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(GMT+08:00) 2007-06-11 18:56:00    
फोटोग्राफरों की नजर में सिंगच्यांग

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हाल ही में पेइचिंग में उत्तर पश्चिमी चीन के सिंगच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश की एक फोटो-प्रदर्शनी लगी।चारों ऋतुओं में सुन्दर सिंगच्यांग नामक इस प्रदर्शनी ने चीन और विदेशों से आए बहुत से पर्यटकों को आकर्षित किया।प्रदर्शनी में जो 500 से अधिक फोटो प्रदर्शित किए गए,वे 20 से ज्यादा देशों व क्षेत्रों से आए कोई 100 फोटोग्राफरों द्वारा पिछले साल सिंगच्यांग में 20 हजार किलोमीटर सफर तय कर खींचे गए हैं।

2006 में चीन के अन्य क्षेत्रों और विदेशों के सौ से अधिक फोटोग्राफर सिंगच्यांग आए।

सिंगच्यांग की विभिन्न प्रकार की विशेषताएं उन की कृतियों में ताजगी के साथ सृजनात्मक रुप से उभरी हैं ।उन्हों ने चारों ऋतुओं में सिंगच्यांग की सुरम्य प्रकृति,जातीय रीति-रिवाजों और विशेष सांस्कृतिक स्थलों के ढेर सारे फोटो खींचे।इन चित्रों में प्रदर्शित सौंदर्य और परिलक्षित चिंतन ने दर्शकों को बहुत प्रभावित किया है।पेइचिंग में उच्चशिक्षा ले रही सिंगच्यांग की एक वेवुर लड़की रिज़वानगुली ने कहाः

"यह प्रदर्शनी देकर मुझे मेरी जन्मस्थान सिंगच्यांग से और ज्यादा प्यार हो गया है।इस प्रदर्शनी ने सिंगच्यांग की खूबसूरती को जीते-जागते दर्शकों के सामने पेश किया है।सिंगच्यांग की होने पर मुझे बड़ा गौरव महसूस हो रहा है। देश के दूसरे क्षेत्रों और विदेशों के इतने सारे फोटोग्राफरों ने सिंगच्यांग आकर इतने श्रेष्ठ फोटो खींचे और इन की प्रदर्शनी लगाई। मेरा ख्याल है कि इस से चीन और विदेशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बड़ा बढ़ावा मिला है।"

प्रदर्शनी देखने आई अन्य एक वेवुर लड़की ने भी हमारे संवाददाता को अपने अनुभवों से अवगत कराया। उन का कहना है कि ये फोटो देखने के बाद वह खुद सिंगच्यांग की सुन्दरता से आश्चर्यचकित हो गई हैं। सिंगच्यांग वासी होने के बावजूद उन्हें सिंगच्यांग के बहुत से क्षेत्रों में जाने और उन्हें देखने का मौका नहीं मिला है।इन चित्रों के जरिए ही वह सिंगच्यांग की पूरी सुन्दरता देख पाई हैं। उन का कहना है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इन चित्रों में से बहुत सी श्रेष्ठ कृतियां विदेशी फोटोग्राफरों के हाथों का कमाल हैं।लगता है कि वे पहले से ही सिंगच्यांग की विभिन्न जातियों की संस्कृतियों से वाकिफ हैं या फोटो खींचने के दौरान इन संस्कृतियों में घुल-मिल गए हैं।

सिंगच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश चीन के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है,जिस का क्षेत्रफल चीन के कुल भूभाग का एक बटा छ हिस्सा बनता है यानी वह इतना बड़ा है कि वह चीन की कुल प्रादेशिक भूमि का छठा भाग है।और इस प्रदेश में दसेक अल्पसंख्यक जातियों के लोग रहते हैं। रूस,मंगोलिया गणराज्य,भारत,पाकिस्तान और अफगानिस्तान आदि देश उस से लगे हुए हैं।सिंगच्यांग रमणीक एवं विविध प्राकृतिक दृश्यों और विचित्र जातीय संस्कृतियों के कारण विश्वप्रसिद्ध है। विश्व का दूसरा बड़ा रेगिस्तान--तकलामाकान रेगिस्तान और चीन की सब से बड़ी अंतरद्वीपीय झील व सब से ऊंचा ग्लेशियर सिंगच्यांग में ही अवस्थित है।इस के अलावा उंचे पहाड़ और विशाल घास-मैदान भी सिंगच्यांग में बहुतायत में मिलते हैं।हां,सिंगच्यांग फलों का घर और नृत्यों का साम्राज्य के नाम से भी विख्यात है।

