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(GMT+08:00) 2007-06-08 09:44:11    
सिन्चांग के मशहूर गीतों के लेखक श्री ल्यू सु ह्नान

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आप को मालूम हुआ होगा कि स्वर्गीय चीनी संगीतकार वांग लो पीन पश्चिम चीन के संगीत बादशाह के नाम से देश भर में मशहूर हैं । लेकिन आप को पता नहीं होगा कि वांग लो पीन द्वारा रचित गीतों का परिचय करने के लिए सिन्चांग के गीत लेखक श्री ल्यू सु ह्वान भी सिन्चांग में अत्यन्त मशहूर है ।

इस साल की 14 मार्च को पश्चिम चीन के संगीत बादशाह के नाम से मशहूर वांग लो पीन की 11 वीं बरसी थी । इस प्रसिद्ध चीनी संगीतकार की याद में चीन के सिन्चांग व पेइचिंग और अमरीका के न्यूयार्क आदि अनेक जगहों में विभिन्न रूपों में गतिविधियां आयोजित की गयीं । स्वर्गीय वांग लो पीन ने अपने जीवन का अधिकांश समय सिन्चांग में बिताया था और उन की संगीत रचनाएं भी मुख्यतः सिन्चांग में तैयार की गयी । इस अनोखी भूमि में उन्हों ने बड़ी मात्रा में सिन्चांग लोक गीतों का संग्रहण व संकलन किया , वांग लो पीन द्वारा लोक गीतों के आधार पर रूपांतरित गीत विभिन्न भाषाओं में और विभिन्न देशों के लोगों की जुबान पर गाये जाते हैं।

सिन्चांग के मशहूर गीत लेखक श्री ल्यू सुहवान को बचपन में ही वांग लो पीन के गीत पसंद आये थे , लेकिन पिछली शताब्दी के साठ वाले दशक में स्कूली छात्र के रूप में ल्यू सुह्वान को मालूम नहीं था कि ये गीय वांग लो पीन के हाथों से रचित किए गए है । बड़े होने पर श्री ल्यू सुह्वान वांग लो पीन के साथ एक ही संस्था में काम करने के लिए नियुक्त हुए , शुरू शुरू में भी उन्हें पता नहीं था कि ये सुन्दर गीत वास्तव में वांग लो पीन की रचनाएं हैं । इस पर उन्हों ने कहाः

बालावस्था में मैं ने जो बहुत से मनपसंद गीत गाये थे , उन में से ज्यादातर वांग लो पीन द्वारा रचे गए थे । इन गीतों में दूर दराज वह जगह , तापानछङ की लड़की और तुम्हारा बुर्का उठाने दो जैसे गीत बहुत मशहूर हैं । ये गीत सुनने में अत्यन्त सुरीले लगते हैं , लेकिन उस समय मालूम नहीं था कि ये सभी गीत एक बुजर्ग संगीतकार द्वारा संकलित और रूपांतरित किए गए हैं । वास्तव में वो बुजुर्ग संगीतकार हमारे पास ही रहते थे।

एक संस्था में काम करने के कारण श्री ल्यू सुह्वान और श्री वांग लो पीन के बीच संपर्क धीरे धीरे बढ़ गया और दोनों में आपसी परिचय भी गाढ़ा होता गया । श्री ल्यू सुह्वान को गीत के बोल लिखने का शौक था , जब कभी किसी गीत के बोल लिखे , तो वे वांग लो पीन से अपने गीत के लिए धुन रचित करवाते थे । इस की चर्चा में उन्हों ने कहाः

उस समय मैं जवान था , एक महान संगीतकार से अपने गीतों के लिए धुन बनाने का भी कोई संकोच नहीं होता था । जवान लोग ऐसा ही है।

वांग लो पीन ने ल्यू सुह्वान के लिए जो एक गीत की धुन बनायी , उस गीत को बाद में सिन्चांग के सैन्य कोर की गायन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ । इस बात के कारण वांग लो पीन और ल्यू सुह्वान के बीच सहयोग और बढ़ा और वांगन लो पीन के प्रति ल्यू सुह्वान की भक्ति भी गहरी हो गयी ।

स्वर्गीय वांग लो पीन का जीवन अनेक मुसिबतों से गुजरा था , लेकिन सिन्चांग के लोक गीतों का संग्रहण , संकलन और रूपांतरण करने का उन का काम कभी नहीं रूका । वांग लो पीन के गीत संगीतों का प्रचार प्रसार करने के लिए ल्यू सुह्वान ने जिन्दगी भर कोशिश करने का संकल्प लिया । उन का कहना है कि मैं वांग लोपीन जैसे महान संगीतकार नहीं बन सकता हूं , लेकिन मैं उन के गीतों को 500 साल अधिक समय तक गीये जाने की भरसक कोशिश करना चाहता हूं । श्री ल्यू सु ह्वान अपने वचन के पक्के होते हैं । उन्हों ने अपने जीवन के करीब तमाम समय को वांग लो पीन के संदर्भ में सामग्री जुटाने और ठीकठाक करने में लगाया । उन के एक दोस्त श्री तुंग फानपै ने कहाः

श्री ल्यू तन मन धन से वांग लो पीन का प्रचार प्रसार करने के काम में जुटे हैं , उन्हों ने देश की हर जगह जा कर वांग लो पीन की सामग्री , संदर्भ वस्तुएं , पुस्तकें और गीत संगीत संग्रहित करने की कोशिश की है । उन के पास जो सामग्री जुटायी गयी है , उस से ज्यादा दूसरों के पास नहीं है । वे संगीत क्षेत्र में वांग लो पीन के अतुल्य योगदान के साक्षी है और वे एक संगीतकार का गुणगान करने वाले व्यक्ति हैं ।

