चीन विश्व में एक विशाल भूमि वाला देश है । पर अगर यह प्रश्न पूछा जाए कि चीन की प्रादेशिक भूमियों में सब से जवान भूमि कहां है , तो आप क्या जवाब देंगे ? सही जवाब है कि चीन लोक गणराज्य की सब से जवान भूमि पूर्वी चीन के शानतुंग प्रांत के तुंग-ईंग शहर में पीली नदी के डेल्टे की भूमि है , क्योंकि पीली नदी हर वर्ष ढेरों टन मिट्टी डेल्टे पर ला पहुंचाती है , और वहां हर वर्ष हजारों हेक्टर नयी भूमि पैदा करती है ।
हाल ही में चाइना रेडियो इंटरनेशनल के कुछ संवाददाताओं ने शानतुंग प्रांत के तुंग-ईंग शहर स्थित पीली नदी के डेल्टे का दौरा किया । तुंग-ईंग की जमीन विशाल और समतल है । वहां खड़े होकर लोगों को आकाश अधिक ऊंचा और पृथ्वी अधिक बड़ी होने का एहसास होता है । समुद्री हवा में सांस लेते हुए आदमी अधिक सजग भी लगता है ।
वर्षों पहले तुंग-ईंग शहर की जगह पर सिर्फ एक छोटा सा मछुआरों का गांव हुआ करता था । पर बाद में यहां चीन के शेंग-ली तेल क्षेत्र का पता लगाया गया , तेल का उत्पादन करने के साथ-साथ वर्ष 1960 के दशक में ही यहां एक नया नगर निर्मित किया गया । इसी के कारण तुंग-ईंग शहर में सब कुछ नया और ताज़ा महसूस होता है । लेकिन इस विशाल क्षेत्र में सब से आकर्षित जगह पीली नदी का डेल्टा ही है ।
पीली नदी इतिहास में हमेशा विपदा लाने वाली नदी के नाम से बदनाम रही है । क्योंकि मिट्टी शामिल होने के कारण पीली नदी का पानी भी पीला होता है , इसी वजह से नदी का नाम भी पीली नदी पड़ा है । पर पीली नदी ऊपरी भाग से हर वर्ष कई अरब टन मिट्टी निचले भाग में ला पहुंचाती है , इसी से डेल्टे पर हर वर्ष कई हेक्टर नयी भूमि भी जन्म लेती है । पिछली शताब्दी में चीन सरकार ने वहां कृषि और खेतीबाड़ी का खूब विकास किया था। पर जमीन का हद से अधिक प्रयोग करने से मिट्टी-पानी बहने की गंभीर समस्या भी पैदा हुई है । पीली नदी के डेल्टे का कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिये , इस पर लगातार तीव्र बहस होती रही है । आज इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा गया है , लोगों को यह मालूम है कि भूमि का हद से अधिक प्रयोग करना गलत है । पीली नदी के डेल्टे को अविकसित बनाये रखना , यहां पर आर्थिक गतिविधियां न चलाना मानव के दीर्घकालीन व मूल हितों के अनुकूल है ।
तुंग-ईंग शहर की सरकार के प्रसारण विभाग के प्रधान श्री रेन जंग छिंग ने संवाददाता को बताया, प्राकृतिक संसाधन अगर बरबाद किए जाएं , तो इस की बहाली करना बहुत मुश्किल है । इसलिए यहां औद्योगिक या ग्रामीण विकास करना गलत है । हमें इस क्षेत्र का अच्छी तरह संरक्षण करना चाहिये , ताकि हमारी भावी पीढ़ियों के लिए कुछ संपत्ति सुरक्षित रखी जा सके ।
इस विचार के आधार पर चीन सरकार ने वर्ष 1992 के अक्तूबर में पीली नदी के डेल्टे पर राष्ट्र स्तरीय प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र की स्थापना की थी। प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र में मुख्य तौर पर आदिम दलदल भूमि तथा दुर्लभ पक्षियों का संरक्षण किया जाता है । पीली नदी के डेल्टे के प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र के जनरल इंजीनियर श्री ल्यू यू ल्यांग ने संवाददाताओं को बताया, हमारा संरक्षण क्षेत्र पीली नदी के डेल्टे पर स्थित है । इस का कुल क्षेत्रफल एक लाख 53 हजार हेक्टर है । यह सारा विशाल क्षेत्र हरे रंग से भरा हुआ है । दलदली भूमि में वातावरण व मौसम का सुधार