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(GMT+08:00) 2007-09-04 08:41:03    
हिन्दी प्रसारण के बारे में विभिन्न श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं

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यह मुजफ्फरपुर बिहार के दीपक कुमार दास का पत्र उद्धहरण है।

श्री दीपक कुमार दास ने अपने पत्र में हमारे विभिन्न हिन्दी कार्यक्रमों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि खेल जगत के अन्तर्गत पेइचिंग ओलिंपिक स्टेडियमों के निर्माण पर रिपोर्ट सार्थक था , यह बात सारे विश्व में तय है कि आगामी 2008 का ओलिंपिक खेल पेइचिंग में होने जा रहा है , उस में आधुनिक तौर तरीके से विशेष व्यवस्था की जा रही है , लेकिन ओलिंपिक स्टेडियम के निर्माण के काफी खर्च हो रहा है । पेइचिंग के 2008 ओलिंपिक खेल को एक विश्व के आधुनिक खेल का रूप देने के लिए चीन सरकार पूर्ण रूप से उसे विश्व के महत्व की प्रेणा देता है ।

श्री दीपक कुमार दास ने यह भी लिखा है कि वर्ष 1937 में जापान द्वारा चीन पर आक्रमण किए जाने पर समीक्षा सुना । बहुत दुख होता है कि चीन शांति प्रिय देश है और वहां बुद्ध की पूजा की जाती है । लेकिन जापानी फासिस्ट सेना ने चीन पर आक्रमण कर विश्व में एक घिनौना कार्य किया था । आज जापान अपने की दोस्ती कह कर प्रकाशित पुस्तक में दर्शाता है ।

जीवन और समाज में चीन के क्रांतिकारी पर्यटन विकास पर चर्चा सुना , चीन एशिया का एक बहुत आकर्षक देश है , यहां की पहाड़ी झील, वन और नदियां विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है । चीन का सछवान प्रांत एक प्रमुख पर्यटन केन्द्र है , इस के पर्यटन क्षेत्र से एक अरब य्वान की आमदमी बढ़ी है । इस का घास मैदान काफी आकर्षक केन्द्र है ,इन दिनों सछ्वान प्रांत का पर्यटन बहुत विकसित हुआ है, वहां लाल पर्यटन की प्रर्दशनी लगी है , इस से अधिक चीनी पर्यटकों का दिल जीत लेता है । वर्ष 2005 को लाल पर्यटन बड़े धुमधाम से मनाया गया ।

दीपक कुमार दास के पत्र पढ़ने के बाद अब आप के सामने है नारनौल हरियाणा के उमेश कुमार शर्मा का पत्र , उन्हों ने इस पत्र में विशेष रूप से तिब्बत के बारे में कार्यक्रमों की चर्चा की । श्री उमेश ने पत्र के शुरू में कहा कि आप की रिशेप्सन विश्व के अन्य किसी भी प्रसारण संस्था से उच्च कोटि की है । इस के लिए आप बधाई के पात्र हैं ,क्योंकि जहां प्रसारण की गुणवत्ता भी श्रेष्ठ स्तर की है , तथा आवाज पूर्ण रूप से स्पष्ट हो , तो सोने में सुहागा चरितार्थ होता है ।

आज के मेरे प्रिय कार्यक्रम आज का तिब्बत सुना , जिस में तिब्बत के विष्य में जानकारी के साथ साथ श्रोता बंधुओं के पत्रों के उद्धरण भी सुने । मेरे विचार में वर्तमान समय में आज का तिब्बत कार्यक्रम अपने उच्च कोटि स्तर का है । इस में तिब्बत की जो तस्वीर पेश की जा रही है , उस को देखते हुए तो चीन सरकार द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यक्रम सरकारी की तिब्बत के प्रति गंभीरता का सूचक है । ये यहां के नागरिकों के लिए बेहद लाभप्रद सिद्ध हो रहे हैं । सच में पिछले कुछ समय से चीन सरकार ने यहां की तस्वीर ही बदल कर रखी है । चीनी गीत संगीत कार्यक्रम सुना , जिस में गायिका ई सू छिन द्वारा गाए मधुर लोक गीतों का रसास्वादन किया । इन गीतों में मायके के रास्ते पर और तुम जानते हो या नहीं विशेष रूप से अच्छे लगे । कार्यक्रम के दूसरे भाग में गायिका हा हुई का परिचय तथा मधुर गीत भी सुने , गीत बहुत अच्छे लगे ।