वांग लो पीन के निधन के बाद श्री ल्यू सु ह्वान ने उन की जीवनी के बारे में दस हजार से अधिक पुस्तकें इकट्ठे की हैं , हस्तलिखित सामग्रियों का वजन भी दर्जनों किलोग्राम भारी है , संगीत सामग्री हजार किस्मों से अधिक है और संदर्भ वस्तुएं हजारों की संख्या में । वांग लोपीन के बारे में पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित लेख तो अनगिनत हैं । अब तक श्री ल्यू सुह्वान ने वांग लोपीन के बारे में दस पुस्तकें संकलित की हैं और उन की याद में जो यादगार वस्तुएं जारी कीं है , उन की किस्में भी बीस से ज्यादा है , इन के अलावा विभिन्न रूपों में वांग लोपीन की स्मृति में आयोजित कार्यवाहियों की संख्या भी सौ तक पहुंची है , जिन के लिए दस लाख य्वान का खर्च हुआ । इस पर उन्हों ने कहाः

संगीत सिद्धांत के क्षेत्र में वांग लो पीन द्वारा चीनी राष्ट्र के संगीत के लिए किए गए योगदान का अध्ययन किया जाना चाहिए । हमें उन की रचनाओं का संकलन करने में तेजी लाना चाहिए और उनकी संगीत रचनाओं में गर्भित गहन महत्व की खोज निकालना चाहिए और उन के संगीत सृजन के बारे में अनुभवों का निचोड़ निकालना चाहिए । बहुत से लोगों के पास उन की पांडुलिपि है , फोटो है , रिकार्ड है और जीवन की संदर्भ सामग्री है । उन सभी को बटोर सहेज कर सुरक्षित रखा जाना चाहिए , मैं समझता हूं कि मुझे इस के लिए अपनी ओर से काम करने का फर्ज है , वरना इतिहास के प्रति एक खेद रह जाएगा ।

अपनी इस तमन्ना को पूरा करने के लिए श्री ल्यू सुह्वान जहां भी गए , वहां लोगों को स्वर्गीय वांग लो पीन के गीत संगीतों और उन की जीवन कहानियों से अवगत कराने की कोशिश नहीं छोड़ते । सिन्चांग के तापानछङ प्रिफैक्चर के अधिकारी श्री ली युन की पिछले साल में ल्यू सुह्वान से मुलाकात हुई , उन की जुबान से उन्हों ने वांग लो पीन की ढेर सारी कहानियां सुनी । श्री ल्यू सु ह्वान समय समय पर वांग लोपीन के बारे में अध्ययन गोष्ठी बुलाते हैं । श्री ली युन उन की इन बैठकों के नियमित हिस्सेदार हो गए । श्री ली युन ने कहाः

हर बैठक में श्री ल्यू वांग लोपीन के बारे में पुस्तकें और पोस्ट कार्ड ला कर देते हैं , जिस से और अधिक लोगों को वांग लोपीन के बारे में ज्यादा जानकारी मिली । वांग लो पीन के संगीत व जीवन पर अध्ययन के लिए श्री ल्यू सु ह्वान अद्मय संकल्प रखने वाले विशेषज्ञ हैं । मुझे अनुभव हुआ है कि वांग लोपीन के संदर्भ में अध्ययन के लिए श्री ल्यू सुह्वान में एक प्रकार की दृढ़ व निस्वार्थ भावना है ।

अखिरकार किस किस्म की भावना से प्रेरित हो कर श्री ल्य सु ह्वान ने इतनी लगन से वांग लोपीन का प्रचार प्रसार करने की कोशिश की है , इस का जवाब खुद वांग लोपीन की निस्वार्थ भावना है । स्वर्गीय वांग लोपीन ने अपने जीवन काल में बड़ी लगन और मेहनत से चीनी राष्ट्र के लोक गीतों की सेवा करते हुए इस में अपनी पूरी जिन्दगी समर्पित की थी , जिस से श्री ल्यू सुह्वान को गहरा प्रोत्साहन मिला । श्री ल्यू सुह्वान की अथक कोशिशों से अब वांग लोपीन के योदगान का गुणगान करने वालों की पांत लगतार विस्तृत हो गयी और वांग लो पीन का प्रचार प्रसार करने का काम भी जोरशोर से चल रहा है । इस पर श्री ल्यू सुह्वान ने कहाः

आदमी सिर्फ सौ साल तक जिंदा सकता है । लेकिन गीतसंगीत सदियों से निरंतर प्रचलित हो सकता है । वांग लोपीन के गीत संगीत सांस्कृतिक विरासत के रूप में पीढियों से प्रचलित किए जाएंगे , उन की भावना से हमें अपने स्वार्थ की परवाह न करते हुए लोक गीतों को संकलित व प्रकाशित करने का संकल्प प्राप्त हुआ है । यही हमारी एक उपलब्धि भी है । श्री ल्यू ने कहा कि वे आगे वांग लोपीन का स्मारक भवन , वांगलोपीन अध्ययन सोसाइटी तथा वांग लोपीन कोष स्थापित करने की कोशिश करेंगे । और वांग लोपीन का गुणगान करने का काम जारी रखेंगे।