 चीन के गर्मू से ल्हासा तक के छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग की पर्यावरण संरक्षण संबंधी जांच हाल ही में पारित की गई । जांच करने वाली समिति का विचार है कि छिंगहाई-तिब्बत रेल मार्ग के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण कार्य देश की महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं में आदर्श मिसाल बन गया है।
गर्मू से ल्हासा तक के छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग के निर्माण के दौरान पर्यावरण संरक्षण संबंधी व्यवस्था का कड़े रूप से पालन किया गया । चीनी रेल मार्ग निर्माण के इतिहास में प्रथम बार जंगली जानवरों के आने-जाने के लिए बड़े पैमाने तौर पर मार्ग निर्मित किये गये हैं , प्रथम बार छिंगहाई-तिब्बत पठार में वनस्पतियों का बहाली कार्य किया गया और प्रथम बार रेल लाइन से गुज़रने वाले प्रांतों के साथ पर्यावरण संरक्षण संबंधी दायित्व-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए । इन कदमों के जरिए रेल लाइन के जंगली जानवरों के आने-जाने, पठारीय वनस्पति व दलदल भूमि की पारिस्थितिकी व्यवस्था, नदियों के पानी की गुणवत्ता तथा रेल लाइन के दोनों तटों के प्राकृतिक दृश्यों का कारगर संरक्षण किया गया और परियोजना के निर्माण व प्राकृतिक पर्यावरण के बीच सामंजस्य को मूर्त रूप दिया गया ।
गर्मू से ल्हासा तक के छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग की कुल लम्बाई 1142 किलोमीटर है, जिस का 960 किलोमीटर लम्बा सेक्शन समुद्र की सतह से 4000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है । इस परियोजना का निर्माण 2001 के जून माह में शुरू किया गया और गत वर्ष की जुलाई में इस लाइन पर यातायात शुरू हुआ।
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