पहली जुलाई को चीन सरकार द्वारा हांगकांग पर अपनी प्रभुसत्ता का उपभोग किये जाने तथा चीन के हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की स्थापना की दसवीं वर्षगांठ का दिन था । पिछले दस सालों में एक देश दो व्यवस्थाएं , हांगकांग वासियों द्वारा हांगकांग पर प्रशासन तथा उच्च स्वशासन के उसूल को हांगकांग में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया गया , जिस से हांगकांग में समृद्धि और स्थिरता बरकरार रही । हांगकांग की इस सफलता पर जर्मनी , भारत , जापान , दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन आदि देशों के मीडिया ने उच्च मूल्यांकन किया ।
वाइस आफ जर्मनी ने दूसरी तारीख को अपनी एक समीक्षा में कहा कि दस साल पहले ब्रिटेन ने चीन को हांगकांग की प्रभुसत्ता वापस सौंप दी थी, उस समय हांगकांग के भविष्य पर निराशा प्रकट करने की अनेकों भविष्यवाणी की गयी थी, लेकिन ये सब भविष्यवाणी अब गलत साबित हुई है. हांगकांग की मातृभूमि की गोद में वापसी के बाद विश्व में उस का वित्तीय स्थान नहीं खोया , हांगकांग वासियों की बोलने की स्वतंत्रता लगातार कायम रही । इस के अलावा चीन की केन्द्रीय सरकार ने हांगकांग में उस की पुरानी सामाजिक व्यवस्था को 50 सालों तक बनाए रखने के अपने वचन का पालन किया ।
बर्लिन डेली ने दूसरी तारीख को टिप्पणीकार का एक लेख प्रकाशित कर कहा कि चीन की केन्द्रीय सरकार और हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र सरकार के नेतृत्व में हांगकांग में आर्थिक समृद्धि बनी रही है । वर्ष 2006 में प्रति हांगकांग वासी का अन्दरूनी उत्पादन मूल्य 38000 अमरीकी डालर तक पहुंची , जो हांगकांग के इतिहास में एक नया रिकार्ड है । यदि शांगहाई को चीन की मुख्यभूमि का वित्तीय केन्द्र कहा जाए , तो हांगकांग विदेशों के साथ चीन के वित्त व व्यापार का भुजा माना जा सकता है ।
भारतीय अखबार हिन्दु ने पहली तारीख को अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक देश दो व्यवस्थाएं सिद्धांत के तहत आज अधिकाधिक हांगकांग वासी स्थानीय राजनीतिक कार्य में भाग ले रहे हैं और हांगकांग का राजनीतिक सुधार भी जारी रहा है । इस के अलावा हांगकांग का आर्थिक विकास भी ध्यानाकर्षक हो रहा है ।
जापानी अखबार असाही शुन्बुन ने पहली तारीख को संपादकीय प्रकाशित कर कहा कि चीन सरकार ने उस समय जब एक देश दो व्यवस्थाएं की नीति घोषित की थी , तब बहुत से हांगकांग वासियों को इस पर चिंता पैदा हुई थी । लेकिन अब दस साल गुजरे हैं , हांगकांग नागरिक एकदम निश्चिंत हो गए , कनाडा आदि देशों में जा बसे हांगकांग के बहुत से लोग अब लौट कर हांगकांग में आये ।
जापानी अखबार योमिउरी शिन्बुन ने 26 से 29 जून तक चार दिनों के भीतर हांगकांग वापसी के दस साल शीर्षक विशेष स्तंभ खोला , जिस में हांगकांग की वापसी के बाद पिछले दस सालों में वहां हुए भारी परिवर्तन का परिचय किया गया । उस के लेखों में कहा गया है कि हांगकांग की वापसी के पिछले दस सालों में देश को स्वीकार करने की हांगकांग वासियों की चेतना उत्तरोत्तर मजबूत होती जा रही है और अपने को चीनी मानने वाले हांगकांग वासियों की संख्या लगातार बढ़ती गयी है और उन्हें इस पर बड़ा गर्व महसूस होता है ।
दक्षिण कोरिया के अखबार चोसोन आईल्बो ने दूसरी तारीख को हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के प्रमुख प्रशासक जङ यन छ्वन से साक्षात्कार अर्थात हांगकांग का भविष्य और सुन्दर होगा शीर्षक रिपोर्ट दी । साक्षात्कार के लेख में कहा गया है कि श्री जङ यन छुन ने साक्षात्कार के समय हांगकांग में पिछले दस सालों में प्राप्त उपलब्धियों और कारनामों पर बड़ा गौरव महसूस किया और उन्हें हांगकांग के भविष्य पर पक्का विश्वास है ।
ब्रिटिश दे एकोनोमिस्ट पत्रिका ने 30 जून के अंक में छपे एक लेख में कहा कि हांगकांग की मातृभूमि में वापसी के बाद वहां अपनी विशेष जीवन शैली बरकरार रखी गयी है , इस अभूतपूर्व प्रयोगात्मक काम को आज सफल कहा जा सकता है । हांगकांग की वापसी के दस सालों में उसे एशियाई वित्तीय संकट , सार्स और पक्षी फ्लू जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा था , लेकिन इन कसौटियों में हांगकांग खरा उतरा है और वर्तमान में हांगकांग बीते 20 सालों का सब से अच्छा काल से गुजर रहा है ।
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