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आज के इस कार्यक्रम में सोनपुरी,बिलासपुर,छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल कैवर्त के सवाल का जवाब दिया जाएगा।
सोनपुरी,बिलासपुर,छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल कैवर्त ने पूछा है कि मातृभूमि की गोद में वापसी के बाद मकाओ व हांगकांग का कितना विकास हुआ है और वहां के लोगों के जीवन स्तर में क्या सुधार आया है?
हांगकांग औऱ मकाओ क्रमशः 1997 और 1999 में चीन की गोद में वापस लौटे। तब से चीन सरकार इन दोनों विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के प्रशासन और उच्च स्वायत्तता की पूर्वनिर्धारत नीति पर कायम रही है। इस से हांगकांगवासियों एवं मकाओवासियों की जीवन-शैली में कोई बदलाव नहीं आया है और जीवन-स्तर उन्नत होता गया है।
हांगकांग का अर्थतंत्र चीन के भीतरी इलाके के अर्थतंत्र से घनिष्ठ रूप से जुडा हुआ है। चीन सरकार ने देश के भीतरी इलाके में जो आर्थिक व वित्तीय नीति लागू की है,उस से हांगकांग को विनियोजन, कारोबार और रोजगार के अधिक मौके प्राप्त हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र के रूप में हांगकांग के पास धन की कमी नहीं है,कमी है सिर्फ कारोबार और रोजगार के मौकों की। चीन के भीतरी इलाके उस की इस कमी को पूरा कर सकते हैं। पिछले अनेक वर्षों में हांगकांग की बहुत सी कंपनियों ने चीन के भीतरी इलाके में भारी पूंजी लगाकर बड़े कारोबार किए हैं। इन कंपनियों को भारी लाभ मिलने से हांगकांग की आर्थिक स्थिति भी स्वभावत: सुधरती चली गयी और हांगकांवासियों को रोजगार के अधिक मौके मिलने लगे हैं।
पिछले 2 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय अर्थतंत्र में सुधार हुआ है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में वृद्धि होने के चलते हांगकांग की आर्थिक वृद्धि-दर बढ़ती गयी है और विदेश व्यापार, पर्यटन और सेवा व्यवसाय विकास की अच्छी हालत में रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों की आय बढ़ती गयी है। गत वर्ष निजी उपभोक्ता-खर्च में जो इजाफा हुआ, वह पिछले 13 सालों में अपनी तरह का सब से बड़ा इजाफा था।
हांगकांग और चीन के भीतरी इलाके के आर्थिक संबंध घनिष्ठ होने के बावजूद विदेशी कंपनियां हांगकांग के अर्थतंत्र को लेकर आशान्वित हैं। उन्हों ने हांगकांग में न सिर्फ पूंजी-निवेश जारी रखा है, बल्कि उस में बढ़ोत्तरी भी की है। अनेक प्रमुख अंतर्राष्ठ्रीय संगठनों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व वाणिज्यिक केंद्र के रूप में हांगकांग का स्थान कोई भी कमजोर नहीं कर सकता। विदेशी पूंजी लगातार वहां बहती रहेगी। इस तरह उस का आर्थिक विकास अपेक्षाकृत तेज बना रहेगा।
यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि बेरोजगारी विश्व के लगभग सभी विकसित आर्थिक समुदायों के सामने मौजूद एक बड़ी चुनौती है। हांगकांग को भी एक विकसित आर्थिक समुदाय के रूप में बेशक लम्बे समय तक इस का सामना करना होगा।
मकाओ को चीन की गोद में लौटे 6 साल हो गए हैं। बीते 6 सालों में केंद्र सरकार की एक देश, दो व्यवस्थाओं वाली नीति के मार्गदर्शन में मकाओ में राजनीतिक स्थिरता,आर्थिक विकास और सामाजिक समन्व्य बरकरार रहा , विशेषकर उसका तेजी से आर्थिक उद्धार हुआ। मातृभूमि की गोद में लौटने से पूर्व मकाओ लगातार 4 सालों तक आर्थिक घाटे की मार झेल रहा था। चीन में वापस आने के बाद उस की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी और वर्ष 2000 से 2003 तक उस के अर्थतंत्र की औसत वार्षिक वृद्धि-दर 10 प्रतिशत से ऊपर रही। 2004 में यह 25 प्रतिशत दर्ज की गयी। वित्तीय आय भी लगातार 4 वर्षों तक आदर्श स्तर पर रही। अब स्थानीय सरकार का वित्तीय भंडार 18 अरब मकाओ य्वान जा पहुंचा है। विदेशों औऱ देश के भीतरी इलाके के पर्यटकों की संख्या 1 करोड़ 60 लाख से ऊपर हो गयी है,जो 1999 में चीन वापस आने के पहले केवल 74 लाख थी। बेरोजगारी-दर में भारी गिरावट आयी है। चीन में लौटने से पहले वहां बेरोजगारी-दर 6.3 फीसदी थी,पर पिछले साल यह घटकर 4.3 फीसदी रह गयी। इस के अलावा मकाओ सरकार चीन की केंद्र सरकार की सहायता से विदेशों के साथ विभिन्न स्तरों पर आर्थिक व सांस्कृतिक आदान-प्रदान व सहयोग करने में सक्रिय रही है। पिछले 6 वर्षों में मकाओ औऱ विश्व के बहुत से देशों के बीच अनेक आर्थिक व सांस्कृतिक समझौते हुए हैं,जिनसे मकाओ के आर्थिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में भारी विकास हुआ है।

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