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(GMT+08:00) 2007-06-21 15:11:59    
चीन में एक अरब टन के भंडारण वाले तेल क्षेत्र का पता

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चीनी तेल व प्राकृतिक गैस समूह कंपनी ने हाल ही में घोषणा की कि चीन के उत्तरी क्षेत्र के हपेइ प्रांत के बोहाई खाड़ी क्षेत्र में एक अरब दो करोड़ टन के भंडारण के बड़े पैमाने वाले तेल क्षेत्र यानी जीतोंगनानफू तेल क्षेत्र का पता लगाया गया है। इस की खबर फैलते ही इस नये तेल क्षेत्र पर चीन व विश्व का ध्यान आकर्षित हुआ। आज के चीन में निर्माण व सुधार कार्यक्रम में मैं आप लोगों को इस नये तेल क्षेत्र के बारे में कुछ बताऊंगी।

चीन में बोहाई खाड़ी क्षेत्र में प्रचूर तेल संसाधन उपलब्ध है और नवोदित जीतोंग नानफू तेल क्षेत्र तेल भंडारण की दृष्टि से बहुत बड़ा ही नहीं, बल्कि तेल की क्वालिटी भी बहुत अच्छी है, जो चीन में पिछले 30 सालों में खोजा गया सब से विशाल तेल क्षेत्र है। चीनी तेल समूह के जीतोंग तेल क्षेत्र के उप भूतत्व विशेषज्ञ सुश्री तोंग यू श्या ने हमें तेल क्षेत्र का पता लगाने के समय की खुशी याद करते हुए कहा जब यह खबर सुनने पर हम खशी से झूम झूम उठे, हमारी खुशी का इतना ठिकाना नहीं रहा कि कार्यालय में ही हम ने जोर से जय जय कार चिल्लाया।

नानफू तेल क्षेत्र के तहत जीतोंग तेल कंपनी वर्ष 1988 में स्थापित हुई। बोहाई खाड़ी क्षेत्र के आसपास 7 तेल क्षेत्रों में जीतोंग तेल क्षेत्र का क्षेत्रफल उस समय सब से छोटा था और उस का तेल उत्पादन भी सब से कम था । शुरूशुरू में जीतोंग तेल क्षेत्र का दोहन काम सिर्फ भूमि पर चल रहा था और उस की वार्षिक उत्पादन मात्रा सिर्फ 3 लाख 50 हजार टन थी । धनराशि व तकनीक आदि कारणों से नानफू तेल क्षेत्र का सर्वेक्षण काम वर्ष 1993 से शुरू हुआ , लेकिन दो प्रसिद्ध विदेशी कंपनियों के साथ सहयोग के चलते भी सात आठ वर्षों के बाद वहां संतोषजनक खोज नहीं प्राप्त हुई।

बाद में जीतोंग तेल क्षेत्र ने नयी तकनीक के प्रयोग से ठोस व ठीक भू गर्भ की संरचना के बारे में आंकड़े प्राप्त किए, जिस से उपलब्धि हासिल होने लगी । चीनी तेल समूह के जीतोंग तेल क्षेत्र के मेनेजर जनरल श्री जुन हाई मिन ने कहा कि दृढ़ विश्वास नये तेल क्षेत्र का पता चलने का कारण है। उन का कहना है हमें हमेशा विश्वास है कि इस क्षेत्र में विशाल तेल क्षेत्र मौजूद है। हम ने दो सालों की तैतारी की, और दो सालों का दोहन काम करने के बाद अंत में हमें एक अरब टन वाले विशाल तेल क्षेत्र का पता चला।

चीनी वैज्ञान आकादमी के अकादमिशन, चीनी तेल शेयर कंपनी के उपनिदेशक श्री जा छेंग जो ने कहा कि नये तेल क्षेत्र का पता देश की तेल व गैस सुरक्षा की रक्षा के लिये अत्यन्त महत्पूर्ण है और आगे सर्वेक्षण व दोहन का काम चलते और नये तेल भंडार की खोज भी हो सकेगी। उन्होंने कहा चीन के पूर्वी आर्थिक विकास क्षेत्र में इस तरह के विशाल तेल क्षेत्र का पता चलना देश की तेल व प्राकृतिक गैस की सुरक्षा की रक्षा के लिये अहम राजनीतिक व आर्थिक महत्व रखता है। समग्र बोहाई खाड़ी क्षेत्र में काफी समृद्ध तेल संसाधन की बड़ी संभावना है। नयी विकसित तकनीकों के प्रयोग से अन्य श्रेष्ठ तेल भंडार का पता लग सकता है । इस लिए हमें पूर्वी क्षेत्र के सर्वेक्षण व दोहन का काम बढ़ाने के लिये नयी नयी तकनीकों का प्रयोग करना चाहिये , ताकि बड़े बड़े तेल क्षेत्रों की खोज निकाली जाए।

