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(GMT+08:00) 2007-06-20 09:42:59    
चांग एन चूःहांगकांग एक देश दो व्यवस्था प्रणाली को अमल में लाने में सफल

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चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की विदेश कमेटी के प्रधान श्री चांग एन चू ने हाल ही में पेइचिंग में शिनह्वा समाचार एजेंसी के संवाददाता के साथ एक विशेष बातचीत में कहा मातृभूमि की गोद में हांगकांग की वापसी पिछले सौ सालों से चले आये चीन के अपमान को समाप्त करने वाली ऐतिहासिक घटना ही है , उन्हें खुद हांगकांग की वापसी की इसी महान प्रक्रिया में भाग लेने पर बहुत सौभाग्य और गर्व महसूस हो गया है । मातृभूमि की गोद में हांगकांग की वापसी के पिछले दस सालों में हालांकि एक देश दो व्यवस्थाओं वाली नीति का कार्यांवयन काफी सुचारू नहीं है , लेकिन इसे लागू करने में फिर भी भारी सफलता प्राप्त हो गयी है ।

श्री चांग एन चू अप्रैल 1993 में हांगकांग के 1994 से 1995 तक चुनाव से जुड़ी चीन व ब्रिटेन सरकारों की वार्ताओं के चीनी सरकारी वार्ताकार रहे थे , जुलाई 1993 से दिसम्बर 1995 तक हांगकांग विशेष प्रशासनीक क्षेत्र की संयोजक कमेटी की तैयारी कार्य कमेटी के उप प्रधान रहे थे , दिसम्बर 1995 से जनवरी 1997 तक ब्रिटेन स्थित चीनी राजदूत थे , जुलाई 1997 से दिसम्बर 1999 तक शिन ह्वा समाचार एजेंसी की हांगकांग शाखा के प्रधान थे , फिर जनवरी 2000 से सितम्बर 2002 तक हांगकांग विशेष प्रशासनीक क्षेत्र स्थित केंद्रीय सरकार के सम्पर्क कार्यालय के प्रधान थे और वे मातृभूमि की गोद में वापसी के बाद हांगकांग स्थित केंद्रीय सरकार का सब से उच्च स्तरीय प्रतिनिधि भी हैं ।

श्री चांग एन चू ने हांगकांग में एक देश दो व्यवस्थाओं वाले सिद्धांत के कार्यांवयन में प्राप्त उपलब्धियों की चर्चा में कहा कि सर्वप्रथम , चीन ने हांगकांग पर अपनी सार्वभौकिकता की बहाली की है और मातृभूमि की प्रभुसत्ता व प्रादेशिख अखंडता की रक्षा की है , साथ ही हांगकांग वासी सच्चे मायने में अपने देश का मालिक भी बन गये हैं । दूसरे , एक देश दो व्यवस्थाओं वाले सिद्धांत से हांगकांग की श्रेष्ठता व विशेषता बरकरार रही हैं और हांगकांग की समृद्धि व स्थिरता बनाये रखे हुई हैं । तीसरे , मातृभूमि की गोद में वापसी के बाद हांगकांग व भीतरी क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग व आदान प्रदान एक नयी मंजिल पर पहुंच गये हैं , हांगकांग को भीतरी क्षेत्र से और जबरदस्त समर्थन प्राप्त हो गया है , साथ ही भीतरी क्षेत्र के सुधार व खुलेपन व आधुनिकीकरण निर्माण में हांगकांग की पुल निभाने की भूमिका और पूर्ण रूप से अदा की गई है , मातृभूमि की गोद में वापसी के बाद हांगकांग को अंतर्राष्ट्रीय जगत में मातृभूमि की उच्च साख का उपभोग करने का मौका भी मिल गया है ।

