ललिताः यह पत्र लिखा है हमें कलेरा बिहार से जनाब मो. आसिफ खान ने। और इन की शिकायत है कि हम ने इन का कोई भी पत्र कार्यक्रम में शामिल नहीं किया है।
राकेशः जहां तक मुझे याद पड़ता है आसिफ भाई हम ने आप का पत्र कार्यक्रम में शामिल किया है। हो सकता है आप वह कार्यक्रम न सुन पाए हों। बरहाल लीजिए इस बार आप का पत्र कार्यक्रम में शामिल हो गया है।
ललिताः अगला पत्र हमें भेजा है मंदारश्रोता संघ बांका बिहार से श्री कुमोद नारायण सिंह जी ने। ये लिखते हैं कि इन के बचपन के कुछ मित्र हैं जिन्हें ये भुला नहीं पाए हैं। और इन के ये सभी दोस्त खगड़िया में रहते हैं। और आगे ये लिखते हैं कि उन दोस्तों की याद को सीने में समेटे ये जिंदगी का सफर तय कर रहे हैं। ये अपने उन मित्रों को यह गीत सुनाना चाहते हैं ताकि वे भी इन्हें याद कर सकें। इन के मित्रों के नाम हैं छोटे, नरेशचन्द्र, उमेशचंद्र पटेल, रविंद्र।
राकेशः कुमोद नारायण सिंह जी, हम आप की अपने दोस्तों के प्रति जो भावना है उस की कद्र करते हैं और आप की फरमाइश पर आप के दोस्तों के लिए आप की पसंद का "आंधी" फिल्म का यह गीत पेश कर रहे हैं, जिसे गाया है किशोर कुमार ने और संगीत दिया है आर. डी. बर्मन ने।
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