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(GMT+08:00) 2007-06-29 15:22:03    
किन राज्य की स्थापना

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ऐतिहासिक दृष्टि से , वाङ आनशि के सुधारों को किसी हद तक प्रगतिशील कहा जा सकता है। उस के नए कार्यक्रमों पर दस साल से अधिक समय तक अमल किया जाता रहा, जिससे बडे-बडे अफसरों , जमींदारों और व्यापारियों के विशेषाधिकारों को कुछ हद तक कम किया जा सका।

सरकारी राजस्व, कृषि-उत्पादन और सैन्य-शक्ति में वृद्धि भी हुई। इन सुधारों का उद्देश्य किसान विद्रोह की रोकथाम और उत्तरी सुङ राजवंश के सामन्ती शासन की हिफाजत करना था, लेकिन नए कार्यक्रमों के लागू होने से बडे-बडे जमींदारों के हितों को नुकसान भी पहुचा।

इसलिए उन्होंने व राजदरबार के बड़े-बडे अफसरों ने, जिनका अगुवा सिमा क्वाङ नामक एक ऊंचे ओहदे वाला अफसर था, सुधारों का प्रबल विरोध किया। शनचुङ की मृत्यु के बाद सिमा क्वाङ उत्तरी सुङ राजवंश का प्रधान मंत्री बन गया और उस ने तमाम नए कार्यक्रमों को रद्द कर दिया।

इन सुधारों की असफलता से वर्गअन्तरविरोध पहले से और अधिक तीव्र हो गए। परिणामस्वरूप , सुङ च्याङ और फाङ ला के नेतृत्व में एक के बाद एक किसान विद्रोह फूद पड़े।

जैसा कि पहले सुनाया जा चुका है, ऐतिहासिक दृष्टि से , वाङ आनशि के सुधारों को किसी हद तक प्रगतिशील कहा जा सकता है।

उस के नए कार्यक्रमों पर दस साल से अधिक समय तक अमल किया जाता रहा, जिससे बडे-बडे अफसरों , जमींदारों और व्यापारियों के विशेषाधिकारों को कुछ हद तक कम किया जा सका।

सरकारी राजस्व, कृषि-उत्पादन और सैन्य-शक्ति में वृद्धि भी हुई। इन सुधारों का उद्देश्य किसान विद्रोह की रोकथाम और उत्तरी सुङ राजवंश के सामन्ती शासन की हिफाजत करना था, लेकिन नए कार्यक्रमों के लागू होने से बडे-बडे जमींदारों के हितों को नुकसान भी पहुचा।

इसलिए उन्होंने व राजदरबार के बड़े-बडे अफसरों ने, जिनका अगुवा सिमा क्वाङ नामक एक ऊंचे ओहदे वाला अफसर था, सुधारों का प्रबल विरोध किया।

शनचुङ की मृत्यु के बाद सिमा क्वाङ उत्तरी सुङ राजवंश का प्रधान मंत्री बन गया और उस ने तमाम नए कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। इन सुधारों की असफलता से वर्गअन्तरविरोध पहले से और अधिक तीव्र हो गए। परिणामस्वरूप , सुङ च्याङ और फाङ ला के नेतृत्व में एक के बाद एक किसान विद्रोह फूद पड़े।

जब उत्तरी सुङ राज्य किसान विद्रोहों का पूरी ताकत से दमन करने में लगा हुआ था, तो चीन के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में रहने वाली न्वीचन जाति दिनोंदिन शक्तिशाली होती जा रही थी।

इस जाति के लोग अलग अलग कबीलों के रूप में लम्बे अरसे से हेइलुङ नदी के इलाके में रहते आए थे। बाद में उन में से वानयेन कबीला धीरे धीरे शक्तिशाली हो गया और उस ने आसपास के कबीलों को एक किया।