चीनी सीखे कार्यक्रम शाओलिन , शाओ थाँग और चंद्रिमा जी द्वारा सिखाया जाता है , वह बहुत उपयोगी है । नि मन यो ह सनमा अर्थात मेहमान आप क्या पीएंगे , जैसा वाक्य बहुत अच्छा लगा ,पहले से आप का उच्चारण साफ साफ समझ में आता है और उच्चारण में काफी सुधार आया है । चीनी भाषा पढ़ते पढते थोड़ा सा सीख भी आया है । मगर चीनी भाषा पहचाने से अज्ञात है , जैसे नि मन , इस का अक्षर कैसा है , हमें कैसा मालूम हो सकता है । आप के कार्यक्रम के उद्घोषिकाओं की कड़ी मेहनत से बहुत बहुत सुन्दर कार्यक्रम बहुत ही रूचिकर और अच्छी जानकारी प्राप्त होती है ।
श्रीमती फुलवाला बैन जी , यह जान कर हमें बड़ी खुशी हुई है कि आप ने चीनी सीखने में थोड़ी प्रगति पायी है । आप ने ठीक कहा कि रेडियो से भाषा सीखने में केवल उस का उच्चारण मालूम होता है और उस के अक्षर कैसे हैं , देख तो नहीं पाते । श्रोताओं की इस समस्या को हल करने के लिए हम ने श्रोता वाटिका में एक छोटा विशेष स्तंभ खोला है , जिस में देनिक उपयोग के लिए कुछ चीनी वाक्य सोचारण व साक्षर दिये जाते हैं । आप इसे ध्यान से पढ़े , आप की समस्या कुछ न कुछ जरूर हल होगी ।
यह पत्र है रोरकेला उड़ीसा के आकिब निहाल खान का है । उन्हों ने पत्र में कहा कि मेरा दुआ है कि सी .आर .आई तरक्की रता रहें ,इस के श्रोताओं की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि सी .आर .आई के प्रसारण से एक बड़े वर्ग को लाभ पहुंच रहा है । अधिकतर श्रोता छात्र हैं ,आप के प्रोग्राम कुछ इस प्रकार के है कि उन की जानकारी में इजाफा होना लाजमी है । आप की खबरें ठीक है , लेकिन इस का स्तर थोड़ा और बढ़ाना चाहिए । यानी आप लोगों को रिपोर्टरस का दायरा और फैलाना चाहिए , कभी कभी कुछ छोटी खबरें भी सुना दिया करें , यीनी कुछ ऐसी खबरें , जो राजनीतिक न हो , जो सीधे आम इंसान से जुड़ी हो । रोचक और हल्की खबरे सभी को अवश्य पसंद आएंगे । चाहे आप चीन से लाए या किसी और देश से । जैसे कभी बता दे कि आजकल चीन में लोग किस प्रकार के वस्त्र पसंद करते हैं या फिर आजकल चीन के रेस्ट्रांट में किस प्रकार के व्यंजन पसंद किया जा रहा है । या फिर चीनी युवाओं के बीच आपस में संबंध कैसे है । मॉबाइल फोन का प्रयाग वहां किस प्रकार बढ़ रहा है । इस प्रकार की खबरें छोटी है और मजेदार भी , सुन कर सभी को अच्छा लगेगा । इस के अलावा प्रोग्रामों के बीच में कभी कभी भारतीय या चीनी हिट गीत सुना दिया करें , मैं जानता हूं कि इस के अलग प्रोग्राम है , लेकिन गीत सुनने के लिए पूरे हफ्ते रूकना पड़ता है । इसलिए बीच बीच में गीत सुनाए जा सकते हैं । श्रोता बोर नहीं होंगे । सब से अहम मैं आप को यह मशविरा देता हूं कि आप उन श्रोताओं को पत्र द्वारा जरूर सूचित करें , जो आप की पहेली प्रतियोगिताओं में भाग ले कर कुछ भी जीतते हैं । यह बहुत जरूरी है , क्योंकि हमारे इनाम आदि रास्ते में ही गायब हो जाते हैं ।
श्री आकिब निहाल खान ने उपरोक्त अच्छे अच्छे सुझाव पेश करने के बाद सी .आर .आई के प्रोग्राम पर यह कहा कि चीन के सिन्चांग में पढ़ने आए छात्रों पर रिपोर्ट सुन कर अच्छा लगा । दिल चाहा कि मैं भी अपनी पढ़ाई वहीं जा कर करूं । सभी छात्र खुश थे , तथा पढ़ाई , टीचर , वहां के दोस्त , वहां के कालेज , खानपान , लोगों के सहनरहन इत्यादि सभी से बहुत प्रभावित नजर आए । वहां पढ़ाई अच्छी होती है । और सभी छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाता है और यही कारण है कि वहां अब लगातार विदेशों के छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है । एक समय था जब सिर्फ छात्र अमरीका ,ब्रिटेन और ओस्ट्रेलिया जैसे यूरोपीय देशों में पढ़ने जाना चाहते थे , लेकिन इधर के सालों में सभी के सोच विचार में परिवर्तन आया है और यही कारण कि अब छात्र एशियाई देशों में पढ़ने आ रहे हैं ।
