प्रिय मित्रो , आप को मालूम हुआ है कि चीन के आन ह्वी प्रांत में स्थित चियु ह्वा पर्वत चीन के चार प्रसिद्ध बौद्ध धार्मिक पर्वतों में से एक माना जाता है । पर आज के चीन के भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को फिर भी इसी सुप्रसिद्ध बौद्ध धार्मिक पर्वत में सुरक्षित धरोहरों को देखने ले चलते हैं ।
किम चिओ चो ने चियु ह्वा पर्वत पर बहुत सी धरोहरें छोडी हैं । उन में खड़ी सीधी चट्टान पर स्थापित तुंग या यानी पूर्वी चट्टान मंदिर बहुत चर्चित है। रिपोर्ट के अनुसार चियु ह्वा पर्वत मुख्यतः ग्रे नाईट नामक चट्टान पर बना है । इस पर्वत पर अधिकतर बौद्ध धार्मिक मंदिर इसी तरह पर्वत पर बने हुए हैं , कुछ मंदिर एक ही भीमकाय चट्टान पर निर्मित हैं । चियु ह्वा पर्वत पर्यटन स्थल के गाईड श्री ली लू ने इस का परिचय देते हुए कहा कि तुंग या मंदिर समुद्र की सतह से 871 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक चोटी पर अवस्थित है । यह मंदिर सीधी खड़ी चट्टानों से लगा हुआ है ।यहां पर मंडराते हुए बेशुमार स्वाल्लोव भी नजर आते हैं । यह अजीबोगरीब दृश्य देखने में बड़ा मजा आता है ।
हमारे संवाददाता ने नीचे की ओर इशारा करते हुए गाईड से कहा कि देखो देखो , इतनी गहरी घाटी मैं ने कभी नहीं देखी , अरे सुनो , उधर बहती हुई नदी की आवाज सुनाई पड़ रही है । अभी हम ने झुंड के झुड मंडराते हुए स्वाल्लोव देखे हैं , क्या वह चियु ह्वा पर्वत की एक विशेषता है । यह बात सुनकर गाईड ने जवाब में कहा कि यह सचमुच चियु ह्वा पर्वत की एक बड़ी विशेषता है । क्योंकि चियु ह्वा पर्वत की पारिस्थितिकी बहुत अच्छी तरह सुरक्षित है , इसलिये पक्षियों की किस्में और संख्या अत्याधिक है । स्थानीय वासी भी स्वाल्लोवों समेत सभी पक्षियों की देखरेख करते हैं ।
चियु ह्वा पर्वत पर न सिर्फ बौद्ध धार्मिक मंदिरों ने अपनी विशेष पहचान बनाई है , बल्कि यहां पर आकाश से बातें करने वाली अजीब चोटियां और सरिताएं व अद्भुत अनौखे प्राकृतिक दृश्य भी पर्यटकों को मोह लेते हैं । चियु ह्वा पर्वत की एक चोटी पर स्थित एक मैदान पर रंगबिरंगे जंगली फूल खिले हुए दिखाई देते हैं। स्थानीय लोग इस मैदान को फूल मंच कहकर पुकारते हैं। पत्थरों से बने संकरे पहाड़ी रास्ते पर खिले हुए महकदार फूल व छायादार पेड़ नजर आते हैं और पक्षियों की चहक चारों तरफ सुनाई देती है । कोई भी पर्यटक ऐसे स्वर्ग जैसे माहौल में अपने आप को भूल जाता है और वह प्राकृतिक सौंदर्य और शांत पर्यावरण पर मोहित हो उठता है ।
जी हां , प्राचीन काल से लेकर अभी तक पता नहीं कि कितनी प्रसिद्ध हस्तियां चियु ह्वा पर्वत के अनौखे प्राकृतिक दृश्यों पर मोहित हुई हैं । चीनी चित्रकार श्री ली युंग प्रथम बार विशेष तौर पर चित्र बनाने के लिये चियु ह्वा पर्वत पर आये । उन के विचार में चियु ह्वा पर्वत पर हरे-भरे जंगलों और विविधतापूर्ण वनस्पतियों के अलावा प्राचीन देवदार के पेड़ , दुर्लभ पत्थर और समुद्र जैसे कोहरे ने अपनी अलग पहचान बना ली है । उन का कहना है कि रहस्यमय वातावरण चियु ह्वा पर्वत की सब से बड़ी विशेषता है । खास कर आकाश पर मंडराते हुए घने कोहरे के जो बादल दिखाई देते हैं , वे मुझे पवित्र स्वर्ग में प्रवेश करने का आभास देते हैं। यदि आप धुंध के कोहरे में खड़े होकर चारों तरफ नजर दौड़ाएं , तो ऐसा मालूम पड़ता है कि मानो आप एकदम किसी काल्पनिक स्वर्ग में पहुंच गए हों ।
प्रिय श्रोताओ , आज के चीन का भ्रमण नामक साप्ताहिक कार्यक्रम में चीन के सुप्रसिद्ध बौद्ध धार्मिक स्थल चियु ह्वा पर्वत का दौरा यहीं तक । अगले हफ्ते इसी कार्यक्रम में हमारी मुलाकात फिर होगी ।
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