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(GMT+08:00) 2007-07-23 15:46:33    
अविस्मरणीय स्थल -- शानतुंग प्रांत का लीन-ई और वहां के लोग

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शानतुंग प्रांत उत्तरी चीन में स्थित एक ऐसा असाधारण स्थान है , जहां सुन्दर-सुन्दर पहाड़ और लम्बी-लम्बी नदियां बहती हैं , और लम्बी ऐतिहासिक परंपरा में शिक्षित सीधे-सादे लोग रहते हैं । शानतुंग प्रांत की इधर के वर्षों में बहुत तेज़ आर्थिक वृद्धि हुई है , और वहां के छोटे-छोटे नगरों में लोग अपना सुखमय जीवन अद्भुत संस्कृति के गौरव में जी रहे हैं । हाल में हमारे संवाददाता ने शानतुंग प्रांत के कुछ नगरों का दौरा किया और वहां की जनता के उत्साह की स्मृति को ले कर वापस लौटे हैं । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को उन के अनुभवों में से कुछ अंश सुना रहे हैं ।

लीन-ई शहर शानतुंग प्रांत में एक पुराना नगर है । इस क्षेत्र के लोगों ने चीन की क्रांति के लिए असाधारण योगदान दिया है । चीन में रुपांतर व खुली नीति लागू होने के बाद यहां भी, देश के अन्य दूसरे क्षेत्रों की तरह उल्लेखनीय विकास हुआ है । लीन-ई के लोग अपनी जन्मभूमि पर बहुत गौरव करते हैं , क्योंकि यहां की संस्कृति समृद्ध है , लीन-ई के लम्बे इतिहास में अनेक सुप्रसिद्ध सूत्र उभरे हैं , और आज भी यहां के सुन्दर दृश्य और समृद्ध संसाधनों पर देश-विदेश का ध्यान आकर्षित है । शायद इसी कारण लीन-ई के लोगों में सक्रियता , उत्साह, धैर्य और सीधापन आदि अनेक विशेषताएं नज़र आती हैं ।

हाल में हमारे चाइना रेडियो इंटरनेशनल के कुछ संवाददाता लीन-ई गये। संवाददाताओं का लीन-ई के विभिन्न जगतों ने उत्साहपूर्ण स्वागत किया । गाड़ी की खिड़की के बाहर बहुत से लोग हाथ हिलाते दिखाई पड़े । उन में एक पर सी आर आई के संवाददाताओं की नज़रें गईं । वे हैं लीन-ई सरकार के प्रेस कार्यालय के प्रधान श्री ल्यांग-तुंग । टी-शर्ट पहने हुए 39 वर्षीय श्री ल्यांग-तुंग , हाथ में सेलफोन लिये , देखने में कोई सरकारी अफसर नहीं, एक बड़े लड़के की उम्र के लगते हैं । श्री ल्यांग-तुंग ने शानतुंग प्रांत के दूसरे क्षेत्रों के लोगों की ही तरह हमारे संवाददाताओं का उत्साहपूर्ण स्वागत किया और हमारे संवाददाताओं के साथ-साथ लीन-ई में जगह-जगह का दौरा किया । रास्ते में श्री ल्यांग-तुंग ने संवाददाताओं को अपनी जन्मभूमि की खूब जानकारियां दीं । ऐसा लगा कि वे एक दो दिनों के भीतर ही संवाददाताओं को जन्मभूमि के अपने सभी अनुभवों से लाद देना चाहते हैं ।

श्री ल्यांग-तुंग ने कहा कि चीन के क्रांतिकारी दौर में लीन-ई क्षेत्र के लोगों ने चीनी क्रांति के लिए असाधारण योगदान दिया था , यहां बहुत सी सुन्दर और प्रभावशाली कहानियां भी बनी थीं । जैसे चीन में एक बहुत प्रसिद्ध कहानी है कि जापानी आक्रमणकारी सेना का सामना करने के काल में लीन-ई की एक औरत ने अपने दूध से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली सेना के एक सैनिक की जान बचायी । आज लीन-ई शहर में उद्योग और कृषि का भी तेज़ विकास हो रहा है । यहां की जी डी पी यानी उत्पादन मूल्य एक खरब य्वान से भी अधिक है । लीन-ई क्षेत्र में सुन्दर-सुन्दर पहाड़ और नदियां हैं , जो पर्यटन के विकास के लिए बहुत मददगार हैं । श्री ल्यांग-तुंग ने कहा कि लीन-ई के बीच में से एक बड़ी नदी यानी ई-ह नदी गुज़रती है , ऐसा दुनिया के शहरों में कम है ।

चीन में रुपांतर व खुली नीति कायम होने के बाद से अभी तक के बीसेक वर्षों में लीन-ई क्षेत्रों के निवासियों के जीवन में भी बहुत सुधार हुआ है । पहले यहां लोगों का जीवन बहुत कठिन था , किसान खाने-रहने के अभाव से ग्रस्त थे । तब लीन-ई शहर में कुल दसेक कारोबार थे । फिर इधर के वर्षों में किए गए प्रयासों से आज लीन-ई शहर एक औद्योगिक व वाणिज्य शहर बन गया है। पहले लीन-ई शहर एक शुद्ध कृषि क्षेत्र था , जबकि आज कृषि का उत्पादन मूल्य शहर के सभी जी डी पी में अल्प है । और यहां कृषि क्रांति भी संपन्न हो चुकी है । पहले लीन-ई के किसान प्राचीन तरीकों से काम करते थे , आज वे आधुनिक तरीकों व तकनीकों के सहारे अनाज व बहु किस्म वाली उपज की बोवाई कर रहे हैं ।

