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(GMT+08:00) 2007-08-30 15:52:55    
चीनी जहाज़-निर्माण उद्योगों की सृजनात्मक कोशिश

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अंतर्राष्ट्रीय जहाज़-निर्माण उद्योग की आधिकारिक परामर्श संस्था---ब्रिटेन की क्लार्कसन अनुसंधान कंपनी ने हाल में अपनी सांख्यिकी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल के जून माह तक चीनी जहाज़-निर्माण उद्योगधंधों को प्राप्त बुकिंग विश्व में नम्बर दो के स्थान पर रही है । चीनी जहाज़-निर्माण उद्योगधंधों के व्यक्तियों ने संवाददाताओं को बताया कि चीनी जहाज़-निर्माण उद्योगधंधों को अपना ट्रेड मार्क प्राप्त मशहूर जहाज़ों का निर्माण करना चाहिये , नहीं तो चीनी जहाज़-निर्माण उद्योगधंधों की विश्व में प्रतिस्पर्द्धा शक्ति काफी बलवान नहीं हो सकेगी ।

वर्तमान में चीनी जहाज़-निर्माण उद्योग ग्रुप के तहत शांघाई वाइ-कौ-छिओ जहाज़-निर्माण कंपनी के बंदरगाह में 1 लाख 75 हजार टन स्तरीय दो कैपसाईज बल्क कैरियर खड़े हुए हैं। ये दोनों जहाज़ चीन द्वारा जापान के लिए निर्मित किए गए हैं ।

शांघाई वाइ-कौ-छिओ जहाज़-निर्माण कंपनी के चीफ इंजीनियर श्री थाऔ ईंग ने कहा कि कैपसाईज बल्क कैरियर परंपरागत शैली वाले जहाज़ हैं । पर चीन ने इन के निर्माण में भी ईंधन व्यवस्था आदि का तकनीकी सृजन किया है , और जहाज़ की डिजाइनिंग में हरे रंग वाला विचार शामिल किया है । जहाज़ के ग्राहक ने इसे बहुत पसंद किया है ।

कैपसाईज बल्क कैरियर का आयल बॉक्स परंपरागत डिज़ाइनिंग के अनुसार जहाज़ के निचले भाग में स्थित है , पर समुद्र में चलते समय अगर जहाज़ चट्टान के साथ टकरा जाए , तो तेल का बाहर तक रिसाव होने की संभावना रहती है। इसलिए हम ने अपनी डिज़ाइनिंग में आयल बॉक्स को जहाज़ के निचले भाग से ऊपरी भाग में कर दिया है ।

श्री थाऔ ने कहा कि उन की कंपनी ने 3 लाख टन वाले समुद्री तेल उत्पादन व भंडार जहाज़ का निर्माण भी समाप्त किया है । 24 करोड़ अमेरिकी डॉलर मू्ल्य लागत से बनने वाला यह जहाज़ समुद्र से उत्पादित तेल की सीधी प्रारंभिक प्रोसेसिंग कर सकता है । दुनिया में अभी तक केवल तीन ऐसे जहाज़ों का निर्माण किया गया है । चीन ने भी प्रथम बार आत्मनिर्भरता से ऐसे किस्म वाले जहाज़ों की प्रोसेसिंग व निर्माण किया है । इस जहाज के निर्माण में विश्व की चोटी वाली तकनीकों की जरूरत है , और शांघाई वाइ-कौ-छिओ जहाज़-निर्माण कंपनी भी ऐसी मुश्किल परियोजना समाप्त करने के जरिये विश्व के जहाज़-निर्माण उद्योग के 10 प्रमुख अग्रणियों में से एक बनी है ।

वर्ष 2006 में चीन ने कुल 1 करोड़ 40 लाख टन जहाज़ों का निर्माण किया , जो वर्ष 2005 की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक रहा । पर उसी वर्ष जहाज़ निर्माण उद्योगों का शुद्ध मुनाफा 9 अरब 60 करोड़ य्वान तक रहा , जो वर्ष 2005 की तुलना में 102 प्रतिशत अधिक है। स्पष्ट है कि मुनाफे की वृद्धि दर उत्पादन मात्रा से बहुत अधिक है । वर्तमान में विश्व में एक तिहाई भाग के तीन लाख टन स्तरीय तेल टैंकर चीन में निर्मांणाधीन हैं । इस के अलावा चीन ने विश्व स्तरीय सुपर कंटेनर जहाज़ तथा अनेक किस्म वाले समुद्र तेल उत्पादन फ्रंट आदि के अनुसंधान व निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है ।

वर्तमान में चीनी जहाज़-निर्माण उद्योग अपनी शक्ति को केंद्रित कर पो-हाई समुद्र , यांगत्सी नदी व जू-च्यांग नदी के डेल्टों पर तीन प्रमुख जहाज़-निर्माण अड्डों के निर्माण में लगा रहा है । इस संदर्भ में एक वरिष्ठ अधिकारी श्री च्यांग श्यांग मू ने वर्ष 2010 तक चीन के जहाज निर्माण उद्योग की विकास योजना का परिचय देते हुए कहा ,

हमारा लक्ष्य है कि उन्नतिशील जहाज़-निर्माण शक्ति तथा आत्म-निर्भर सृजनात्मक शक्ति के विकास से चीन के पांच प्रमुख उद्योगधंधे विश्व के पहले दस अग्रणियों की पंक्ति में और 20 चीनी कारोबारों में विश्व के पहले 50 अग्रणियों की पंक्ति में शामिल हो सकेंगे ।

इस के अतिरिक्त चीन का प्रथम जहाज़-निर्माण मापदंड – 'चीनी जहाज़-निर्माण उद्योगधंधों की उत्पादन शर्तों की बुनियादी मांग तथा मूल्यांकन उपाय'भी आगामी 1 अक्तूबर से प्रभावी किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मापदंड से चीनी जहाज़-निर्माण उद्योग में नियमित और सुव्यवहारिक तौर पर विकास के लिए मदद मिलेगी । और चीनी जहाज़-निर्माण उद्योग के स्तर को भी उन्नत किया जाएगा ।