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(GMT+08:00) 2007-09-11 13:31:41    
सुंदर लड़की और अन्य गीत

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दोस्तो, ली श्वांग च्यांग चीन के प्रसिद्ध गायक है और उन के द्वारा गाए गए सिंच्यांग स्वायत प्रदेश के लोकगीतों बहुत लोकप्रिय है। गायक ली श्वांग च्यांग का जन्म चीन के उत्तर पूर्व में हारपिन शहर में सन 1939 में हुआ था। बचपन से ही उसे संगीत का बहुत शौक था, गीत गाने में उस की विशेष रुचि रही है। हाईस्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद उस ने चीन के प्रसिद्ध संगीत विद्यालय 'चीनी केंद्रीय संगीत विद्यालय' की प्रवेश परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करके राष्ट्रीय छात्रवृत्ति में प्रथम स्थान हासिल किया। वर्ष 1963 में ली श्वांग च्यांग ने संगीत की शिक्षा पूरी की और उत्तर पश्चिम में चीन के सिंच्यांग प्रांत में सेना कमांड की कला मंडली में काम करना शुरु कर दिया।

सिंच्यांग प्रांत में चीन की वेवुर, कज्जाक आदि दसेक अल्प संख्यक जातियां रहती हैं। वहां संगीत की बहुत पुरानी,जीवंत सांस्कृतिक परम्परा है। ली श्वांग च्यांग वहां दस साल रहे। इस दौरान उन्हें सिंच्यांग की लोकसंस्कृति, लोकगीतों का अध्ययन करने का अवसर मिला। इस के आधार पर उन्होंने संगीत की विशेष निजी शैली विकसित की है। ली श्वांग च्यांग के विचार में संगीत में रुचि रखने वाले और संगीत सीखने वाले यदि सिंच्यांग नहीं आते हैं, तो बाद में इस का उन्हें पश्चाताप होगा कि वे यहां क्यों नहीं आए।

उन्होंने कहा कि--सिंच्यांग की संगीत सभ्यता हमारे लिए एक बड़ा विश्वविद्यालय है और संगीत का यहां रत्न भंडार है। इस समय सिंच्यांग के लोकगीत न केवल सिंच्यांग में अपितु दुनिया में व्यापक रूप से फैले हुए हैं। और यहां के संगीतज्ञ और उन के मधुर गीत लोगों में बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय हैं।

गीत 1 मेरा फूल

दोस्तो, अब सुनिए सिंच्यांग का लोकगीत, जिसका शीर्षक है—मेरा फूल। यह कज्जाक जाति का एक प्रेमगीत है। गीत का विषय है—कज्जाक जाति के एक युवा द्वारा अपने प्रेम का प्रदर्शन।

सिंच्यांग स्वायत्त प्रदेश गीत नृत्य की दृष्टि से चीन में बहुत प्रसिद्ध है। अपने लम्बे इतिहास में यहां विभिन्न जातियों के लोगों ने मिलकर रंगबिरंगी संगीत की संस्कृति का निर्माण किया है। यहां के वेवुर, कज्जाक, तत्तार आदि जाति के लोग नाचने गाने में बहुत कुशल हैं। बच्चे, बूढ़े, जवान हर आदमी किसी भी जगह, किसी भी समय विशेषकर उत्सव, त्योहार, विशेष दिवस के दौरान नाचने गाने में पीछे नहीं रहते। सिंच्यांग में 10 साल रहने के दौरान ली श्वांग च्यांग ने लोगों के साथ मिल-जुल कर उन की संस्कृति और कला, विशेषकर संगीत की विशेषताओं को आत्म सात किया है। उन्होंने कहा कि सिंच्यांग के बहुत से लोकगीतों का इतिहास बहुत प्राचीन है। इन में भाईचारे की भावना की गहरी अभिव्यक्ति हुई है। मैंने बेबुर, कज्जाक, तत्तार जाति के भाईचारे की भावना से खुद भाईचारे की भावना सीखी है। हम अल्पसंख्यक जाति के संगीत का अच्छी तरह विकास करेंगे।

गीत 2 तूथा और मारिया

दोस्तो, अब सुनिए कज्जाक जाति का एक लोकगीत जिसका शीर्षक है—तूथा और मारिया। इस गीत का विषय तूथा तथा मारिया के प्रेमी जीवन के बारे में है।

ली श्वांग च्यांग को "आलामुहान"शीर्षक गीत बहुत पसंद है। इस गीत की लय बहुत जीवंत और ऊर्जा से भरी हुई है। इस के बोल बहुत मजेदार हैं। गीत में फूल जैसी सुंदर लड़की की प्रशंसा की गई है। ली श्वांग च्यांग ने लोकसंगीत की विशेषताओं के साथ इस गीत को गाया है। इस गीत के बारे में ली श्वांग च्यांग ने कहा कि आलामुहान एक लड़की का नाम है। इस गीत में बहुत अपनापन है और इस के बोल बहुत सरल हैं जो आसानी से लोगों की जुबान पर चढ़ जाते हैं। इस गीत की लय भी बहुत ताजगी भरी है।

पिछली शताब्दी के आठवें दशक से ली श्वांग च्यांग न केवल गीत गा रहे हैं बल्कि गीतों का अध्ययन, अध्यापन भी कर रहे हैं। उनके बहुत से छात्रों में से कई आज प्रसिद्ध चीनी गायक और संगीतज्ञ हैं।

गीत 3  सुंदर लड़की

दोस्तो, अब सुनिए यह गीत जिसका शीर्षक है—सुंदर लड़की। गीत के बोल हैं—मैंने हजारों सुंदर लड़कियां देखी हैं लेकिन तुम्हारे जैसी सुंदर लड़की कोई नहीं देखी। तुम सुबह के सूरज की लालिमा की तरह ताज़गी भरी हो।