चीन के मशहूर फोटोग्राफर श्री श्वी पाओ-ख्वान सिंगच्यांग की विभिन्न जातियों के लोकगीतों के दीवाने हैं। सिंगच्यांग जाने से पहले उन्हें स्थानीय लोगों के जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी थी। पर इस से उन के काम पर कोई असर नहीं पड़ा। उन के द्वारा खींचे गए एक फोटो में ताजिक जाति की युवतियां रंगबिरंगी जातीय वेशभूषा में गाते-नाचते हुए दिखाई पड़ रही हैं।यह चित्र रोशनी,रंग और भाव-भंगिमाओं की दृष्टि से इस प्रदर्शनी की एक असाधारण कृति माना गया है।फोटोग्राफर श्वी पाओ-क्वान के अनुसार सिंगच्यांग की यात्रा ने उन की दृष्टि को विशाल बनाया है औऱ उन के विचारों में भी समृद्धि लाई है।उन्हों ने कहाः

"सिंगच्यांग में बसे ताजिक जाति के लोग बहुत मेहमाननवाज हैं।यह फोटो मैं ने एक ताजिक किसान-परिवार में खींचा है।ताजिक लोगों के अपनी विशेष शैली वाले मकान,पौशाक ,रीति-

रिवाज और रहन-सहन हैं।उन का सब कुछ मेरे लिए नया और ताजा है और यह सब देखकर मैं काफी भावुक हो गया,इसलिए मैं इन्हें कैमरे में कैद करने से खुद को नहीं रोक सका।"

श्री श्वी ने यह भी बताया कि उन्हों ने 50 फिल्म-रोल का पूरा का पूरा प्रयोग किया और डिजिटल कैमरे का भी पूरा इस्तेमाल किया।फिर भी उन्हें अफसोस है कि उन्हें इस क्षेत्र में और ज्यादा जगहों पर जाकर फोटो खींचने का समय नहीं मिला।

ब्रिटेन से आए फोटोग्राफर श्री हैमिल्टन एक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी हैं। उन की यह पहली सिंगच्यांग-यात्रा है।भरूभूमि से नख्लिस्तान तक और हजारों वर्ष पुराने नगरों के अवशेषों से आधुनिक शहरों तक के रास्ते में उन्हों ने जो देखा,उस ने उन्हें अचंभे में डाल दिया। सिंगच्यांगवासियों द्वारा मेहमानों के प्रति प्रदर्शित उत्साह ने भी उन पर गहरी छाप छोड़ी है।उन्हों ने कहाः

"मैं ने विश्व के अनेक देशों व क्षेत्रों की यात्रा की है।पर सब से ज्यादा अनूठापन मुझे सिंगच्यांग में देखने को मिला।यहां इतनी विशाल मरुभूमि और इतने विशाल घास-मैदान देख कर आंखें फैल जाती हैं। मैं ने बहुत से विशेष फोटो खींचे और मैं उन्हें स्वदेश ले जाकर उन के द्वारा अपने दोस्तों को सिंगच्यांग की जानकारी दूंगा।सिंगच्यांग में 47 डिग्री सेल्सियस तापमान वाली मरूभूमि से 10 डिग्री तापमान वाली गांवों की जमीन तक का रास्ता तय करने में केवल 3 घंटों का समय लगा।सो यहां के परिवर्तशील मौसम ने भी मुझे आश्च्यर्य में डाल दिया है।पूरे रास्ते में मुझे मिले सभी लोग मैत्रीपूर्ण और खुश दिखे हैं। "

