आजकल कंप्यूटर का प्रयोग हमारे जीवन में अनिवार्य बन चुका है। बहुत से लोगों को कंप्यूटर के मोनिटर के सामने आधी रात तक बैठना पड़ता है । लेकिन कंप्यूटर के प्रयोग से हमारे शरीर में भी कुछ रोग पैदा हो जाते हैं। इस में सब से गंभीर रोग है आंखों का दर्द । कुछ युवक अक्सर यह शिकायत करते हैं कि उन की आंखों में मच्छर जैसी छाया उड़ती रहती है । ऐसे रोग का नाम है कंप्यूटर के प्रयोग से उड़ते मच्छरों का रोग ।
पेइचिंग की एक कंपनी में कार्यरत श्री चाओ यूंग का काम कंप्यूटर के प्रयोग से अलग नहीं हो सकता है । उन्हें अक्सर कंप्यूटर के सामने दर्जनों घंटें बैठना पड़ता है । साथ ही उन की आंखें दर्द से ग्रस्त रहती है । कभी-कभी उन्हें महसूस होता है कि उन की आंखों के सामने मच्छर जैसे कीड़े उड़ रहे हैं ।
उन्हों ने कहा , मेरी आंखों के सामने कभी-कभी मच्छर जैसे कीड़े उड़ते रहते हैं । इस दौरान मुझे दर्द नहीं होता , पर आंखों के सामने मौजूद छाया मुझे बहुत परेशान करती है । और मेरे कुछ साथियों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है । फिर मैं अस्पताल गया । वहां डॉक्टर ने मुझे बताया कि यह रोग कंप्यूटर के अत्यधिक प्रयोग के कारण हुआ है और इसे उड़ते मच्छर का रोग कहा जाता है ।
पेइचिंग के नेत्र अस्पताल की डॉक्टर सुश्री शू बींग ने कहा, आजकल बहुत से ऐसे रोगियों का पता लग रहा है । हम ने जब रोगियों की आंखों की जांच की तब इस बात का पता लगा कि उन की आंखों में क्रिस्टलाभ साफ नहीं हैं । इस लिए वे साफ-साफ नहीं देख पा रहे हैं , और उन की आंखों के सामने मच्छर जैसे उड़ते दिखाई पड़ते हैं ।
पता चला है कि मानव की आंखों के भीतर क्रिस्टलाभ मौजूद होते हैं । आम तौर पर यह चीज़ें फाइब्रिन तथा सरेस जैसे द्रव से गठित होती हैं । लेकिन आयु बढ़ने तथा रोग लगने के कारण इस क्रिस्टलाभ की स्थिति बिगड़ भी सकती है। क्रिस्टलाभ अगर काले धब्बे पैदा करते हैं , तो इन चीज़ों से आंखों के सामने मच्छर जैसे उड़ते दिखाई पड़ सकते हैं । आम तौर पर यह रोग बुजुर्गों में होता है । पर आजकल बहुत से जवानों को भी ऐसा रोग लगने लगा है , क्योंकि वे कंप्यूटर का हद से ज्यादा समय तक प्रयोग करते हैं और सही आराम नहीं कर पाते हैं । साथ ही मायोपिक , मधुमेह और उच्च रक्तचाप आदि के रोगी भी कभी-कभी उड़ते मच्छर रोग के शिकार बनते जा रहे हैं ।
चीनी परंपरागत चिकित्सा पद्धति नेत्र अस्पताल के नेत्र विभाग के प्रधान डाक्टर ज्वांग जंग यवान ने कहा , उड़ते मच्छर वाले रोग का लोगों की दृष्टि पर भारी प्रभाव नहीं पड़ता है। रोग लगने के बाद गंभीर परिणाम भी नहीं पैदा होता है । इस का अस्पताल में इलाज करने की इतनी जरूरत भी नहीं है । काफी आराम करने के बाद इन की स्थिति में सुधार हो सकता है । और ऐसे रोगग्रस्त लोगों को अधिक तौर पर गाजर, पालक तथा समुद्री चीज़ें, जिनमें आयोडीन का समृद्ध भंडार हो , खानी चाहियें। इस के अतिरिक्त सूर्य की रोशनी में अल्ट्रावायलेट रेडियशन से भी आंखों को बचाना चाहिए,क्योंकि आंखों के लिए ये भी बहुत हानिकारक हैं । इसलिए हमें सूर्य की सीधी रोशनी से बचना चाहिये । और कंप्यूटर का प्रयोग करने वालों को खुद आंखों की रक्षा करने के कदम भी उठाने चाहियें ।
डॉक्टर ज्वांग ने कहा , मायोपिया वाले लोगों को सही चश्मा पहनना चाहिये ,और हमें सही रोशनी के नीचे पढ़ना चाहिये । साथ ही कंप्यूटर के प्रयोग करने वालों को विश्वाम करना चाहिये । और अगर आंखों में उड़ते मच्छर नज़र आते हैं , तो अस्पताल जाना चाहिये और अपने रोग के सही कारण का पता लगाना चाहिये ।
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