान कोशिश करेंगे , तो सी .आर .आई दुनिया का नम्बर एक चैनल हो जाएगा ।

हम श्री दीप्ती वैश्य जी को कोटि कोटि धन्यावाद देते हैं कि आप ने सी .आर .आई के आगे विकास के लिए अच्छे अच्छे सुझाव पेश किए हैं । हम जरूर आप के सुझावों पर ध्यान देंगे , जब सुविधा मिली , तो उसे अमल में लाने की कोशिश करेंगे ।

कोआथ बिहार के सुनील केशरी का पत्र आप के सामने है , श्री सुनील केशरी हमारे सक्रिय पुराने श्रोता मित्र हैं ,उन्हों ने हर साल अनेक पत्र भेज कर सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रमों पर अपनी रायें बतायी , तो इस बार उन्हों ने क्या क्या लिखा ।

श्री सुनील केशरी ने कहा कि सी .आर .आई बीते जमाने में सिर्फ दो बार कार्यक्रमों का नियमित रूप से प्रसारण करता था , लेकिन वर्ष 2004 में सी .आर .आई के तीन प्रसारण से श्रोताओं को नया उपहार मिला । इस के बाद वर्ष 2005 में सी . आर .आई ने हद कर दी और चार प्रोग्राम लगातार प्रसारित करके सभी श्रोताओं को अपने कार्यक्रमों से बांध लिए , क्यों कि बीते कुछ वर्ष में सी . आर .आई के कार्यक्रमों में काफी गुणवत्ता आयी है और सुधार की प्रक्रिया लगातार जारी है , सी .आर .आई का मैं पुरजोर समर्थन करता हूं ।

श्री सुनील केशरी ने कहा कि आप का पत्र मिला कार्यक्रम में श्रोताओं द्वारा भेजे गए अच्छे अच्छे पत्रों को आप ने शामिल किया , कार्यक्रम इतना बढिया लगा कि दिल करता हूं कि सुनता ही रह जाऊं । कार्यक्रम में हमारे दो पत्रों को सुन्दर ढंग से पढ़ कर शामलि किया गया और आप का पत्र मिला कार्यक्रम में पत्र लिखने का जो अवसर दिया गया वह काबीले तारीफ है । मैं सी .आर .आई का दिवाना हूं । आप के द्वारा प्रस्तुत खेल जगत कार्यक्रम में बराबर ध्यान दे कर सुनता हूं । और अपने क्लब में एक क्रिकेट टीम की स्थापना की है , जिन में 15 खिलाड़ी है ,टीम का नाम है एकशन क्रिकेट क्लब , आज तक मैं सी .आर .आई से जो भी सुनता हूं , उस को अपने क्लब के रजिस्ट्रड में दर्ज करता हूं , ताकि हमेशा याद रहें ।

श्री सुनील केशरी को हम कोटि कोटि धन्यावाद देते हैं कि आप ने न सिर्फ पिछले सालों से हमारा हिन्दी प्रसारण सुनते आए हैं , पत्र नियमित लिखते हैं और विशेष खेल जगत पर ध्यान भी देते हैं और कार्यक्रमों के विषयों को रजिस्ट्रड में भी याद करते हैं । इस से हमें बहुत प्रेरणा मिली है , हमारी हार्दिक कामना है कि आप ने जो क्रिकेट टीम की स्थापना की है , वह अपने लक्ष्य में कामयाब हो ।

काल्क प्रसाद कीर्ति प्रिय भी हमारे सक्रिय पुराने श्रोता मित्र हैं , उन्हों ने समय समय पर हमें लिख कर सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रमों पर समीक्षा की । अब भी उन का एक पत्र लायी हूं , देखिए , उन का क्या कहना है ।

शाओ थांग और आलोक मेहता की आवाज में चीन और भारत को आपस से विश्वास बढ़ा कर व्यापार के क्षेत्र में आगे बढ़ने का विश्वास प्रस्तुत किया । दोनों देशों की दोस्ती यूरोप को आंख पिलाने की हिम्मत नहीं करने देगी य मेहता साहब के विचार सटीक है ।

चाओ ह्वा दीदी ने चीन का भ्रमण प्रस्तुत किया . चीन के पश्चिमी प्रदेश शानसी प्रांत की राजधानी शिआन के एक घर पर चर्चा हुई । शिआन चाओ ह्वा जी की जन्म भूमि है , शिआन ने विदेश से खुले द्वार नीति से दरवाजा खोल दिया । यहां की दीवार की चर्चा सुनी , यहां का घर राजा द्वारा अच्छी शिक्षा वाले परिवार प्रदान किया गया और यहां पर चीनी मिट्टी के बर्तनों में रखी मछलियां घर की शोभा में चार चांद लगाती हैं ।

चाओ ह्वा जी ने चीन में विदेशी छात्रों की संख्या एक लाख दस हजार बतायी है , जो 178 देशों की है , जिसे भविष्य में चीन सरकार और बढ़ाएगी । चीन में 500 तरह के उद्योग की बैठक हुई और इस की चर्चा प्रगतिशील रही । आज का तिब्बत में जीवित बुद्ध सुसुरो और खेल अधिकारी तिब्बती महिला ने पेइचिंग 2008 ओलिंपाक खेलों का समर्थन किया , आज का तिब्बत कार्यक्रम सुन्दर रहा ।

यहां मैं सी .आर .आई हिन्दी परिवार की ओर से काल्क प्रसाद कीर्ति जी को धन्यावाद देती हूं कि आप ने कार्यक्रमों पर इतनी अच्छी रायें लिख कर बतायी । हम आप के नए नए पत्रों के इंतजार में हैं ।

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