चीन के संबंधित संगठन और विशेषज्ञ तिब्बती महाकाव्य कैसर को वर्ष 2008 विश्व गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत में शामिल कराने का आवेदन करेंगे ।
दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत के देह को कांऊटी में हुई एक मीटिंग से प्राप्त हुई खबर के अनुसार तिब्बती महाकाव्य कैसर विश्व के मशहूर महाकाव्य होमर और महाभारत दोनों से लम्बा है , इसलिए इसे विश्व में सबसे लम्बा महाकाव्य कहा जा रहा है । पर लम्बे इतिहास में इस महाकाव्य का संरक्षण व शिक्षण, निरक्षर लोक कलाकारों द्वारा मौखिक रूप से किया जा रहा था ।
पता चला है कि चीन सरकार ने महाकाव्य कैसर को बचाने और संरक्षित करने के लिए बीसेक वर्षों की कोशिश की हैं । चीन सरकार के प्रयास से कैसर के अभियान में 150 से अधिक लोक कलाकारों का पता लगाया गया है , और उन की कुल पांच हजार घंटे की रिकाडिंग की गयी है । इस के अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में कैसर की 300 से अधिक हस्तलिखित या लकड़ी के छापे वाली पुस्तकों की खोज भी की गयी है ।
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