आकिब निहाल खान को कोटि कोटि धन्यावाद , आप ने अपने पत्र में कार्यक्रमों के सुधार के बारे में बहुत से अच्छे अच्छे सुझाव पेश किए , जो बहुत उपयोगी साबित होगा , हम जरूर इस पर ध्यान देंगे ।
अब कुछ श्रोताओं के संक्षिप्त पत्र । रोहतास कोआथ बिहार के अली बदर भाई ने पत्र भेज कर कहा कि मैं सी .आर .आई के प्रचार प्रसार के लिए हर संभव प्रयास करता हूं कि सी .आर .आई दुनिया का नम्बर एक रेडियो स्टेशन बन जाए । मैं और मेरा कल्ब आप के यहां बहुत दिनों से रिजस्टर्ड है और आप के हर कार्यक्रम में भाग लेता है । सी .आर .आई हर तरह का कार्यक्रम प्रस्तुत करता है ,जो ऐसा बहुत कम ही रेडियो स्टेशनों में सुनने को मिलता है ।
ढोली सकरा बिहार के दीपक कुमार दास ने अपने पत्र में जीवन और समाज कार्यक्रम पर यों लिखा हा कि जीवन और समाज के अन्तगर्त श्रीमती एलीतेची के सामाजिक कार्यों पर समीक्षा रोचक और सार्थक थी । श्रीमती एलीतेची ने बहुत से सामाजिक कार्य किए , इस से हम मानव को उन से सीख लेना चाहिए । आज चीन के महिला समाज काफी जागरूक हो रहा है , महिलाएं बहुत से उद्योग धंधों में कार्य कर रही हैं । ओलिंपिक खेलों में चीनी महिलाओं ने काफी प्रसिद्धि पायी है , जो सारा विश्व जानता है ।
चेनई तमिलनाडू के अरूण कुमार सिंह ने हमें लिए पत्र में कहा कि मैं मद्रास का रहने वाला हूं । मेरी मातृभाषा व बोली मद्रासी है . मेरे चाचा बिहार में रहते हैं , मैं उन के पास ही दो वर्षों से रह रहा हूं । मुझे हिन्दी समझने में आती है , परन्तु लिख नहीं पाता हूं । मैं खास कर आप के साप्ताहिक कार्यक्रम को सुनता हूं , हमें आप के केन्द्र से प्रसारित कार्यक्रम जैसे सोमवार के आप से मिले , मंगलवार के आज का तिब्बत , बुधवार का खेल जगत और शनिवार का आप की पसंद जरूर सुनते हैं , हमें आशा है कि आप हमारे पत्र को जरूर शामिल करेंगे ।
मऊ उत्तर प्रदेश के डाक्टर शिवचन चौहान ने अपने पत्र में कहा कि मैं आप का कार्यक्रम बहुत चाव से सुनता हूं , मुझे आप का कार्यक्रम बहुत ही अच्छा लगता है , मैं आप के कार्यक्रम से जब से जुड़ा हूं , तो मैं तिब्बत कार्यक्रम सुनता हूं , रोज ब रोज नियमित रूप से सुनता हूं । मैं एक नया श्रोता होने के नाते आप की हर बात को समझ नहीं पाता , पर समझने का पूरा प्रयास करता हूं ।
कोलकता के अमीत भाट्टचार्य ने हमें लिख कर कहा कि हमारे पूरे परिवार के लोग नियमित श्रोता बन चुके है , सी .आर .आई से हमारे दिल का गहरा रिश्ता बनचुका है , आप का बेहतरीन कार्यक्रम जब तक नहीं सुना , तो सचमुच तक तक हमारा खाना हजम नहीं होता । सी .आर .आई का प्यार पाकर हम सभी आप को धन्य हो गया । आप लोगों की मीठी आवाज से हमारा मन मोहित है ।सी .आर .आई के कार्यक्रम ज्ञानवर्धक , मनोरंजन से भरपूर है । नए नए प्रतियोगिता से हम लोग बहुत आनंदित होते हैं । मेरा सपना है कि चीन घूमने जाऊं और आप लोगों से मिलना।

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