राकेशः एक पत्र है यह ललिता तुम्हारे नाम है श्री एस. के. जिंदादिल जी का विशाल रेडियो क्लब चौक बाजार कोआथ रोहतास बिहार से और ये लिखते हैं प्यारी ललिता दीदी, मैं आप की पसंद कार्यक्रम पूरे चाव से सुनता हूं और कार्यक्रम में सुनाए जाने वाले सभी गीत मुझे बहुत अच्छे लगते हैं। आप की आवाज इतनी मीठी और मधुर है तो आप कितनी सुंदर होंगी, कल्पना करना भी कठिन है।
ललिताः श्री एस. के. जिंदादिल जी, पत्र लिखने के लिए धन्यवाद। आप को हमारा कार्यक्रम अच्छा लगता है यह जानकर हमें बहुत खुशी हुई है।
राकेशः और हमारी वेबसाईट पर आप ललिता की तस्वीर देख सकते हैं। अगला पत्र है हिंदुस्तान रेडियो श्रोता संघ, राजगढ़, मीरजापुर यू. पी. से जिसे लिखा है कुमारी शालिनी ने। यह लिखती हैं कि यह आप की पसंद कार्यक्रम में इन का यह पहला पत्र है। इन का कहना है कि यह हमारा सारा कार्यक्रम बड़े शौक से सुनती हैं। इन्होंने जानना चाहा है कि क्या हमारे यहां से महिलाओं के लिए कोई कार्यक्रम प्रसारित होता है?
ललिताः कुमारी शालिनी जी पत्र लिखने और कार्यक्रम को पसंद करने के लिए धन्यवाद। हमारे यहां से महिलाओं पर कोई विशेष कार्यक्रम तो प्रसारित नहीं होता है, किंतु महिलाओं से संबंधित मुद्दे बाकी कार्यक्रमों में शामिल रहते ही हैं।
राकेशः कुमारी शालिनी जी, महिलाओं पर विशेष कार्यक्रम तो प्रसारित नहीं होते, लेकिन चीन में महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं। ऐसे किसी भी काम की आप कल्पना नहीं कर सकती जो चीन में महिलाएं न करती हों। बसें, टैक्सी, ट्रैन चलाने से ले कर हर वह काम जो पुरुष करते हैं महिलाएं भी करती हैं। इसलिए महिलाओं के लिए कोई विशेष कार्यक्रम की आवश्यकता यहां महसूस नहीं होती। इस के अलावा रात को भी महिलाएं अकेले सफर कर सकती हैं। देश में कहीं भी अकेले बिना किसी भय के आ-जा सकती हैं।
ललिताः जी। शालिनी जी ये बातें काफी हद तक सही हैं। लीजिए सुनिए अपनी पसंद का यह गीत।
राकेशः यह गीत था जां निसार अख्तर का तलत और रफी की आवाज़ में फिल्म "सुशीला" से और इस गीत को सुनना चाहा था इन श्रोताओं ने कलेर बिहार से मो. आसिफ खान, बेगम निकहुत प्रवीन, सदफ आरजू, साहिल अरमान, अजरफ अकेला, ऐर तहमीन मशकुर और इन के सभी साथियों ने।
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