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(GMT+08:00) 2007-08-27 13:22:09    
पतंगबाजी और छापे वाली चित्रकला की जन्मभूमि में रहें

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वेइफांग शहर पूर्वी चीन स्थित शानतुंग प्रांत के मध्य में स्थित एक सुन्दर शहर है। वेइफांग शहर दीर्घकाल से पतंगबाजी और छापे वाली चित्रकला के कारण  बहुत प्रसिद्ध रहा है । खुशी की बात है कि आज भी वेइफांग वासियों को पूर्वज़ों द्वारा छोड़ी गई इस संपत्ति का लाभ उठाने का सौभाग्य प्राप्त है । हाल ही में सी आर आई के कुछ संवाददाताओं ने वेइफांग शहर का दौरा किया । वेइफांग शहर के प्रसारण विभाग के प्रधान श्री वांग ली मिन ने सर्वप्रथम हमारे संवाददाताओं को सुप्रसिद्ध पतंगबाजी और छापे वाली चित्रकला का एक तीर्थस्थल यांग-च्या-पू दिखाया ।

पतंगबाजी और छापे वाली चित्रकला बनाने का उद्योगधंधा चीन के मींग राजवंश के अंत से ही वेइफांग शहर में जड़ पकड़ गया था । इस के बाद छींग राजवंश के दौरान यहां पतंगबाजी और छापे वाली चित्रकला उद्योग की उल्लेखनीय समृद्धि  हुई । शहर के प्रसारण विभाग के प्रधान श्री वांग ली मिन ने संवाददाताओं को परिचय देते हुए कहा , आज वेइफांग शहर में एक साल कई करोड़ पतंग बनायी जाती हैं , और प्रति वर्ष स्थानीय लोगों को उल्लेखनीय आय होती है । लेकिन पतंग बेचने से हुई आय प्रमुख बात नहीं है । अनगिनत पर्यटक पतंग की जन्मभूमि का नाम सुनकर हर वर्ष यहां का दौरा करने आते हैं , और वेइफांग में प्रति साल  आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज़ी त्योहारों से हजारों विदेशी भी आकर्षित हो रहे हैं । इन गतिविधियों ने वेइफांग को आर्थिक विकास के बहुत से मौके दिये हैं । वर्ष 1984 में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज़ी  का आयोजन हुआ , इस के बाद यहां प्रति वर्ष इस का आयोजन हो रहा है । हर साल दर्जनों विदेशी ग्रुप और लाखों हजारों विदेशी पर्यटक यहां आ रहे हैं । पर्यटन के साथ-साथ बहुत से व्यापारिक मुद्दे भी चर्चा में शामिल हुए हैं । यह भी कहा जा सकता है कि पतंगबाज़ी के आयोजन से आर्थिक आय होने के अतिरिक्त वेइफांग के लोगों का नये विचारों से परिचय हुआ है और वेइफांग विश्व के साथ जुड़ गया है । वेइफांग वासी हाथ में पतंग लिए दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं ।   

वेइफांग पतंगबाजी की जन्मभूमि है । यहां पतंग बनाने का छह सौ साल पुराना इतिहास है। शानतुंग प्रांत के मध्य में स्थित वेइफांग शहर 85 लाख जनसंख्या वाला बड़ा इलाका है । पतंगबाज़ी को छोड़कर वह चीन का मशहूर पर्यटन शहर भी है । पतंग का चीन में प्रयोग ऐतिहासिक दृष्टि से दो हजार वर्ष पुराना है । प्राचीन काल में चीनी पतंग का ज़मीन मापने और सूचना भेजने आदि में प्रयोग करते थे । मध्य युग में एक चीनी साधु ने पतंग के जरिये आकाश में उड़ने की असफल कोशिश की थी । लेकिन बाद में पतंग धीरे-धीरे शुद्ध खिलौना बनने लगा । चीन के थांग राजवंश में लोगों ने पतंग के साथ बांस से निर्मित संगीत वाद्यों को जोड़ा , इसतरह पतंग आकाश में संगीत चलाने वाला यंत्र बना । वेइफांग में आज न सिर्फ सुन्दर-सुन्दर पतंगों का निर्माण किया जाता है , पतंगबाज़ी से विश्व के अनेक क्षेत्रों के मित्रों को भी आकर्षित किया है । इधर के दसेक वर्षों में वेइफांग में हर वर्ष पतंगबाज़ी प्रतिस्पर्द्धाएं चलायी जा रही हैं ।   

नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज़ी प्रतियोगिता गत अप्रैल में यहां चली । यह प्रतियोगिता चीन में सब से भव्य पतंगबाज़ी समारोह है , और उस का विश्व में भी खूब नाम है । आज पतंगबाज़ी प्रतियोगिता चीन में औपचारिक खेल अंकों में से एक के रूप में स्वीकृत है , पर बेशक पतंगबाज़ी प्रतियोगिता सिर्फ खेल नहीं है , इस के चलने से वेइफांग के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है । मिसाल है कि इस साल की अंतर्राष्ट्रीय पतंगबाज़ी प्रतियोगिता के दौरान कुल बीस लाख पर्यटकों ने वेइफांग का दौरा किया। प्रतियोगिता के साथ-साथ आयोजित मेले और प्रदर्शनियों में कई अरब य्वान की व्यापारिक रकम भी प्राप्त हुई है ।

छापे वाली चित्रकला वेइफांग की दूसरा सुप्रसिद्ध कला है । संवाददाता ने वेइफांग के छापा चित्रकला संग्रहालय का दौरा भी किया । वहां प्रदर्शित भिन्न-भिन्न छापा चित्रकला वस्तुओं ने सभी लोगों की खूब प्रशंसा बटोरी । और ऐसे चित्र देखने के बाद गौरव की भावना दिल में उभरी है । यांग-च्या-पू छापे वाली चित्रकला का एक तीर्थस्थल है । पर्यटक इस संग्रहालय में न सिर्फ बहुत सी छापा चित्रकला वस्तुओं को देखते हैं , छापा चित्रकलाकार भी यहां पर्यटकों के लिए अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं ।

मास्टर यांग छून ची दर्जनों वर्षों से वेइफांग में छापा चित्रकला में लगे हुए हैं । उन्हों ने बहुत से देशी-विदेशी अतिथियों के लिए छापा चित्र बनाये हैं , और उन की रचनाएं राष्ट्रीय उपहार के रूप में विदेशी नेताओं को अर्पित की हैं ।

यांग-च्या-पू चीन के तीन प्रमुख छापे वाली चित्रकला केंद्रों में से एक है । संग्रहालय में पांच सौ वर्ष पुराना एक पेड़ खड़ा है , जो पर्यटकों को इस पुराने चित्र कला तीर्थस्थल का इतिहास बता रहा है । छापा चित्र पतंगबाज़ी की ही तरह हर वर्ष लाखों हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है । चित्र पर प्राचीन काल की नीतिकथा, नाट्य, लोक कथा, पशु पक्षी और मछली आदि सब चित्रित हैं । सरकार यांग-च्या-पू कला केंद्र के विकास का जोरदार समर्थन करती रही है । सरकार और समाज के विभिन्न तबकों के समर्थन से इस विशेष पर्यटन कस्बे का उल्लेखनीय विकास हुआ है । आज यांग-च्या-पू में सैकड़ों कर्मचारी कार्यरत हैं , उन में बहुत से मास्टर यांग छून ची जैसे कलाकार भी हैं।   

मास्टर यांग ने अपने बचपन से ही छापा चित्रकला सीखना शुरू कर दिया था । उन का वेइफांग में खूब नाम है । अनेक चीनी और विदेशी राज्य स्तरीय नेताओं ने भी यांग-च्या-पू में मास्टर यांग का प्रदर्शन देखा। चीनी केंद्रीय टी वी स्टेशन और शानतुंग प्रांत के स्थानीय टीवी स्टेशन ने उन की कहानी की रिपोर्टिंग की है। पिछले वर्ष  पचास देशों के चीन स्थित राजदूतों ने भी इस पर्यटन स्थल का दौरा किया , और मास्टर यांग की वर्कशाप  देखी  ।  

मास्टर यांग ने कहा कि छापा चित्रकला हमारे पूर्वजों के हाथों में प्राचीन काल से सुरक्षित रही है,और हमें प्राप्त हुई है। हमें परंपरागत कला का अनुसरण करने के साथ-साथ इस का नवीकरण करना पड़ेगा । नहीं तो छापा चित्रकला का भविष्य नहीं है ।

यांग-च्या-पू सांस्कृतिक पर्यटन गांव को राज्य पर्यटन ब्यूरो की भूरी-भूरी प्रशंसा मिली है । लोग यहां आकर ऐसी सुनहरी चित्रकला को देखकर बहुत खुश होते हैं। सुंदर कला और श्रेष्ठ सेवा से देशी-विदेशी पर्यटकों को वेइफांग में आकर्षित किया जा रहा है , और पर्यटक यहां आकर  हर्गिज़ निराश नहीं होंगे ।