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प्रिय दोस्तो , आज के इस कार्यक्रम में हम फिर भी आप के साथ चीन की राजधानी पेइचिंग के रौनकदार शहरी क्षेत्र में संरक्षित सब से प्राचीन मठ फा य्वान का दौरा करने ले चलते हैं । पहले आप इस हजार वर्ष पुराने फा य्वान मठ से परिचित हो गये हैं , पर इस प्राचीन मठ में और बहुत सी दुर्लभ वस्तुएं देखने लायक हैं । आइये अब चले यह सहस्र वर्ष पुराना मठ देखने ।
फा य्वान मठ तीर्थ बौद्ध धार्मिक स्थल ही नहीं , बल्कि संस्कृति से जुड़ने वाला पर्यटन स्थल भी है । हर वर्ष के अप्रैल में होने वाला लौंग कविता सम्मेलन पर्यटकों को मोहित करता है । साल में एक बार आयोजित इस लौंग कविता सम्मेलन का इतिहास कोई 80 से अधिक साल पुराना है ।
अप्रैल 1914 में फा य्वान मठ में प्रथम बार लौंग कविता सम्मेलन हुआ , इस कविता सम्मेलन में सौ लोगों ने हिस्सा लिया । 1924 में भारत के सुप्रसिद्ध कवि टैगोर ने चीन आकर इस फा य्वान मठ के दौरे पर खिले हुए लौंग फूल देखे और लौंग पेड़ के नीचे कविता भी लिखी । तब से लेकर आज तक हर साल के अप्रैल में खिले हुए खुशबूदार लौंग से ओतप्रोत माहौल में लौंग कविता सम्मेलन नियमित रूप से आयोजित किया जाता है ।
फा य्वान मठ में उगे लौंग पेड़ ज्यादा ही नहीं , इन की किस्में भी विविधतापूर्ण हैं और फूलों का रंग भी अनेक प्रकार का है । बैंगनी व सफेद लौंग को छोड़कर एक परदेसी लौंग भी बहुत ध्यानाकर्षक है , कहा जाता है कि यह परदेसी लौंग 6 सौ साल से पहले इंडोनेशिया के मालुकु द्वीप समूह से चीन में लाया गया था । फान ह्वा इस फा य्वान मठ का भिक्षु है । वह जीजान से एक खिले हुए लौंग फूल का फोटो खिंच रहा है । जब हमारे संवाददाता उस के पास गये , तो उस ने बड़ी प्रसन्नता से एक छ पंखड़ियों वाले फूल की ओर इशारा करते हुए कहा कि आम तौर पर लौंग फूल चार पंखडियों के होते हैं , पर आज हम ने जो फूल देखा है , वह छ पंखडियों का है , यह बहुत कम देखने को मिलता है । पहले बहुत से लोग लौंग फूल देखने के लिये यहां आये , उन में से कुछ लोगों को बड़ी मुश्किल से पांच पंखड़ियों वाला फूल देखने को मिला , पर आज हम ने छ पंखड़ियों वाला फूल देख लिया है । यह मंगल और सही सलामती का द्योतक है । यह बात सुनकर बहुत से पर्यटक इस दुर्लभ छ पंखड़ियों वाले फूल को देखने आ गये ।
फा य्वान मठ में बड़ी तादाद में लौंग पेड़ों के अतिरिक्त और बहुत से प्राचीन पेड़ भी उगे हुए हैं , जिन में दो पीपल के पेड़ भारत से लाये गये हैं ।
हर रोज दोपहर के बाद साढ़े तीन बजे फा य्वान मठ में सूत्र पढ़ने की आवाज सुनाई पड़ती है । फा य्वान मठ में व्यवसायिक भिक्षुओं के अलावा चीनी बौद्ध धार्मिक प्रतिष्ठान के सौ से ज्यादा छात्र भी पढ़ते हैं । चीनी बौद्ध धार्मिक प्रतिष्ठान चीन का सब से उच्च बौद्ध धार्मिक कालेज है । हर साल कुछेक छात्रों को दाखिला दिया जाता है । यह बौद्ध धार्मिक प्रतिष्ठान फा य्वान मठ के बगल में खड़ा हुआ है , पर छात्रों की प्रमुख धार्मिक गतिविधियां इसी फा य्वान मठ में होती हैं । भिक्षु फान ह्वा इस बौद्ध धार्मिक प्रतिष्ठान में पढ़ते थे । उन्हों ने कहा कि यह बड़े सौभाग्य की बात है कि उन्हें फा य्वान और चीनी बौद्ध धार्मिक प्रतिष्ठान में पढ़ने का मौका मिला ।
उन का कहना है कि फा य्वान मठ की अपनी एक अलग पहचान है , जहां विशेष इतिहास और गहरी संस्कृति गर्भित है । हमें ऐसी जगह पर रहने से बेहद गर्व महसूस होता है ।
इटली से आयीं पर्यटक सुश्री कार्ला प्रेवाटो अपने परिजनों के साथ पहली बार फा य्वान मठ देखने आयीं और इस मठ में आयोजित लौंग कविता सम्मेलन में भी उपस्थित हुईं । उन्हों ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि पहले हमें इस मठ के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था , हम यों ही यहां आ पहुचे हैं । यह मठ अति खूबसूरत है , यहां पर लोगों को शांति व निश्चिंतता का आभास होता है।
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