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(GMT+08:00) 2007-08-03 09:24:12    
आकाश

cri

गर्मी थी । बारिश थमी ,आसमान छंटा तो भी हवा में पानी की अनगिनत पारदर्शी बूंदें तैर रही थीं , जो इतनी छोटी और हल्की थीं कि इधर उधर यों तिरती , मानो कोई झीनी रेशमी चादर सी लहराती लगती हो ।

जमीन पर गिर चुकी पानी की बड़ी बड़ी बूंदों पर निगाह पड़ने पर ये छोटी बूंदें जैसे ईर्ष्या से भर उठीं । देखो , कमल के पत्तों पर पड़ी वह बूंद जैसे नीलम की तश्तरी में पारा लुढ़कता हो ।

वाह , कितना लावण्य है इस में ।और उधर उस पेड़ के पत्तों पर पड़ी वह मोटी बूंद दमकती हुई कितना सुन्दर लगती है ।

पानी के बड़े कतरों का कितना काम आता है , उन से ही पहाड़ों पर हरियाली छाती है , नदी --तालों को बहाव मिलता है , वे ही पौधे उगाती है तथा फूल खिलते हैं ।

फिर हम छोटी बूंदों का कुछ भी काम नहीं बन सकता ---।

हवा में तैरती छोटी बूंदों ने कुछ ऐसा ही सोचते हुए आह भरी ।

नाखुश क्यों हों . आकाश से एक सनेह भरी आवाज फटी ।

छोटी बूंदों ने सिर उठा कर देखा , तो पाया कि सूरज दादा मुस्कराते हुए उन्हें ही निराह रहे है ।

आओ , हम सब मिल कर आकाश को संवारे सजाएं , मंजूर है . सूरज दादा ने पूछा ।

हम , भला हम कैसे संवारे इतने बड़े आकास को , हम तो बहुत छोटी और हल्की हैं ।

हम से क्या काम आ सका . छोटी बूंदों ने शंका की नजर से सूरज की ओर देखा ।

खुद को दीन -हीन ना समझो , हर किसी की तरह तुम्हारा भी कोई काम है . पर तुम्हें मालूम होना चाहिए , सूरज दादा ने छोटी बूंदों को जोश दिलाया और फिर दिया काम शुरू करने का आदेश , शुरू करो , छोटी बूंदों , एक कतार में बंध जाने की कोशिश करो , जल्दी और चुस्ती -फुर्ती से ।

छोटी बूंदें देखते ही देखते एक पंक्ति में आ गईं ,सूरज का जमगमाता सफेद प्रकाश उन पर पड़ा , तो आकाश से कुछ लड़कियों की खिलखिलाहट सुनाई पड़ने लगी ।

यह किस की आवाज है . एक छोटी बूंद ने पूछा ।

ये मेरी सात लड़कियां हैं । सूरज दादा ने कहा ।

पर वे हमें नहीं दिखाई देती है . कई छोटी बूंदें बेचैन हो गईं ।

जब वे इकट्ठे होती हैं , तो वे अदृश्य होती हैं , मेरा जो सफेद प्रकाश तुम्हें दिखता है , वह उन की परछाई ही है । सूरज दादा ने हंसते हुए कहा ।

पर छोटी बूंदों को और बड़ा आश्चर्य तब हुआ , जब सफेद प्रकाश उन की बगल से गुजरा , और उन्हें इतनी गुदगुदी हुई कि आनायास मुंह से हंसनी फूट पड़ी ।

जरा मुड़ कर तो देखो , सूरज दादा ने कहा ।

छोटी बूंदों ने मुड़ कर देखा , वाह , क्या गजब की खूबसूरती है , उन्हें आकाश में लाल , संतरी , पीला , हरा , नीला , बैंगनी , गुलाबी सप्त रंग दिखाई पड़े ।

तो , ये हैं आप की सात बेटियां है न , छोटी बूंदों ने कहा ।

हां ।

पर आप अभी कह रहे थे कि वे दिखाई नहीं देती .

तुम ही बेशुमार छोटी बूंदों ने उन्हें एक दूसरे से अलग जो कर दिया है ।