गर्मी थी । बारिश थमी ,आसमान छंटा तो भी हवा में पानी की अनगिनत पारदर्शी बूंदें तैर रही थीं , जो इतनी छोटी और हल्की थीं कि इधर उधर यों तिरती , मानो कोई झीनी रेशमी चादर सी लहराती लगती हो ।
जमीन पर गिर चुकी पानी की बड़ी बड़ी बूंदों पर निगाह पड़ने पर ये छोटी बूंदें जैसे ईर्ष्या से भर उठीं । देखो , कमल के पत्तों पर पड़ी वह बूंद जैसे नीलम की तश्तरी में पारा लुढ़कता हो ।
वाह , कितना लावण्य है इस में ।और उधर उस पेड़ के पत्तों पर पड़ी वह मोटी बूंद दमकती हुई कितना सुन्दर लगती है ।
पानी के बड़े कतरों का कितना काम आता है , उन से ही पहाड़ों पर हरियाली छाती है , नदी --तालों को बहाव मिलता है , वे ही पौधे उगाती है तथा फूल खिलते हैं ।
फिर हम छोटी बूंदों का कुछ भी काम नहीं बन सकता ---।
हवा में तैरती छोटी बूंदों ने कुछ ऐसा ही सोचते हुए आह भरी ।
नाखुश क्यों हों . आकाश से एक सनेह भरी आवाज फटी ।
छोटी बूंदों ने सिर उठा कर देखा , तो पाया कि सूरज दादा मुस्कराते हुए उन्हें ही निराह रहे है ।
आओ , हम सब मिल कर आकाश को संवारे सजाएं , मंजूर है . सूरज दादा ने पूछा ।
हम , भला हम कैसे संवारे इतने बड़े आकास को , हम तो बहुत छोटी और हल्की हैं ।
हम से क्या काम आ सका . छोटी बूंदों ने शंका की नजर से सूरज की ओर देखा ।
खुद को दीन -हीन ना समझो , हर किसी की तरह तुम्हारा भी कोई काम है . पर तुम्हें मालूम होना चाहिए , सूरज दादा ने छोटी बूंदों को जोश दिलाया और फिर दिया काम शुरू करने का आदेश , शुरू करो , छोटी बूंदों , एक कतार में बंध जाने की कोशिश करो , जल्दी और चुस्ती -फुर्ती से ।
छोटी बूंदें देखते ही देखते एक पंक्ति में आ गईं ,सूरज का जमगमाता सफेद प्रकाश उन पर पड़ा , तो आकाश से कुछ लड़कियों की खिलखिलाहट सुनाई पड़ने लगी ।
यह किस की आवाज है . एक छोटी बूंद ने पूछा ।
ये मेरी सात लड़कियां हैं । सूरज दादा ने कहा ।
पर वे हमें नहीं दिखाई देती है . कई छोटी बूंदें बेचैन हो गईं ।
जब वे इकट्ठे होती हैं , तो वे अदृश्य होती हैं , मेरा जो सफेद प्रकाश तुम्हें दिखता है , वह उन की परछाई ही है । सूरज दादा ने हंसते हुए कहा ।
पर छोटी बूंदों को और बड़ा आश्चर्य तब हुआ , जब सफेद प्रकाश उन की बगल से गुजरा , और उन्हें इतनी गुदगुदी हुई कि आनायास मुंह से हंसनी फूट पड़ी ।
जरा मुड़ कर तो देखो , सूरज दादा ने कहा ।
छोटी बूंदों ने मुड़ कर देखा , वाह , क्या गजब की खूबसूरती है , उन्हें आकाश में लाल , संतरी , पीला , हरा , नीला , बैंगनी , गुलाबी सप्त रंग दिखाई पड़े ।
तो , ये हैं आप की सात बेटियां है न , छोटी बूंदों ने कहा ।
हां ।
पर आप अभी कह रहे थे कि वे दिखाई नहीं देती .
तुम ही बेशुमार छोटी बूंदों ने उन्हें एक दूसरे से अलग जो कर दिया है ।
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