• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Friday   Jul 4th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2007-07-05 08:54:21    
भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के प्रसिद्ध संगीतकार श्री युंग रू पू की रचनाओं ने अमरीका में बड़ी धूम मचाई

cri

प्रिय दोस्तो , पहले हम चीन के भीतरी मंलोलिया स्वायत्त प्रदेश के लोकप्रिय संगीत और प्रसिद्ध संगीतकार श्री युंग रू पू के बारे में बता चुके हैं । हो सकता है कि अभी आप को मंगोल जाति के संगीत भी पसंद है । आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम इसी मंगोल जाति के मधुर गीत संगीत का उठाने पर जा रहे हैं । क्योंकि भीतरी मंगोलिया प्रदेश के विशाल घास मैदान पर अलग ढंग वाले मंगोल जातीय संगीत सुनने से लोग एकदम आनन्दित हो जाते हैं । चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश में रहने वाले संगीतकार श्री युंग रू पू की संगीत रचनाएं एसी होती हैं कि जब लोगों के कानों में श्री यूंग रू पू के लोकगीतों की आवाजें सुनाई पड़ीं , तो उन्हें ऐसा लग जाता है कि मानों घास मैदान की विशेष महक मेरे नथुनों में भर गई हो और नीला आसमान और सफेद बादल का नजारा आंखों के सामने नमुदार हो उठा, साथ ही मन भावना बंधन से भी एकदम मुक्त हो गया ।

भीतरी मंगोलिया में रहने वाले यूंग रू पू ने घास मैदान और संगीत से लगाव के कारण बड़ी तादाद में जातीय विशेषता और आधुनिक कलात्मक रचनाओं का सृजन या रूपांतर किया है । उन में अकेलेपन में पड़ा सफेद नन्हा बकरा सब से लोकप्रिय है ।

अकेलेपन में पड़ा सफेद नन्हा बकरा नामक इस लोकगीत में मंगोल जाति के संगीत में प्रचलित लम्बे राग का प्रयोग कर गायक ने गले के पिछले भाग से निकलने वाली आवाज के जरिये सजीव रूप से मादा बकरी से बिछुड़ने वाले नन्हे बकरे की अकेली व निस्सहाय स्थिति की अभिव्यक्ति की है । 2002 में भीतरी मंगोलिया की रेडियो व टी .वी कला मंडली ने कोरिया गणराज्य के फूसान शहर में हुए द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय ऑलम्पिक समूह गान प्रतियोगिता में यह गीत पेश किया और स्वर्ण-पदक जीता ।

पिछले अनेक सालों में श्री यूंग रू पू द्वारा रूपांतरित चार मौसम , नोएंकिया , चार समुद्र आदि मंगोल जाति के लोक गीत समूचे चीन में बहुत लोकप्रिय हुए हैं । 1989 में यूंग रू पू अपनी जातीय संगीत रचनाएं लेकर पेइचिंग संगीत भवन में प्रथम अल्पसंख्यक जातीय संगीतकार की हैसियत से व्यक्तिगत सिंफनी संगीत समारोह आयोजित करने में सफल हुए ।

अक्तूबर 2005 में श्री यूंग रू पू ने चीनी संस्कृति मंत्रालय की अनुमति से भीतरी मंगोलिया के रेडियो व टी . वी समूह गान मंडली के नेतृत्व में अमरीका में चीनी सांस्कृतिक उत्सव की उद्घाटन रस्म में अपना संगीत पेश किया । श्री युंग रू पू की रचनाओं ने अमरीका में बड़ी धूम मचाई । संबंधित अमरीकी विभाग ने श्री यूंग रू पू के लिये एक विशेष समूह गान समारोह भी आयोजित किया । श्री यूंग रू पू को व्यापक अमरीकी दर्शकों की ओर से खूब दाद मिली और पूर्व अमरीकी विदेश मंत्री श्री पावेल ने उन से भेंट की और उन की प्रशंसा की। इस बात की याद करते हुए श्री युंग रू पू ने कहा कि बहुत से अमरीकी दर्शक हमारे समूहगान सुनने से प्रभावित होकर एकदम रो पड़े ।

1998 में चीनी प्रथम राष्ट्रीय व्यवसायिक समूहगान प्रतियोगिता चीन के हारपिन शहर में हुई । इस प्रतियोगिता में श्री युंग रु पू के नेतृत्व में समूहगान मंडली ने असाधारण गायन हुनर से मौके पर मौजूद सभी दर्शकों और निर्णनायकों का दिल जीत कर एक बार फिर बड़ी धूम मचाई ।

आज श्री यूंग रू पू 74 वर्ष के हो गये हैं , वे जातीय संगीत कला को प्रदर्शित करने के लिये जीजान से प्रयास करते रहते हैं । 2006 में उन्हों ने घास मैदान की आत्मा और घाम मैदान का गुणगान शीर्षक वाले सिंफनी और समूहगान संग्रह प्रकाशित किये । उन्हों ने कहा कि वे भीतरी मंगाल जातीय लोकगीतों के समुद्र में जातीय कलात्मक निधि की खोज करते रहेंगे ।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040