इस के अतिरिक्त लीन-ई शहर के खास क्षेत्रों का निर्माण भी बड़ी तेज़ी से किया जा रहा है । उपनगरों को छोड़कर शहर के खास क्षेत्रों का क्षेत्रफल 50 वर्ग किलोमीटर है । शहर के निवासियों की संख्या 5 लाख 40 हजार तक जा पहुंची है । इधर के वर्षों में लीन-ई सरकार ने शहर को खूबसूरत बनाने वाली योजना लागू करना शुरू की है , जिसके अनुसार शहर के भीतर की सड़कों को किनारों पर सुन्दर लाईट और वनस्पतियों से सजाया गया है । साथ ही लीन-ई शहर में चिकित्सा, संस्कृति, खेल, सामाजिक प्रतिभूति, पर्यावरण नियंत्रण और खेती संरक्षण आदि के कार्यों में भी उल्लेखनीय विकास हुआ है ।

इंटरव्यू लेने का काम समाप्त है , संवाददाताओं पर इस सुन्दर जगह की गहरी छाप पड़ी है । अंत में श्री ल्यांग तुंग ने संवाददाता को अपनी रचना , और एक फोटो संग्रह दिया । संग्रह में श्री ल्यांग तुंग द्वारा लीन-ई में खींचे गये सैकड़ों मनोहर फोटो शामिल हैं । रचनाओं को देख कर पता लगता है कि एक रचनाकार में जन्मभूमि के प्रति गहरे प्यार की भावना मौजूद है । एक सरकारी अफसर के रूप में श्री ल्यांग तुंग ने कैसे इतना सुन्दर फोटो संग्रह बनाया है । इस सवाल का जवाब देते हुए श्री ल्यांग तुंग ने अपनी कहानी सुनाते हुए कहा , बाहर के रहने वालों की नज़रों में लीन-ई आज भी एक पहाड़ी क्षेत्र है । कुछ पर्यटक यहां तक कि बिजली की टार्च हाथ में लिए और रबर के जूते पहन कर यहां आते हैं । क्योंकि इन के विचार में लीन-ई में पहाड़ ही पहाड़ हैं , यहां आकर पहाड़ी मार्गों को नापना पड़ेगा , और इसलिए बिजली की टार्च और रबर के जूतों की जरूरत पड़ेगी । लेकिन वास्तव में लीन-ई उतना पिछड़ा क्षेत्र नहीं है । यहां का जीवन दूसरे विकसित क्षेत्रों की तुलना में कम विकसित नहीं है , शहर में रहने वालों की जीवन शैली भी फैशनेबल है , और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों का जीवन में भी बहुत सुधार आया है ।आज लीन-ई के किसान भी आधुनिक जानकारियों व तकनीकों से लैस आधुनिक किसान हैं । उन की शिक्षा का स्तर भी काफी उन्नत है । और यह भी चर्चित है कि लीन-ई शहर एक ऐसी जगह है , जो एक महा नदी यानी ई-ह नदी के पास स्थित है । एक बुजुर्ग नेता ने यह बताया था कि दुनिया में जो महा नदी के पास स्थित है , उस नगर का उज्ज्वल भविष्य होता है । जैसे शांघाई शहर के बीच में यांगत्सी नदी बहती है , दिल्ली शहर के पास यमुना नदी बहती है , और लंदन शहर की गोद में भी टॉइम्स नदी है । लीन-ई शहर आज एक छोटा नगर है , पर प्राकृतिक स्थिति की दृष्टि से इस शहर के विशाल विकास की संभावना है । अगर ऐतिहासिक मौका मिले , तो लीन-ई एक दिन एक आधुनिक बड़ा शहर भी बन सकेगा ।

इसी विचार से श्री ल्यांग-तुंग ने अपनी जन्मभूमि में जगह-जगह पहाड़ों व नदियों को पैदल चल कर नापा है , और कई वर्षों के प्रयासों से लीन-ई के हजारों फोटो खींचे हैं । उन की रचनाओं में लीन-ई के सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों को छोड़कर मैदानों में खेलते प्यारे लड़के-लड़कियां , जमीन पर पसीना पौंछते हुए खेतीबाड़ी करने वाले बुजुर्ग किसान, और अपने दरवाज़े पर चौकीदारी करने वाले सफेद कुत्ते आदि के जीवंत चित्र सब दिखाई पड़ते हैं ।

श्री ल्यांग-तुंग ने बताया, फोटो खींचते समय उन्हें चित्रकला के प्रति सरकारी नौकरी से अधिक रूचि पैदा हुई है । बाद में वे अपनी नौकरी छोड़कर कलाकार के रूप में स्वतंत्र नौकरी का काम करना चाहते हैं । क्योंकि अपनी प्रकृति के अनुसार श्री ल्यांग तुंग वास्तव में सरकारी अफसर की हैसियत से दफ्तर में बैठना नहीं चाहते हैं , वे अपनी प्रतिभा का प्रयोग करने के लिए और विशाल गुंजाइश ढूंढना चाहते हैं । इसलिए बाद में वे शायद समय से पूर्व सेवानिवृत्ति ले कर बाहर जाएं ।

श्री ल्यांग तुंग ने कहा कि लीन-ई शहर के पास गहरी संस्कृति परंपरा है और दूसरे क्षेत्रों की तरह समृद्ध प्राकृतिक संसाधन भी हैं । विश्वास है कि आगे और दसेक वर्षों के निर्माण से पूर्वी चीन के मैदान पर एक नया बड़ा शहर यानी आधुनिक लीन-ई खड़ा होगा । भविष्य में मेरी जन्मभूमि और समृद्ध व सुन्दर बनेगी ।

यह न सिर्फ ल्यांगतुंग की अभिलाषा है , हम सब की उम्मीद भी है ।