करने की क्षमता है । और वहां पर्यटन का विकास करने की शर्त भी है । पीली नदी का डेल्टा जंगली पक्षियों का स्वर्ग भी है । और वह चीन में सब से जवान भूमि भी है , क्योंकि यहां की भूमि प्रति दिन और बढ़ती जा रही है । पीली नदी के डेल्टे पर समृद्ध जानवर व वनस्पति के संसाधन भी हैं । जंगली पशुओं के विशेष दृश्य भी नजर आते हैं । खासकर पतझड़ व शरद के मौसम में बहुत से जंगली हंस, बत्तख और सारस आदि घूमंतू पक्षी यहां आते हैं । यहां चुगने के लिए काफी कुछ होने के कारण बहुत से घूमंतू पक्षियों का यहां डेरा जमता है । पक्षियों के अतिरिक्त लोमड़ी, खरगोश, कथियान्याल और बिज्जू आदि जंगली पशु भी संरक्षण क्षेत्र के घने जंगल में रहते हैं । पीली नदी प्रति वर्ष ऊपरी भाग से ढेरों टन उपजाऊ मिट्टी लाती है , जिसके कारण डेल्टे पर सरकंडे, घास-मैदान तथा किस्म-किस्म के पेड़ों के जंगल भी नज़र आते हैं ।
पर पीली नदी के डेल्टे पर समृद्ध तेल व प्राकृतिक गैस आदि प्राकृतिक संसाधन के भंडार भी हैं । इन का सर्वेक्षण व विकास करने का काम भी चल रहा है । तेल उद्योगधंधों ने डेल्टे के प्राकृतिक वातावरण के संरक्षण के लिए यथासंभव कोशिश की है , और तेल उत्पादन के लिए निम्नतम कम भूमि का प्रयोग करने की कोशिश जारी है ।
पर्यावरण के सुधार से बड़ी संख्या में पक्षियों को आकर्षित किया जा रहा है । वर्ष 1992 की सांख्यिकी के अनुसार डेल्टे पर रहने वाले पक्षी 262 किस्म के थे, जबकि अब उन की किस्म 283 तक उन्नत हो गयी है । नये किस्म वाले सारस तथा हंस आदि का पता भी लगाया गया है । काले मुंह वाला गल , जो विलुप्त होने की विश्व नामसूची में शामिल है , का भी यहां पता लगाया गया है। पक्षियों के अलावा संरक्षण क्षेत्र में 393 जंगली वनस्पतियों का पता भी लगा है। जैसे विल्पुत होने वाले जंगली सोयाबीन का प्रजनन भी डेल्टे पर हो रहा है ।
प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण और विकास करने का उद्देश्य मानव के हित के लिए है । अब चीन के बड़े शहरों में भूमि का दाम बहुत अधिक है । इस की तुलना में पीली नदी के डेल्टे पर असीम समतल भूमि है । यहां नये-नये नगरों का निर्माण किया जा सकता है ? या कम से कम खेतीबाड़ी का काम करने से अनाज का उत्पादन हो सकता है ? ऐसे सवालों के साथ संवाददाताओं ने पर्यटकों के साथ बातचीत की ।
शानतुंग प्रांत के चिकित्सा व्यवसायिक स्कूल की छात्रा वांग ह्वेई ने कहा कि दलदली भूमि का औद्योगिक विकास न करना और इसे अपनी प्रारंभिक स्थिति में बनाये रखना ही मानव के हितों के अनुकूल है । पर संवाददाता ने पूछा कि इतनी विशाल भूमि से हम कम से कम अनाज तो प्राप्त कर ही सकते हैं , इस सवाल के जवाब में शानतुंग प्रांत के चि-नान शहर के एक मीडिल स्कूल के छात्र पी लुंग थंग ने कहा कि सुन्दर पर्यावरण अमूल्य प्राकृतिक धरोहर है । मानव को प्राकृतिक संसाधन का वैज्ञानिक तौर पर विकास करना चाहिये और हमें अपनी संतानों के लिए भी कुछ न कुछ सुरक्षित रखना चाहिये ।
यह बहुत खुशी की बात है कि प्राकृतिक वातावरण का अच्छी तरह संरक्षण करने का विचार चीनियों का आम विचार बना है । मानव को प्राकृतिक वातावरण का संरक्षण करने के जरिये अपने हितों का संरक्षण करना चाहिये । इसी सही विचार के मार्गदर्शन में हमारा पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकेगा , और हमारे अर्थतंत्र का भी अच्छा विकास किया जा सकेगा ।
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