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(GMT+08:00) 2007-07-18 09:53:58    
आश्चर्यजनक स्थल शानतुंग प्रांत का थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय

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शानतुंग प्रांत उत्तरी चीन स्थित एक ऐसा असाधारण स्थान है , जहां न सिर्फ सुन्दर-सुन्दर पहाड़ हैं और लम्बी-लम्बी नदियां बहती हैं , बल्कि लम्बी ऐतिहासिक परंपरा से प्रभावित सीधे-सादे लोग भी रहते हैं । शानतुंग प्रांत की इधर के वर्षों में बहुत तेज़ आर्थिक वृद्धि हुई है , और वहां के छोटे-छोटे नगरों में लोग अपना सुखमय जीवन अद्भुत संस्कृति के गौरव में जी रहे हैं । हाल में हमारे संवाददाता ने शानतुंग प्रांत के कुछ नगरों का दौरा किया और वहां की जनता के उत्साह की स्मृति को ले कर वापस पहुंचे हैं । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को शानतुंग प्रांत की पींग-ई कांऊटी में निर्मित थिएन-यू संग्रहालय का परिचय दे रहे हैं ।

पींग-ई कांऊटी की विशाल व समतल जमीन है , लेकिन रास्ते में संवाददाता को एक बड़ी इमारत खड़ी नज़र आयी। यही है थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय , किसी दृष्टि से यह विश्व में सब से बड़ा भौगोलिक संग्रहालय कहलाता है ।

पींग-ई कांऊटी के प्रेस व प्रकाश केंद्र के प्रधान श्री सुन चिंग फंग ने हमारे संवाददाता से कहा कि थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय का निर्माण वर्ष 2004 के सितंबर में समाप्त हुआ । तब इसे आम जनता के लिए खोला गया ।

संग्रहालय के निर्माण में लगायी 30 करोड़ य्वान की पूंजी सब स्थानीय सरकार और कारोबारों द्वारा दी गयी है । वर्तमान में थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय की सात मंजिला इमारत में प्रदर्शित क्षेत्रफल 28 हजार वर्ग मीटर है , जिसमें कुल 3 लाख 90 हजार वस्तुएं प्रदर्शित हैं । प्रदर्शित चीज़ों में मुख्य तौर पर खनन पत्थर और प्राचीन कालीन जीवों के जीवाश्म हैं ।

थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय आसपास के लोगों को शिक्षा और पर्यटन की सेवा प्रदान कर रहा है ।उसे केंद्र सरकार द्वारा त्रि-स्तरीय पर्यटन स्थल का खिताब भी मिला हुआ है । प्रति वर्ष बहुत से पर्यटक और छात्र यहां का दर्शन करने या शिक्षा लेने आते रहते हैं । ऐसा एक बड़ा संग्रहालय बेशक स्थानीय लोगों में विज्ञान का प्रसार करने , शिक्षा को बढ़ाने तथा जन लोगों की सभ्यता के स्तर को उन्नत करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है । संग्रहालय का विशाल रिहाईशी क्षेत्रफल तथा प्रदर्शित वस्तुओं की बड़ी संख्या की दृष्टि से थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय विश्व में सब से बड़ा भौगोलिक संग्रहालय है । और केंद्र सरकार तथा शानतुंग प्रांत सरकार ने इसे चीनी प्राचीन काल का जीव संबंधी विज्ञान व शिक्षा केंद्र, शानतुंग प्रांतीय विज्ञान प्रसार व शिक्षा केंद्र तथा शानतुंग प्रांतीय विज्ञान व शिक्षा केंद्र आदि का शीर्षक दिया है ।

संग्रहालय की उदघोषिका सुश्री क्वो रे याओ ने संवाददाता को बताया कि थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय में कुल 28 प्रदर्शन हाल हैं । जिन में से नौ प्रदर्शन हाल में दस हजार से अधिक मूल्यवान खनिज पत्थर हैं । मिसाल के तौर पर उस में प्रदर्शित , पश्चिमी चीन के सिंच्यांग प्रदेश से मिले हरे रंग वाले जेड को यूरोपीय खनिज पदार्थ पत्रिका द्वारा वर्ष 2006 में पता लगाए गए 10 सब से अद्भुत पदार्थ चुना गया था। सिंच्यांग प्रदेश से मिली दूसरी मूल्यवान चीज़---38 मीटर लम्बे लकड़ी जीवाश्म को गिनिस विश्व रिकार्ड में शामिल किया गया है । चीन के पूर्वी समुद्र में पता लगाये गये 39 हजार किलो का एक वजनदार क्रिस्टल भी विश्व के सब से बड़े क्रिस्टल पत्थरों में अग्रिम पंक्ति में खड़ा है । इस के अलावा थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय में विश्व में सब से बड़ा जिपसम (gypsum) और स्टेलक्साईट(stalactite) पत्थर भी प्रदर्शित हैं ।

संग्रहालय में खनिज पदार्थों के अतिरिक्त प्राचीन कालीन जीवों के जीवाश्म भी प्रदर्शित हैं । जैसे आईक्थोसोरस, डायनोसोर ,प्राचीन काल के समुद्री जीव, तथा नज़दीक प्राचीन काल में रहने वाले हाथी , सुरंग तथा वनस्पतियों आदि के जीवाश्म भी प्रदर्शित हैं ।

थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय अनुसंधानकर्ताओं के लिए मूल्यवान मंच है। और आसपास रहने वाले छात्रों के लिए यह संग्रहालय शिक्षा पाने और कुछ सीखने का अच्छा मौका है । पींग-ई कांऊटी के एक प्राइमरी में पढ़ रहा छात्र ल्यू हाओ रे भी मां के साथ संग्रहालय देखने आया । उस की मां ने बताया, संग्रहालय देखना लड़कों के लिए  बहुत अच्छा है । क्योंकि छात्रों को पुस्तक पढ़ने के अलावा बाहर की विशाल दुनिया के दर्शन करने की भी बड़ी जरूरत है। लड़के ल्यू हाओ रे ने कहा , मैं बचपन से ही प्राकृतिक विज्ञान से प्रेम करता हूं । थिएन-यू भौगोलिक संग्रहालय में मैं ने बहुत से नई चीजें देखी हैं और नया सीखा है । मैं अच्छी तरह पढ़ूंगा और भविष्य में एक वैज्ञानिक बनूंगा ।