श्री उमेश कुमार ने यह भी लिखा है कि मेरे मत में सी .आर .आई विश्व की एक अग्रणी प्रसारण संस्था है , जिस से ना केवल चीन अपितु विश्व की विभिन्न घटनाओं का विवरण प्रस्तुत किया जाता है । भारत में दिल्ली से सी .आर .आई ब्यूरो की रिपोर्ट बहुत नवीनतम , ज्ञानप्रद एवं प्रभावशाली होती है ।

आज के सांस्कृतिक चर्चा कार्यक्रम में श्याओ थांग जी द्वारा संगीतकार क्यूशु के विषय में जाना तथा उन के द्वारा रचित संगीत रचनाओं का रसास्वादन भी किया । उन का कथन कि सुन्दरता की खोज क्यू शु की रचना का आधारशिला है । परोपकार प्रत्येक व्यक्ति का अनिवार्य कृत्य है , कथन सत्य है ।

यह है बालाघाट मध्य प्रदेश के आर .के . बासल का पत्र । उन्हों ने अपने इस पत्र में सी .आर .आई के जवाबी लिफाफा की चर्चा में यों कहा कि आप के द्वारा श्रोताओँ को जवाबी लिफाफा भेजा जाता है , यह सी .आर .आई की अनुकरणीय पहल है ,इस से श्रोताओं की डाक व्यय का भार वहन नहीं करना पड़ता है , लेकिन मेरा सभी श्रोता से अनुरोध है कि वे इस का दुरूपयोग न करें । सभी कार्यक्रमों को सुन कर समीक्षात्म पत्र भेजें । पिछले कार्यक्रमों में आप ने डाक्टर कोटनीस के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी , डाक्टर कोटनिस ने समर्पण भावना से युद्ध के समय चीनियों की मदद की ।

बासल भाई ने पत्र में जो चर्चा की हैं , वह बिलकुल सही है , सी .आर .आई ने श्रोताओं का डाक भार उठाने का जो जवाबी लिफाफा भेजने का इंतजाम किया है , वह एक असाधारण हितकारी कदम है , जो विश्व की कोई भी दूसरी प्रसारण संस्था नहीं कर पाती है । इसलिए श्रोताओं से यह अनुरोध एकदम सही और अनिवार्य है कि आप इस जवाबी लिफाफा का सही सही प्रयोग करें , उस में सी .आर .आई के बारे में लिख कर वापल भेजे । चंद कुछ लोगों ने इसे दूसरी प्रसारण संस्थाओं को भेजा था , यह एक गलत कोशिश है , हमें आशा है कि वे ऐसा आगे ना करेंगे , क्यों कि यह लिफाफा अंत में हमारे पत पर आता है , इसलिए उन का पत्र भेजने का लक्ष्य बेकार भी हुआ और हमारी महंगी डाक व्यय भी हुई , दोनों तरफ के लिए अनर्थ हो गया ।

डाक्टर कोटनीस की कहानी तो चीनी लोगों में हमेशा याद रहती है और वे चीन भारत मैत्री का प्रतीक बन गए और बने रहेंगे । बासल को बहुत बहुत धन्यावाद है ।

गुर्दासपुर पंजाब के कोशलश्वर कुमार वर्मा ने पत्र में कहा कि सी .आर .आई के हिन्दी विभाग को नमस्ते । मैं सी .आर .आई हिन्दी कार्यक्रम सुनता हूं । अनेक पत्र भेजे , पर उत्तर नहीं मिले और न ही प्रसारण में मेरा नाम नहीं आया । हमारी चिट्ठियां व पहेलियां पढ़ कर कार्यक्रम को रूचिकर बनाओ , हम चीन संबंधी ज्यादा समाचार श्रोता तक पहुंचाना चाहते हैं । श्रोता वाटिका पत्रिका अच्छी है ,उसे भेजे और पेइचिंग रिव्यू भी भेजे । चीनी लड़कियों के हिन्दी में सुन्दर नाम रखे , जैसे शिखा , अपर्णा , सोमलता सुनन्दा आदि आदि । अनावश्यक लम्बे लम्बे समाचार में कटौती करो , तिब्बत के बारे में जानकारी बढ़ाओ , उस पर प्रसारण ज्यादा करो । चीन के भ्रमण पर नई नई बातें बताए और पेइचिंग विश्वविद्यालय के बारे में पूर्ण वर्णन के साथ प्रसारण कर दो ।

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