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(GMT+08:00) 2007-09-10 14:09:00    
कर्मचारी कविता के माध्यम से अपनी भावनाएँ प्रकट कर रहे हैं

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बाजार अर्थतंत्र के विकास के साथ चीन में विभिन्न कारोबार उत्पन्न हुए जिन के भीतर बहुत से कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों से आते रहे हैं । पर कुछ कारोबारों में लाभ पाने के बाद मजदूरों के कल्याण व अधिकारों पर ज्यादा महत्व नहीं है। इस स्थिति के सुधार के लिए सरकार और समाज की विभिन्न जगतों ने अथक प्रयास किया है। उन्होंने मजदूरों के अधिकार और खासकर सांस्कृतिक जीवन के अधिकार की सक्रिय रक्षा की है और इसके लिए बहुत सी गतिविधियों का आयोजन भी है । पर किसान मजदूर खुद भी अपना रंगबिरंगे जीवन पाने के लिए इच्छुक हैं। उन्हों ने बहुत माध्यम से अपने दिल की बात बताना चाहते हैं , कविता उन में से एक ।

आज के विशविकरण के माहौल में प्रेरणात्मक रचनाएँ रचना अपने आप में एक चुनौती भरा काम है लेकिन जब बात कविता रचने की हो तो बात और भी उलझ जाती है। हाल ही में पश्चिमी चीन के छिंगहाई प्रांत में संपन्न अंतर्राष्ट्रीय छिंगहाई समारोह में चीन के विख्यात कवियों ने इस बात पर चर्चा की कि आज के इंटरनैट के दौर में चीनी कविता की निकट भविष्य में उत्थान होगी या पतन होगी।

लेकिन हाल के वर्षो में चीन में एक नया अध्याय खुली है और वह है ग्रामों और अंदुरुनी इलाकों से शहर में आ बसे कर्मचारियों के द्वारा रची कविताएँ। नगरों में आ बसे ये मेहनती लोग मेहनती होने के अलावा काफी भावुक होते हैं और कविता की रचना भावों और उनसे प्रेरणा के बगैर कविताएँ रची नहीं जा सकती।

अमेरिका के एक मशहूर आधुनिक कवि वैलेस स्टीवेन्स ने एक बार कहा, कविता मानक और उसके बाहर के संसार के बीच के रिशते को दर्शाता है। चीन के प्रवासी कर्मचारी अपने कठिन परिश्रम से अपने कार्य स्थलों में कान करते वक्त कई नये और अनोखे अनुभव महसूस करते हैं। इन भावों को ही वे अपने कविताओं में प्रकट करते हैं। उनके कविताओं में उनके दुख-दर्द, खुशी और गम, महत्त्वकांक्षाएँ और इनके रास्ते में चुनौतियाँ सभी कुछ देखने को मिलते हैं। उनकी कविताओं में इतना भाव होता हैं की कुसी के भी ह्रदय को छू ले और कई बार इनके कविताओं से उनके कठिन जिंदगी के बारे में जानने को मिलता है।

उदाहरण के लिए एक कवि चांग को ही ले लीजिए। उनके कविताओं के माध्यम से वो कहते हैं की कार्य-स्थलों में हाथों में और शरीर के अलग हिस्सों में काम करते वक्त कर्मचारियों को कई बार कई चोटें लगती हैं और शहरों में निवास करने से उनके तन को ही नहीम बल्कि मन को भी प्रभावित किया है लेकिन फीर ङी उन्हें कभी भी नहीं लगता है की उनकी संसार किसी भी तरह से शहरों से जुड़ी हुई हैं।

चंग षिआओछिंग दूसरे आम मजदूरों की ही तरह एक कारखाने में काम करतीं हैं और पिछले वर्ष उनको चीन की सबसे बड़ी साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेकिन वे कभी भी अपने सहकर्मियों को अपने बारे में कुछ नहीं बताती हैं औऱ वे कर्मचारी 245 से जानी जाती हैं। चंग के पास कार्यालयों में काम पाने के लिए अनेक मौके थे लेकिन उन्होंने सभी को नकार दिया। उनका कहना है की उनके कार्य-स्थल से उनको प्राप्त अच्छे और बुरे अनुभव उनके कविताओं का श्रोत होते हैं और वे किसू भी हाल में अपना काम बदलना नहीं चाहतीं। चंग जैसे कवियों को शहरी लोगों के द्वारा उन पर प्रवासी मजदूर कवि का मोहर लगाने पर काफी नाराजगी होती हैं।

षिए षिंगनान, जो खुद एक कवि हैं, कहते हैं की , कोई भी कवि अपने नीजि जिंदगी के आम अनुभवों को व्यक्त करता हैं और उस वजह से कवियों और कविताओं का वर्गीकरण करना गलत है। आज के इंटरनैट के दौर पर ओनलाईन ऐसे कविताओं के माध्यम से शहरीकरण और आद्योगिकरण से ग्रामीणों के जिंदगी में हो रहे बदलावों के बारे में जानने को मिलती हैं।

हम सभी लोगों को, आम नागरिक, धनवान, सभी लोगों का कर्त्तव्य बनता है की हम सरकार से हाथ मिलाकर शहरी वासियों और ग्रामीणों में भेद भाव न करें और संतुलित समाज के लिर्माण में अपना भूमिका निभाए।