nनानचिंग आर्थिक और प्रौद्योगिक विकास क्षेत्र के चार कार्य क्षेत्र हैं- औद्योगिक क्षेत्र, वाणिज्य और व्यापार क्षेत्र, और सेवा क्षेत्र।
भूगौलिक अवस्थिति: नानचिंग आर्थिक और प्रौद्योगिक विकास क्षेत्र, नानचिंग शहर के उत्तरपूर्वी क्षेत्र के उपनगर, जो नानचिंग शहर के केंद्रीय स्थल से पांच कि.मी की दूरी पर स्थित है।
नानचिंग आर्थिक और प्रौद्योगिक विकास क्षेत्र षिनशंगयु विदेशी व्यापार बंदरगाह, जो चीन की सबसे बड़ी समुद्र तटीय भूभाग वाली बंदरगाह है, और दूसरी यांग त्स नदी के ब्रिज से काफी नजदीक में स्थित है।
संसाधन और यातायात:षिनशंगयु बंदरगाह की गहराई 12 मीटर है और एक समय में वो 2,500 टन वाले 12 समुद्री जहाजों को शरण दे सकता है। यहां से माल 78 देशों के 188 बंदरगाहों को दस अंतर्राषट्रीय समुद्री रास्तों से भेजा जाता है। इस बंदरगाह की वार्षिक क्षमता विदेशी व्यापार के लिए कुछ 10 मिलियन टन है और कंटेनरों के आधार पर इसकी क्षमता 300,000TEUs है।
रोड:दूसरी यांग त्स नदी ब्रिज इस क्षेत्र से गुजरती है। इस क्षेत्र में रोड नानचिंग शहर के रिंगरोड सेवा से, नानचिंग-शांगहाई एक्सप्रेसवे से, और छह राज्य स्थरों वाली राज्यमार्गों से सीधी जुड़ी हुई हैं।
रेलवे:उत्तरी नानचिंग लूप रेलवे नानचिंग आर्थिक और प्रौद्योगिक विकास क्षेत्र और बंदरगाही क्षेत्रों से सीधे जुड़ी हुई है। याओहुआमन रेलवे केंद्र, जो पूर्वी चीन की सबसे बड़ी रेलवे हब है, के द्वारा, उत्तरी नानचिंग लूप रेलवे चिन-पु, हू-निंग, और वान-कान रेलवे से जुड़ी हुई हैं।
हवाईअड्डा:नानचिंग आर्थिक और प्रौद्योगिक विकास क्षेत्र नानचिंग लूखो अंतर्राषट्रीय हवाईअड्डा से 50 कि मी दूर है जो राज्यमार्ग में सवार करने से 40 मिनट की दूरी पर है।
मानव संसाधन:नानचिंग आर्थिक और प्रौद्योगिक विकास क्षेत्र नानचिंग षिएनलिन उच्चविद्यालय शहर के काफी निकट स्थित है, जिसके वजह से अनुसंधान और जानकारी के लिए योग्यता का एक बहुत बड़ा श्रोत है।
औद्योगिक ढाचा:नानचिंग आर्थिक और प्रौद्योगिक विकास क्षेत्र के 70 प्रतिशत से भी अधिक उत्पादन हाई-टेक वस्तुएँ हैं। इस क्षेत्र के छह मुख्य उद्योग हैं- एलोक्ट्रोनिक्स, बायो-फार्मसी, हल्के औद्योगिक मेशिनरी, रिफाइंड रसायन उद्योग, नये मशीनरी और औद्योगिक लोजिस्टिक्स और उनका स्टोरेज। ये सभी उद्योग इस क्षेत्र के 90 प्रतिशत उत्पादन में नानचिंग आर्थिक और प्रौद्योगिक विकास क्षेत्र का योगदान है।
पूंजिनिवेश:पूंजिनिवेश प्राथमिकता के आधार पर पहली श्रेणी के छह उद्योग हैं- एलोक्ट्रोनिक्स, बायो-फार्मसी, हल्के औद्योगिक मेशिनरी, रिफाइंड रसायन उद्योग, नये मशीनरी और औद्योगिक लोजिस्टिक्स और उनका स्टोरेज। दूसरी श्रेणी में निर्यात --- उद्योग और तीसरी श्रेणी में आई टी उद्योग को पूंजिनिवेश में प्राथमिकता दी गयी है।
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