श्री हैम्लिटन ने कहा कि ब्रिटेन लौटने के बाद वे अपने खींचे गए फोटो और सिंगच्यांग की यात्रा में प्राप्त अपने अनुभवों को खुद की वेबसाइट पर रखेंगे।उन्हें विश्वास है कि इन सभी चीजों से बड़ी संख्या में ब्रितानियों को चीन के बारे में जानकारी मिलेगी और चीन के प्रति उन में आकर्षण पैदा होगा।

श्री वेसेंबर्ग नोर्वे से आए एक फोटोग्राफर हैं।चीन आने से पहले उन्हों ने चीन खासकर चीन के सीमांत प्रांत सिंगच्यांग के बारे में जानकारी लेने की हरसंभव कोशिश की।उन के एक मित्र ने उन से पूछा था कि क्या तुम चीन से हमें मोबाइल से फोन कर सकोगे या हमारी कॉल तुम्हें मिल सकेगी ?उन के मित्र का विचार था कि चीन में पेइचिंग और अन्य इने-गिने बड़े शहरों को छोड़ बाकी सभी क्षेत्रों में मोबाइल फोन बेकार हैं।खुद वेसेंबर्ग भी ऐसा ही समझते थे।लेकिन चीन पहुंचने के बाद उन्हों ने पाया कि असलियत इस के उलट है।सिंगच्यांग के उत्तरी और पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्रों में भी उन्हें बहुत से किसान और चरवाहे फैशनबल मोबाइल फोनों का प्रयोग करते नजर आए।उन्हों ने अन्य फोटोग्राफरों के साथ सिंगच्यांग के 15 प्रमुख क्षेत्रों का दौरा किया। रास्ते में मिली यातायात व आवास-सुविधाओं ने उन के दिमाग में से जड़ की हुई चीन के पिछड़ेपन की छवि को पूरी तरह हटा दिया है।उन का कहना हैः

"सिंगच्यांग का दौरा बहुत लम्बा सफर रहा है।इस दौरान हमें चीनी संस्कृति और चीनियों के विचार और उन के सोचने के तरीके को जानने का सुअवसर मिला।सिंगच्यांग में हम कहीं भी कभी भी स्थानीय लोगों से बातचीत कर सकते थे,हम बहुत आजाद रहे हैं ।आने से पहले हम समझते थे कि सिंगच्यांग के अधिकतर क्षेत्र मानवविहीन हैं और इस के चलते बहुत पिछडे हैं।पर आने के बाद हम ने पाया कि सिंगच्यांग में हो रहा विकास चीन के अन्य क्षेत्रों से जरा भी कम नहीं है। सड़कों और होटलों जैसी बुनियादी सुविधाएं बहुत आधुनिक हैं। कहा जा सकता है कि बुनियादी सुविधाएं हासिल करने में हमें कोई दिक्कत नहीं हुई।"

सिंगच्याग के प्रेस कार्यालय के एक अधिकारी श्री ली ह्वा ने इन फोटोग्राफरों की देखभाल करने का काम संभाला था।पूरी यात्रा में उन्हों ने फोटोग्राफरों को सिंगच्यांग के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति बताने की पुरजोर कोशिश की।उन के अनुसार इस यात्रा के दौरान फोटोग्राफरों ने कुल मिलाकर 3 लाख से भी अधिक फोटो खींचे।हंगरी,तुर्की और ऑस्ट्रेलिया आदि 6 देशों के फोटोग्राफर स्वदेश लौटकर फोटो-प्रदर्शनियों का आयोजन कर चुके हैं।जर्मनी के फोटोग्राफर ने स्वदेश लौटकर एक प्रमुख समाचार-पत्र पर विशेष कॉलम खोला,जिस में उन्हों ने अपने खींचे चित्रों के आधार पर सिंगच्यांग की विस्तृत जानकारी दी,जिस का बहुत स्वागत किया गया है।श्री ली ह्वा ने आशा व्यक्त की कि अधिकाधिक विदेशी दोस्त सिगच्यांग की यात्रा करेंगे और वहां की विशेषताओं को देखेंगे।