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लू ची प्राचीन कस्बा च्यांगसू प्रांत के सू चओ शहर में है। समूचे कस्बे का कुल क्षेत्रफल सिर्फ एक वर्ग किलोमीटर से थोड़ा ही अधिक है । प्राचीन कस्बे लू ची के पश्चिमी छोर पर एक ऊंचा पत्थर का मंडप है , जिस पर प्राचीन कस्बा लू ची अंकित है ,उस को पार कर प्राचीन कस्बे लू ची का प्रतीकचिन्ह एक सिंग वाला लू त्वान देखा जा सकता है । इस अजीब रूप वाले जानवर लू त्वान के बारे में कहा जाता है कि वह तेजी से दौड़ने और अनेक प्रकार की सूचनाएं जानने में निपुण होता है । साथ ही वह विभिन्न क्षेत्रों की स्थानीय बोलियां भी समझ सकता है । इसलिये स्थानीय लोग उसे सुख चैन को बनाये रखने वाले देवता के रूप में मानते हैं । लू ची प्राचीन कस्बे में रहने वाली हमारी गाईड सुश्री वांग येन ने इस प्राचीन कस्बे का परिचय देते हुए कहा
लू ची प्राचीन कस्बे का इतिहास कोई दो हजार पांच सौ वर्ष पुराना है। इस का निर्माण चीन के वसंत शरद युद्धरत काल में हुआ था।
दोस्तो , मध्य चीन स्थित च्यांगसू प्रांत खूबसूरत जलीय स्थल के नाम से जाना जाता है और यहां विख्यात प्राचीन कस्बे भी हैं । उन में से दो हजार पांच सौ वर्ष पुराना लू ची प्राचीन कस्बा बहुत प्रसिद्ध है । आज के इस कार्यक्रम में हम आप के साथ इसी लू ची प्राचीन कस्बे का दौरा करने जा रहे हैं ।
लू ची प्राचीन कस्बा च्यांगसू प्रांत के सू चओ शहर में है। समूचे कस्बे का कुल क्षेत्रफल सिर्फ एक वर्ग किलोमीटर से थोड़ा ही अधिक है । प्राचीन कस्बे लू ची के पश्चिमी छोर पर एक ऊंचा पत्थर का मंडप है , जिस पर प्राचीन कस्बा लू ची अंकित है ,उस को पार कर प्राचीन कस्बे लू ची का प्रतीकचिन्ह एक सिंग वाला लू त्वान देखा जा सकता है । इस अजीब रूप वाले जानवर लू त्वान के बारे में कहा जाता है कि वह तेजी से दौड़ने और अनेक प्रकार की सूचनाएं जानने में निपुण होता है । साथ ही वह विभिन्न क्षेत्रों की स्थानीय बोलियां भी समझ सकता है । इसलिये स्थानीय लोग उसे सुख चैन को बनाये रखने वाले देवता के रूप में मानते हैं । लू ची प्राचीन कस्बे में रहने वाली हमारी गाईड सुश्री वांग येन ने इस प्राचीन कस्बे का परिचय देते हुए कहा
लू ची प्राचीन कस्बे का इतिहास कोई दो हजार पांच सौ वर्ष पुराना है। इस का निर्माण चीन के वसंत शरद युद्धरत काल में हुआ था। इस कस्बे के दक्षिण भाग की खुदाई में प्राप्त सांस्कृतिक व ऐतिहासिक अवशेषों के सर्वेक्षण से पता चला है कि कोई पांच हजार पांच सौ साल पहले यहां पर लोग रहते थे। मौजूदा प्राचीन कस्बे में एक नदी और दो सड़कों वाली वास्तु शैली आज भी बरकरार है। नदी के दोनों किनारों पर सौ वर्ष से अधिक पुराने मकान हैं और इन तमाम मकानों को दो भागों में बांटा गया है । आगे का भाग व्यापार करने के लिये दुकान का काम देता है , जबकि पिछवाड़े के भाग में लोग रहते हैं ।
जब पर्यटक लू ची प्राचीन कस्बे की पुरानी सड़क पर घूमने जाते हैं , तो चाहे पुरानी वास्तु शैली में बने मकान हों या गहरी गलियां हों , हर जगह पर्यटक प्राचीन कस्बे के माहौल को महसूस कर सकते हैं । लू ची प्राचीन कस्बे में नौ प्रमुख सड़कें हैं। सड़कों के दोनों किनारों पर खड़े अधिकतर मकान तीन चार सौ साल पहले चीन के मिंग व छिंग राजवंश कालों में निर्मित हुए हैं । चौड़े या संकरे सभी रास्तों पर गोल-गोल पत्थर बिछाये गये हैं और जितनी भी सड़कें दिखायी पड़ती हैं , वे सब की सब नदियों के दोनों किनारों पर हैं । इस से यहां के निवासी आने-जाने के लिए जल मार्ग का सहारा लेते हैं , और इन सड़कों के दोनों किनारों पर दुकाने ही दुकाने नजर आती हैं और यहां बहुत चहल-पहल रहती है। इस प्राचीन कस्बे में सभी मकानों की दीवारें काले रंग की हैं और दरवाजें व खिड़कियां लकड़ियों से बनायी गयी हैं । बहुत सी काली खपरैलों की दीवारों पर सुंदर चित्रकारी भी हुई है । लू ची कस्बे की सब से बड़ी विशेषता है कि अनेक नद नदियां यहां से होकर बहती हैं और बड़ी संख्या में छोटे-बड़े पुल बने हुए हैं । चीन के फू च्येन प्रांत के शा मन शहर से दूसरी बार यहां आने वाली पर्यटक सुश्री ल्यू ली मई ने कहा कि इस प्राचीन कस्बे में बहुत गहरा सांस्कृतिक वातावरण व्याप्त है, जलीय ग्रामीण माहौल भी बहुत मनमोहक है । पर्यटक यहां आ कर विविधतापूर्ण आकार वाली नावों पर विहार कर सकते हैं । इतना ही नहीं , सुंदर परिधानों से सुसज्जित युवतियां नाव चलाते हुए गाना भी गाती हैं , बहुत मजा आता है ।
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