• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Friday   Jul 4th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2007-06-14 13:26:02    
पेइचिंग शहर में संरक्षित हजार वर्ष पुराना फा य्वान मठ

cri

प्रिय दोस्तो , आज के इस कार्यक्रम में हम आप के साथ चीन की राजधानी पेइचिंग के रौनकदार शहरी क्षेत्र में संरक्षित सब से प्राचीन मठ फा य्वान का दौरा करने ले चलते हैं । हजार वर्ष पुराने फा य्वान मठ में अब चीनी बौद्ध धार्मिक कालेज अवस्थित है , इस मठ में हर वर्ष आयोजित परम्परागत लौंग कविता सम्मेलन भी बड़ी तादाद में चीनी विद्वानों व देशी विदेशी पर्यटकों को मोहित करता है । आइये अब चले यह सहस्र वर्ष पुराना मठ देखने ।

फा य्वान मठ दक्षिण पेइचिंग शहर के श्वान ऊ जिले में स्थित है , उस का कुल क्षेत्रफल 6 हजार सात सौ वर्गमीटर है और उस का निर्माण आज से एक हजार तीन सौ वर्ष से पहले के थांग राजवंश में हुआ था । यह फा य्वान मठ शाही परिवार के आदेश पर निर्मित हुआ था , इसलिये इस मठ की समूची वास्तु शैली चीन की प्राचीन राजमहल की शैली से मिलती जुलती है । पिछले हजार वर्ष में इस फा य्वान मठ की कई बार मरम्मत की गयी थी , आज तक यह मठ आज से कई सौ साल पहले के मिंग व छिंग राजवंश कालों की वास्तु शैली से युक्त है । फा य्वान मठ के प्रबंधन में कार्यरत श्री याओ य्वान फा य्वान मठ के इतिहास पर अनुसंधान करने में सलग्न हैं और संबंधित रचनाएं भी प्रकाशित कर चुके हैं । उन्हों ने इस फा य्वान मठ का परिचय देते हुए कहा कि फा य्वान मठ थांग राजवंश काल में निर्मित हुआ था , और यह आज से कोई एक हजार तीन सौ वर्ष पुराना है । इस हजार वर्ष पुराने मठ में बहुत सी दिलचस्प ऐतिहासिक व सांस्कृतिक कहानियां प्रचलित हैं । अतः इस मठ का क्षेत्रफल विशाल ही नहीं , प्राचीन इतिहास और संस्कृति भी इस मठ की अलग पहचान है ।

दयालु मंच नामक भवन फा य्वान मठ में सांस्कृतिक अवशेष दर्शाने का काम देता है । इस भवन में बेशुमार प्राचीन बुद्ध मूर्तियां और मूल्यवान नक्काशीदार कृतियां सुरक्षित हैं , जिन में आज से एक हजार नौ सौ साल पहले के पू्र्व की पूर्वी हान राजवंश में चीनी मिट्टी से तैयार सब से प्राचीन बुद्ध मूर्ति भी है । इस के अलावा फा य्वान मठ के बौधिसत्व भवन में सहस्र हाथों व सहस्र आंखों वाली बोधिसत्व मूर्ति भी बहुत चर्चित है । कांस्य से तैयार यह मूर्ति आधा मीटर ऊंची है और मूर्ति बनाने की कला उच्च कोटि की है । यही नहीं , और अजीब बात यह है कि इस कांस्य मूर्ति के हरेक हाथ से पानी की बूंद टपाटप टपकती हुई नजर आती है , इस का कारण आखिर क्या है , अभी तक किसी को पता नही है । फा य्वान मठ के भिक्षु ची यूंग ने इस तरह परिचय देते हुए कहा कि इस कांस्य बौधिसत्व मूर्ति की सूक्ष्मता व रहस्य साल भर में अनगिनत देशी विदेशी अनुयाइयों और पर्यटकों को आकर्षित करता आया है । उन का कहना है कि यह सहस्र हाथों व सहस्र आंखों वाली बौधिसत्व मूर्ति कांस्य से बनायी गयी है , उस का वजन बहुत भारी है । इस मूर्ति की इतने अधिक हाथ व आंखें अत्यंत सुंदर लगती हैं , देखने में यह मूर्ति बहुत जीवंत नजर आती है । क्योंकि पिछले कई सौ सालों में इस मूर्ति के सहस्र हाथों से पानी टपकता रहा है , इसलिये यह मूर्ति पानी टपकने वाली बौधिसत्व मूर्ति के नाम से जानी जाती है और बहुत से जीवित बुद्ध , अनुयायी और लामा इस मूर्ति की पूजा करने विशेष तौर पर यहां आते हैं । इस मूर्ति की शिल्प कला तत्कालीन मिंग राजवंश काल व नेपाल की शिल्प कला का निचोड़ है । पर्यटक इतनी सुंदर मूर्ति देखकर चमत्कृत रह जाते हैं ।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040