कुछ समय पहले चीन की राजधानी पेइचिंग में हुए पुस्तक-बुकिंग मेले में पुस्तकों की हस्तलिपियों के कॉपी-राइट संबंधी व्यापार आकर्षण का केंद्र बना।इस मेले ने साधारण लेखकों और प्रकाशन-संस्थाओं के बीच सौदे का एक मंच बनाया। इस में शरीक हुए अनेक प्रकाशकों ने कहा कि उन्हें मेले से बहुत सी उपलब्धियां हासिल हुई हैं।
पेइचिंग में आयोजित इस वार्षिक पुस्तक-बुकिंग मेले का उद्देश्य साधारण लेखकों को पुस्तकों के प्रकाशन में मदद देना,प्रकाशन-संस्थाओं को प्रकाशन के लिए हस्तलिपियां ढूंढ़ने में सहायता देना और जन-समुदाय में रचनाओं के कॉपी-राइट संबंधी ज्ञान का प्रचार-प्रसार करना है। चीन के विभिन्न क्षेत्रों से कॉपी-राइट संबंधी एजेंसियों,प्रकाशन-गृहों,
फिल्म व टीवी कार्यक्रम बनाने वाली संस्थाओं और बड़ी संख्या में लेखकों ने इस मेले में सक्रिय रूप से भाग लिया। चीनी कॉपी-राइट संरक्षण-केंद्र की एक सहायक प्रधान सुश्री वे-हुंग ने कहाः
"हम ने लेखकों और प्रकाशन-गृहों के बीच आदान-प्रदान का एक मंच कायम करने के लिए यह मेला लगाया है।एक साधारण लेखक के लिए अपनी पुस्तक प्रकाशित कराना सचमुच बहुत कठिन है। देश में सैंकड़ों प्रकाशन-गृह हैं। उस के लिए अपनी किसी पुस्तक के लिए किसी समुचित या मनमाफिक प्रकाशन-गृह का पता लगाना आसमान छूने जैसा असंभव है। जब कि किसी प्रकाशन-गृह के लिए भी कोई श्रेष्ठ पुस्तक खोजना मुश्किल है। विख्यात लेखकों को छोड़ साधारण लेखकों की ढेरों रचनाओं में से श्रेष्ठ पुस्तक चुनने के लिए एक ऐसे मंच की जरूरत है,जो साधारण लेखकों और प्रकाशन-गृहों के बीच पुल की भूमिका अदा कर सके।"
मेले में चीन की सब से बड़ी कॉपी-राइट एजेंसी—चीनी कॉपी-राइट एजेंट कंपनी ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लेखकों की हस्तलिपियों में से 336 रचनाएं चुनीं और प्रकाशन के लिए उन के मेले में आए प्रकाशन-गृहों व फिल्म एवं टीवी कार्टून कार्यक्रम बनाने वाली संस्थाओं के सामने सिफारिश की। इन रचनाओं की नामसूची भी बनायी गई और इंटरनेट पर स्थापित चीनी कॉपी-राइट सूचना वेबसाइट पर सार्वजनिक की गई। मेले के संयोजक ने एक विशेष परामर्शदाता कार्यालय भी खोला,जिस ने लोगों को कॉपी-राइट के बारे में निःशुल्क परामर्श देने और लेखकों के लिए उन की हस्तलिपियों को पुस्तकों के रूप में प्रकाशित करवाने का काम किया।
मेले में हमारे संवाददाता ने बहुत से लेखकों को अपनी-अपनी हस्तलिपियों का परिचय देते हुए देखा। ईन शिंग-श्वे पूर्वोत्तर चीन के हेलुंगच्यांग प्रांत से आए एक अध्यापक हैं। उन्हों ने अपनी हस्तलिपियां दिखाते हुए संवाददाता से कहाः
"इन हस्तलिपियों को संकलित करने में मैं ने करीब 20 साल का समय लगाया है। वर्ष 2004 में मैं ने राष्ट्रीय दर्शनशास्त्र महाधिवेशन में भाग लिया। उस में मेरे एक निबंध का कॉपी-राइट चीनी कॉपी-राइट एजेंट कंपनी को दिया गया।इस बार मैं ने इंटरनेट पर इस मेले की जानकारी प्राप्त की। अपनी इन हस्तलिपियों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित कराने के लिए मैं मेले में उपस्थित सभी प्रकाशन-गृहों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा हूं।"
मेले के आयोजन के दौरान कॉपी-राइट संबंधी सेमिनार और अन्य संबधित आयोजन भी किए गए। एक सेमिनार में लेखक छाओ पाओ-मिंग की ओर करीब सभी उपस्थितों का ध्यान चला गया। श्री छाओ पाओ-मिंग चीनी रीति-रिवाज शास्त्र के अनुसंधान में काफी प्रसिद्ध हैं। उन्हों ने पूर्वोत्तर चीन के दूरस्थ पहाडी क्षेत्रों तक जाकर वहां प्रचलित लम्बी इतिहास वाली चील-शिकार संबधी संस्कृति का अनुसंधान किया है। दो साल की मेहनत से उन्हों ने उपन्यास 《अंतिम शिकारी》लिखा। पिछले साल हुए कॉपी-राइट संबंधी मेले में उसे प्रमुख प्रकाशन-गृहों में से एक विश्व ज्ञान प्रकाशन-गृह द्वारा चुन लिया गया। प्रकाशन के तुरंत बाद इस उपन्यास का खूब स्वागत किया गया। इस बार श्री छाओ अपनी 7 नई पुस्तकों की हस्तलिपियों के साथ मेले में आए हैं। उन्हों ने कहाः
