उत्तर पूर्वी चीन के ल्याओ नींग प्रांत में एक पुराना औद्योगिक अड्डा है। पहले अनेक मजदूरों के ठहरने की समस्या का समाधान करने के लिए अनेक जगहों में अस्थायी मकानों का निर्माण किया गया था। ये मकान अब बहुत टूट-फूट गए हैं,लेकिन अनेक लोग अभी भी इन मकानों में रह रहे हैं। वर्ष 2005 से ल्याओ नींग प्रांत ने इन मकानों का बड़े पैमाने वाला सुधार किया और अस्थायी मकान अब धीरे-धीरे लुप्त हो रहे हैं। लोग नयी इमारतों में चले गए हैं।
सच कहती हूं कि जब मैं ने इस नए मकान को देखा, तो मेरी आंखो से आंसू बहने लगे।मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं भी इस तरह के मकान में रह सकती हूं। मेरे बेटे ने भी मुझे समझाया, क्यों रोती हो। यह खुशी की बात है। क्यों रोती हो।
आप जो आवाज़ सुन रहे हैं, वह चीन के ल्याओ नींग प्रांत के फू श्वन शहर की एक निवासी सुश्री ली जडं छ्वन की है। कुछ समय पहले वे टूटे-फूटे मकान से नयी इमारत में स्थानांतरित हुए। चीन के ल्याओ नींग प्रांत में सुश्री ली जडं छ्वन जैसे अनेक लोग हैं। केवल फू श्वन शहर में ही वर्ष 2004 के अंत तक, इस शहर में 50 हजार वर्गमीटर से बड़ी 10 से ज्यादा अस्थायी बस्तियां थीं, जिन में 70 हजार लोग रहते थे। ये मकान आम तौर पर 50 या 60 वर्ष पुराने हैं। इधर के वर्षों में चीन के ल्याओ नींग प्रांत की स्थानीय विभिन्न सरकारों ने इन अस्थायी बस्तियों के रुपांतरण कार्य को बड़ा महत्व दिया और उन में से कुछ को नष्ट भी किया। लेकिन, चूंकि कुछ बस्तियां उपनगर में थीं, उन के रुपांतरण के लिए बहुत पूंजी की जरुरत थी। इसलिए, अभी तक कुछ अस्थायी बस्तियों के रुपांतरण के सवाल का समाधान नहीं किया जा सका है।
वर्ष 2005 में, ल्याओ नींग प्रांत की सरकार ने सभी अस्थायी बस्तियों का रुपांतरण कार्य करना शुरु किया। ल्याओ नींग प्रांत के नेता श्री ली ख छ्यांग ने कहा, पहले अस्थायी बस्तियों में ज्यादातर खनिज में काम करने वाले मजदूर रहते थे। उन्होंने देश के विकास के लिए बड़ा योगदान किया था। हमारा मकसद व्यापक आम जनता के लिए काम करना है, ताकि वे लोग भी चीन के विकास की उपलब्धि का उपभोग कर सकें।
ल्याओ नींग प्रांत की सरकार ने तीन अरब चीनी य्वान की पूंजी इकट्ठी की और प्रांतों व शहरों के भत्ते, बैंकों के कर्ज आदि माध्यमों से और 10 अरब से अधिक चीनी य्वान की पूंजी आकर्षित की।
वर्ष 2005 की शुरुआत में फू श्वन शहर में अस्थानीय बस्तियों का रुपांतरण कार्य औपचारिक रुप से शुरु हुआ। सात महीनों के निर्माण के बाद मजदूर अंततः पुराने टूटे-फूटे मकानों से बिदा हो कर नयी इमारतों में स्थानांतरित हुए। वृद्ध मजदूर श्री व्येन ह्वा शींग ने कहा,स्थानांतरण के दिन, मेरे बेटे ने कुछ पटाखे खरीदे और हम ने एक साथ पटाखे छोड़े। उस वक्त मै बहुत खुश था, मेरी आंखों से आंसू बह निकले।
जानकारी के अनुसार, फू श्वन को छोड़कर ल्याओ नींग प्रांत के शन यांग, देन तुंग, यींग खो और बन शी आदि अन्य शहरों में अस्थायी बस्तियों के रुपांतरण कार्य पर भी जोर दिया जा रहा है। हम ने देखा कि शन यांग शहर की एक नयी बस्ती में पुस्तकालय, व्यायाम केंद्र आदि बन गये हैं । वृद्ध लोग साफ सुथरी बस्तियों में आराम से घूम रहे हैं और बच्चे हरे-हरे घास मैदान व फूलों के बीच खेल रहे हैं।
बन शी शहर के शी हू डिस्ट्रिक की श्येई बेई सड़क ल्याओ नींग प्रांत की सब से बड़ी अस्थायी बस्तियों के रुपांतरण की परियोजना है। जब हमारा संवाददाता वहां पहुंचा, तो देखा कि नागरिक च्याओ क्वेई रोंग सोफा पर बैठे खुशी से टी वी प्रोग्राम देख रही हैं और परम्परागत चीनी खाना च्याओ जी बना रही हैं। सुश्री च्याओ क्वेई रोंग ने हमें बताया, आज इस नये मकान में हमारे परिवार का प्रथम मिलन समारोह है। मेरा बेटा, बेटी और बहु सब घर वापस लौटेंगे। हम च्याओ जी खा कर स्थानांतरण की खुशी मना रहे हैं।
च्याओ क्वेई रोंग के पति ने भी कहा, पहले हमारा मकान बहुत छोटा था और सर्दी भी थी। आसपास का वातावरण भी अच्छा नहीं था। जब बारिश आती थी, तो मकान में भी वर्षा घुस आती थी । अब यह नया मकान बहुत अच्छा है।
दोस्तों, परिचय के अनुसार, वर्ष 2005 में ल्याओ नींग प्रांत के 11 शहरों ने अस्थायी बस्तियों में रहने वाले 1 लाख से ज्यादा परिवारों के लिए नयी बस्तियों का निर्माण किया था। वर्ष 2006 में अस्थायी बस्तियों का रुपांतरण कार्य तेज़ी से चल रहा था और 1 लाख 50 हजार से ज्यादा परिवार नये मकानों में स्थानांतरित हो चुके हैं।
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