• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Tuesday   Apr 8th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2007-08-01 19:34:57    
चीन में राष्ट्रिय शिक्षा का पुनःरुत्थान

cri

इन दिनों चीन में कुओषुए यानि राष्ट्रिय शिक्षा चीन में काफी मांग है। कुओषुए, जो एक चीनी शब्द है, का मतलब है, राष्ट्रिय शिक्षा। कुओ का अर्थ है, राष्ट्र, और षुए का अर्थ है, पढ़ाई या शिक्षा। लेकिन इन दिनों चीन में इस शब्च का अरिथ है चीन की पारम्परिक सभ्यता की पढ़ाई, खास कर कंफ़्युशियस की पढ़ाई। पिछली शताब्दी के अधिकांश समय,इस विषय का चीन में जम कर आलोचना की गयी। इसे चीन की समाज से हमेशा के लिए मिटा देने की अथक कोशिशें की गयी। लेकिन इन दिनों इसको चीन की सभी सामाजिक समस्याओं का समाधान माना जा रहा है। दोनों प्रकार के प्रतिक्रियाएँ तीव्र प्रकृति के हैं।

हाल ही में चीन के चंगचोउ शहर के एक पेंटिंग एवं कैलिग्राफी विद्यालय के कुलपति ने अपने घुटनों के बल खड़ा हो कर लगभग पांच हजार कंफ़्युशियस के नीतियों से संबंध पैम्प्लेट अपने विद्यार्थियों में बांटे। इन पैम्प्लेटों में छात्रों से उनके व्यवहार संबंधी बातें बतायी गयी। संक्षेप में कहा जाय तो उनसे कहा गया की उन्हें क्या करन चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

पिछले कुछ पीड़ियों ने चीन की पारम्परिक सभ्यता को काफी नकारा गया ताकि चीन की हजारों वर्ष इतिहास से लिप्त और अंधविशवासों से परिपूर्ण समाज में कुछ बदलाव आए ताकि चीन की इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जाय। एक नये सुबह का आगमन हो। ऐसे एक नये सोच से भरी समाज की नीव हजारों वर्ष पुरानी इतिहास के ऊपर नहीं किया जा सकता था। आज समय बदल गया है और आज के शांतिपूर्ण माहौल में हमारे राष्ट्रिय सभ्यता की पढ़ाई और जानकारी प्राप्त करने की कोशिशों के प्रति हमारा रवैया नकारात्मक नहीं होना चाहिए। बल्कि हमें इसका सम्मान करना चाहिए। आज चीन की ऐतिहासिक ग्रन्थों की पढ़ाई आम शिक्षा का एक महत्तवपूर्ण अंग हो जाना चाहिए। सभी ग्रन्थों की न सही, कुछ का हमें जरुर अध्ययन करना चाहिए।

लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिनके ऊपर अंग्रेजी की कहावत, अर्ध ज्ञान काफी खतरनाक होता है, काफी अच्छे से लागू होती है। ऐसे ही कुछ लोग आज कुओषुए को लेकर ऐसा रवैया अपना लिए है कि वे इस विषय में कोई भी तर्क या शैक्षिक वादविवाद करना नहीं चाहते।

कई लोग आजकल चीनी सभ्यता का आधा अधूरा ज्ञान टीवी के कुछ एक दो कार्यक्रमों के जरिये प्राप्त करते हैं। ऐसे कार्यक्रमों की अहमियत पूरे तरीके से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता लेकिन ऐसे कार्यक्रमों का मुख्य उद्येशय ज्ञान देना नहीं ,बल्कि मनोरंजन है। लोगों को यह ज्ञात कराना जरुरी है की वे ऐसे जरियों से एक शुरुआत तो कर सकते हैं लेकिन अपने प्राचीन सभ्यता के बारे में पर्याप्त ज्ञान पाने में उनको दिलचस्पी है तो टीवी के सांस्कृतिक कार्यक्रम ऐसे कार्यक्रमों केवल एक द्वार मात्र है जिससे हम चीन की महान् प्राचीन सभ्यता के ज्ञान प्राप्त करने के लिए रखा गया हमारा पहला कदम मान सकते है।

इससे जुड़े जानकारियों के अनुसार चीन के 3 से 18 वर्ष की उम्र वाले बच्चों में से आधे , या तो दूसरों के साथ सहयोग करने में असमर्थ हैं , या श्रम से प्रेम नहीं करते हैं , या मनोवैज्ञानिक तौर पर हद से ज्यादा कमजोर हैं । इसी स्थिति को देखते हुए चीन के राष्टीय महिला संघ और चीनी शिक्षा मंत्रालय ने देश के बच्चों के नैतिक बल को उन्नत करने के लिये गत फरवरी से चीनी लघु नागरिक नैतिकता निर्माण योजना शुरू की ।

चीन की कोई 30 करोड़ आबादी ऐसी हैं , जिस की औसत उम्र 18 साल के नीचे है । चीन सरकार ने 1970 में परिवार नियोजन का जो राष्टीय सिद्धांत लागू किया , उस के तहत एक परिवार में एक ही बच्चा होने की व्यवस्था है । इसलिये वर्तमान में भी चीनी शहरों के अधिकांश परिवार इकलौती संतान वाले नजर आते हैं । ऐसे इक्लौते बच्चों को अपने माता पिता के अतिरिक्त , दादा दादी , नाना नानी भी हैं , यानी सब परिवार के सभी सदस्य इस अकेले बच्चे को प्रेम करते हैं । लेकिन हद से ज्यादा प्रेम से बच्चों के प्रशिक्षण के लिये बाथक बन जाता है , कारण यह है कि वे ये स्वयं को दुनिया का केंद्र मानने लगते हैं , और दूसरों पर ध्यान नहीं देते ।

इस नैतिक मनोवैज्ञानिक समस्या के समाधान के लिये चीन के प्राइमरी स्कूलों में नैतिक कक्षाएं खोली गयीं , और अब लघु नागरिक नैतिकता निर्माण जैसी योजना लागू की गयी । इन सब का लक्ष्य चीनी बच्चों को बुनियादी सामाजिक मल्यों में दीक्षित करना व जिम्मेदारी का भाव पैदा करना है । चीनी महिला संघ की उपाध्यक्षा सुश्री गू श्यू ल्यैन ने कहा कि चीन की लघु नागरिक नैतिकता निर्माण योजना का देश जनता से बहुत लोकप्रिय है , और इस का लक्ष्य चीनी बच्चों की नैतिक गुणवता को उन्नत करना और उन्हें उदार विचारधारा कायम करना है । इस योजना का नारा है - घर में माता पिता के लघु सहायक बनें , स्कूल में सहपाठियों के मित्र बनें , समाज में दूसरों की मदद करने वाले हों तथा जीवन में पर्यावरण के लघु रक्षक ।

चीनी बच्चों में नैतिकता निर्माण की गतिविधियों का देश के कोने कोने में स्वागत हुआ है । पश्चिमी चीन के शानशी प्रांत में इस के तहत बच्चों की विचार गोष्ठी तथा निबंध प्रतियोगिता आदि आयोजित रही , और दक्षिणी चीन के क्वांगतूंग प्रांत में मैं माता पिता के साथ शीर्षक मंच रखा गया है ।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040