हांगकांग वासियों द्वारा हांगकांग पर स्वशासन में प्राप्त उपलब्धियों की चर्चा में चांग एन चू ने कहा कि हांगकांग वासी हांगकांग पर स्वशासन करने में बिल्कुल समर्थ हैं । मातृभूमि की गोद में वापसी के बाद कई सालों के व्यवहार से स्वशासन करने की उन की क्षमता बड़ी हद तक उन्नत हो गई है । अब हांगकांग की सामाजिक स्थिति स्थिर है , बाजार फलता फूलता नजर आता है , सरकारी वित्तीय आय घाटे से बढ़ गयी है , बेरोजगारी दर बड़ी हद तक घट गयी है और सभी क्षेत्रों की स्थिति सामान्य रही है ।

श्री चांग एन चू ने हांगकांग में अपने कार्यभार की याद करते हुए कहा कि विशाल हांगकांग वासियों की मातृभूमि के प्रति गहरे प्रेमभाव ने उन पर सब से गहरी छाप छोड़ रखी है । उदाहरण के लिए हांगकांग के एक रिटायर बुजुर्ग ने उन के नाम भेजे पत्र में कहा कि वे अपनी दसियों हजार हांगकांग डालर भीतरी क्षेत्र के संकटग्रस्त क्षेत्रों को चंदे के रूप में देना चाहते थे , और मिसाल ले लीजिये , 1998 में छांगचांग नदी के कुछ घाटी क्षेत्रों में बाढ़ आयी , दो हांगकांग उद्यमियों ने यह खबर मिलते ही अलग अलग तौर पर पांच करोड़ हांगकांग डालर का चंदा दिया है , दूसरे हांगकांग वासियों ने भी चंदा देने में होड़ लगाय़ी । इतना ही नहीं , हांगकांग के विभिन्न जगत भीतरी क्षेत्र की शिक्षा और वैज्ञानिक व तकनालोजीकल कार्य का समर्थन करते आये हैं , एक हांगकांग उपक्रमी इसी संदर्भ में हर वर्ष में दस करोड़ हांगकांग डालर का चंदा देते हैं । श्री चांग एन चू का कार्यभार पूरा होने तक उन्हों ने चंदे के रूप में कुल दो अरब हांगकांग डालर तक दे दिये हैं ।

श्री चांग एन चू ने हांगकांग पहुंचने के शुरू में यह कहा था कि हांगकांग सवाल एक गहरी पुस्तक जैसी है । हांगकांग की मातृभूमि की गोद में वापसी की दसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष में उन्हों ने कहा कि मैं अभी तक हांगकांग के विकास का ख्याल रखता आया हूं । हांगकांग इस गहरी पुस्तक के मातृभूमि की गोद में वापसी के उसी घड़ी पर खत्म होने के बजाये लगातार नयी विषयवस्तुएं और नया अध्याय भी जोड़ेगा ।

चांग एन चू ने कहा कि मातृभूमि की गोद में हांगकांग की वापसी की दसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष में वे हांगकांग वासियों को निम्न दो बातें कहना चाहते हैं कि एक , आशा है कि हांगकांग वासी मातृभूमि के प्रति और समझ व पहचान बढाएंगे । सुधार व खुली नीति लागू होने के पिछले 29 सालों में राज्य ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं , अब एक नये ऐतिहासिक प्रस्थानबिंदु पर खड़ा हुआ है , हालांकि आगे बढ़ने के रास्ते पर बहुत सी कठिनाइयां मौजूद हैं , पर चीनी राष्ट्र का महान पुनरुत्थान फिर भी अबाध्य है , भविष्य़ उज्जवल है । दूसरी आशा है कि हांगकांग वासी आर्थिक विकास को गिरफ्त में बांधकर विश्वास के साथ हांगकांग की विशेष श्रेष्ठता को प्रदर्शित करेंगे , ताकि आर्थिक व सामाजिक विकास में और बड़ी उपलब्धि प्राप्त हो सके । हार्दिक कामना है कि हांगकांग वासियों का भविष्य और खूब सूरत हो ।