"मेरी 64 पुस्तकें प्रकाशित की जा चुकी हैं।7 नयी रचनाएं प्रकाशन-गृहों से मिलने के इंतजार में हैं। मैं ने अपना अधिकांश समय अध्ययन और लिखने में लगाया है।प्रकाशन-गृहों से संपर्क करने की फुरसत तक मेरे पास नहीं रही। इसलिए मेरे विचार में कॉपी-राइट संबंधी एजेंसी बहुत उपयोगी हैं।वह लेखकों और उन की रचनाओं को ही नहीं,बल्कि प्रकाशन-संस्थाओं को भी खूब जानती हैं,साथ ही व्यापक दर्शकों की बदलती जिज्ञासा व रूचि पर उन की पैनी नजर रहती है। वह तीनों पक्षों में सेतु का सा काम करते हुए तीनों को लाभ पहुंचा सकती है।"
पेइचिंग में अनेक पुस्तक-बुकिंग मेले आयोजित हो चुके हैं,तो भी कॉपी-राइट संबंधी सौदा गत वर्ष से शुरू हुआ है।उस समय सैकड़ों लेखकों ने 600 से अधिक पुस्तकों की हस्तलिपियों के साथ और बहुत सी प्रकाशन-संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने मेले में भाग लिया था। इस बार के मेले में लेखकों और प्रकाशन-गृहों के बीच 100 से ज्यादा समझौते संपन्न हुए हैं।
ता-जी नामक एक डीजिटल फोटोग्राफी लिमिटेड कंपनी थाइवान से आई है। इस मेले में उस का पंडाल भव्य सजावट के कारण बड़ा ध्यानाकर्षक बना है। इस कंपनी के एक जिम्मेदार व्यक्ति श्री छन-जो ने कहाः
"हमारी कंपनी वर्ष 1976 में स्थापित हुई,जो चीन की सब से पुरानी फोटोग्राफी कंपनी कही जा सकती है। कोई 30 वर्षों के विकास के बाद अब यह कंपनी विश्व में अव्वल दर्जे की हो चली है। इस तरह के मेले में यह हमारी पहली हिस्सेदारी है।उम्मीद है कि इस मेले के जरिए हमारे फोटो प्रकाशन-संस्थाओं को अपनी ओर खींच सकेंगे।"
मेले में रूसी वास्तुकला विश्वविद्यालय संघ के प्रकाशन-गृह और चीनी कॉपी-राइट एजेंसी के बीच एक समझौता हुआ,जिस के अंतर्गत चीनी कॉपी-राइट एजेंसी रूस के इस प्रकाशन-गृह को चीनी पुस्तकें निर्यात करने का काम संभालने वाली एकमात्र एजेंसी होगी।इस प्रकाशन-गृह की महानिदेशक सुश्री नादेज़धा.नुकज़्दना का कहना हैः
"चीनी प्रकाशन-गृहों ने बहुत सी वास्तुकला संबंधी पुस्तकें प्रकाशित की हैं।ये पुस्तकें संसार के अनेक देशों में लोकप्रिय हैं। रूस को भी इस संदर्भ में दिलचस्पी है।लिहाजा हम चीनी प्रकाशन-जगत से बेहतर संबंध रखना चाहते हैं।"
चीनी कॉपी-राइट संरक्षण केंद्र के सहायक प्रधान सुश्री वे-हुंग के अनुसार चीनी कॉपी-राइट एजेंसी के अलावा चीन में और 20 से अधिक प्रांतीय स्तर की व्यावसायिक कॉपी-राइट एजेंसियां भी हैं। साथ ही अनेक पेशेवर प्रकाशन-गृह,सांस्कृतिक संस्थाएं और व्यक्ति भी कॉपी-राइट संबंधी कार्य कर रहे हैं। इस से चीन में प्रकाशन-कार्य के विकास को बड़ा बढावा मिला है।उन्हों ने कहाः
"चीनी कॉपी-राइट एजेंसी को स्थापित हुए 18 साल हो गए हैं। उस के विकास से चीन में कॉपी-राइट संबंधी व्यापार और दलाली के विकास की प्रक्रिया देखी जा सकती है। इस समय चीन में कॉपी-राइट सबंधी व्यापार अंतर्राष्ट्रीय सांचे में ढलने की कोशिश कर रहा है।"
सुश्री वे-हुंग ने कहा कि चीन में कॉपी-राइट संबंधी संस्थाओं और दलालों की पांत बढ रही है।अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी के सहारे लेखकों,उन की रचनाओं,प्रकाशन-गृहों और कॉपी-राइट से जुड़ी जानकारियों का डेटा बेस जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा और इस के आधार पर कॉपी-राइट संबंधी व्यापार का मंच भी बन जाएगा।
|