वर्तमान में चीन अमरीका के बाद विश्व का दूसरा तेल उपभोक्त देश है और अमरीका व जापान के बाद तीसरा तेल का आयात वाला देश भी है। वर्ष 2006 में चीन ने 16 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया था। इसलिये लोगों के विचार में नान फू तेल क्षेत्र का पता चलने से चीन के ऊर्जा संसाधन के आभाव की स्थिति सुधारी जाएगी और ऊर्जा के प्रयोग पर पड़े दबाव को भी कम किया जाएगा।

इस के प्रति चीनी सामाजिक विज्ञान आकादमी के सदस्य श्री जांग जोंग ह्वा ने कहा कि यह विचार थोड़ा बहुत आशावान है, जो तथ्य के आधार पर नहीं है। मुझे लगता है कि नान फू तेल क्षेत्र का पता वर्तमान में चीन के ऊर्जा के आभाव की स्थिति बदल नहीं सकता। क्योंकि आर्थिक विकास की गति तेज होने और जीवन का स्तर बढ़ने के कारण हमारे देश में कारों का उपभोक्ता काल आरंभ हो गया और तेल की अवश्यकता बड़ी से बड़ी होती जा रही है ।

चीनी राजकीय विकास व सुधार आयोग की ऊर्जा अनुसंधान कमेटी के प्रधान श्री जु डा डी का समान विचार है कि एक अरब टन का भंडारण एक अरब टन के उत्पादन के बारबर नहीं होगा। नये तेल क्षेत्र का पता लगने से मूल रूप से चीन द्वारा तेल के बड़े पैमाने पर आयात की स्थिति बदली नहीं जा सकती। उन्होंने कहा वर्तमान में ज्ञात अंतर्राष्ट्रीय तेल भंडार एक खरब टन से अधिक है, इसलिये एक अरब टन का भंडार विश्व के तेल भंडार के संतुलन पर अहम प्रभाव नहीं डालेगा और अंतर्राष्ट्रीय तेल के दाम भी इस से प्रभावित नहीं होगा। वर्तमान में चीन हर साल 30 करोड़ टन तेल का खर्च करता है। एक अरब टन वाले एक तेल क्षेत्र से केवल 50 से 60 करोड़ टन तक का उत्पादन किया जा सकता है । यानी हर साल इस से सिर्फ दसियों लाख या एक करोड़ टन का उत्पादन किया जा सकेगा, जिस से भविष्य में तेल के उपभोक्ता के रूझाव को बदला नहीं जा सकेगा।

विश्लेषकों ने कहा कि नये तेल क्षेत्र पर खुशी व्यक्त करने के साथ साथ लोगों को ठंडा दिमाग रखना भी चाहिये। तेल संसाधन खत्म होने वाला प्राकृतिक संसाधन होता है , इस की मात्रा उत्तरोत्तर कम हो जाएगी । इसलिये चीन को ऊर्जा संसाधन का विकास करने के साथ साथ ऊर्जा की खपत को कम करना चाहिये। चीनी सामाजिक विज्ञान आकादमी के सदस्य श्री जांग जोंग ह्वा ने कहा कि ऊर्जा की खपत को कम करना चीन के आर्थिक विकास में कायम होने वाला एक लक्ष्य होना चाहिये । उन्हों ने कहा हम को ऊर्जा के प्रयोग को कम करने और पर्यावरण की रक्षा करने तथा प्रदूषण को कम करने की हर संभव कोशिश करना चाहिये और मुख्य तौर पर वर्तमान आर्थिक वृद्धि के ढांचे को बदल देना चाहिये। इसलिये नान फू तेल क्षेत्र का पता हमारे किफायत शैली वाले समाज की स्थापना करने के लक्ष्य को प्रभावित नहीं करेगा ।

योजना के अनुसार अगले साल में जीतोंग तेल क्षेत्र करोड़ टन कच्चे तेल के उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करेगा । तेल क्षेत्र के जिम्मेदार व्यक्ति ने यह वायदा किया कि वह भविष्य में उच्च तकनीकी दोहन तरीके के प्रयोग में अंतर्राष्ट्रीय उद्यमों के साथ सहयोग करेगा।