|

चीन में लगभग छ करोड़ विकलांग हैं। इस विशेष सामाजिक समुदाय होने के नाते, उन के अधिकारों को न केवल चीनी कानून का संरक्षण मिला है, बल्कि चीन सरकार तथा समाज के विभिन्न तबकों के सूत्रों ने भी उन्हें अनेक क्षेत्रों में मदद दी है।
पेइचिंग शहर के गूलोशई सड़क पर 30 वर्गमीटर से भी कम जगह पर एक विशेष सिनेमा घर है। लेकिन, दूसरे सिनेमा घरों की तुलना में इस सिनेमा घर की अपनी विशेषता है। यहां दर्शक सभी अंधे हैं और फिल्म को सुनाने के तरीके से सिनेमा के विषय व चित्र अंधों को सुनाए जाते हैं।
इस छोटे सिनेम घर ने अंधे मित्रों को अनेक खुशियां दी हैं। 48 वर्षीय ली क्वेई जी वर्ष 2001 में अंधी हो गयीं। अब वे इस सिनेमा घर की प्रेमी दर्शक हैं। उन के अनुसार,घर में चाहे मैं चश्मा लगाती हूं तो भी टी वी प्रोग्राम साफ-साफ नहीं देख पाती हूं।
घर में किसी भी व्यक्ति ने मुझे नहीं बताया है। चूंकि मेरे बच्चे को स्कूल जाना है और मेरे पति भी काम करते हैं। यहां फिल्म को सुनाना बहुत दिलचस्प है।
68 वर्षीय हो च्येन क्वो घर से दो घंटे से अधिक समय तक बस पर सवार हो कर यहां फिल्म सुनने आते हैं। उन्होंने कहा,फिल्म की कहानी यहां कोई कर्मचारी हमें सुनाती हैं। मुझे बहुत दिलचस्प लगता है।
अंधें मित्रों के लिए अंधा सिनेमा बिलकुल मुफ्त है। वर्ष 2005 की जुलाई से आज तक, इस सिनेमा घर ने क्रमशः 200 से ज्यादा अंधे मित्रों को लगभग 40 फिल्में दिखायी हैं, जिन में अपने देश की कुछ श्रेष्ठ फिल्मों को छोड़कर शेष विदेशी फिल्में हैं।
इस सिनेमा घर के संस्थापक दा वेई हैं, जिन की उम्र 48 साल है। और वे फिल्मों को सुनाने की प्रमुख कर्मचारी भी हैं। श्री दा वेई ने कहा,फिल्में सुनाना बहुत दिलचस्पी का काम है। फिल्में सुनाने के तरीके से अंधे फिल्म देख सकते हैं।
श्री दा वेई के अनुसार, उन्होंने इसलिए इस रास्ते को चुना क्योंकि एक बार उन्होंने एक अंधे को फिल्म सुनायी थी। बाद में उन्होंने अपने आप एक सिनेमा घर की स्थापना करने का निर्णय लिया। उन्होंने परोपकार वाली अंधों की शिक्षा संस्था----हुंग देन देन शिक्षा व संस्कृति आदान-प्रदान केंद्र की स्थापना की और विशेष रुप से अंधे मित्रों को मदद दी।
अंधे लोगों के साथ और अच्छी तरह आदान-प्रदान करने के लिए श्री दा वेई अक्सर अपनी पत्नी की मदद से अपनी आंखों को बंद करके अंधों की ही तरह चलते हैं।
इन प्रयासों से ही वे फिल्मों को अंधों को अच्छी तरह सुना सकते हैं।जब मैं आंखें बंद करके सड़कों पर चलता हूं, मुझे लगता है कि मेरे मन में अनेक संदेह हैं। अंधे लोग भी इसी तरह के हैं। वे फिल्म के बारे में और ज्यादा सूचनाएं हासिल करना चाहते हैं।
श्री दा वेई से प्रभावित होकर अधिक से अधिक लोग अंधा सिनेमा घर की सेवा में शामिल होने लगे हैं।
वकील सुश्री वन छ्यो फांग उन में से एक हैं। सुश्री वन छ्यो फांग के अंधा सिनेमा घर में आने के दूसरे हफ्ते में उन्हें वर्ष 2006 की सर्दियों में पेइचिंग की सब से बड़ी बर्फबारी का सामना करना पड़ा। सुश्री वन ने कहा,उस दिन हालांकि बड़ी बर्फबारी हो रही थी, फिर भी दसियों अंधे आये। रास्ते में दो तीन घंटों के बाद वे सिनेमा घर पहुंचे। उन्हें देखकर मेरे मन में जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न हुई।
अंधे सिनेमा घर में काम करने वाले कर्मचारी सभी स्वयं सेवक हैं।
विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद श्री शन छ्वेन ने यहां एक साल से ज्यादा के लिए काम किया है, लेकिन, उन्होंने वेतन नहीं हासिल किया।
उन्होंने अधिकांश स्वयं सेवकों के मन की बात बतायी।कुछ समय तुम्हें लगेगा कि अंधे लोग सच्चे माइने में हमारी बड़ी आवश्यकता हैं। मुझे लगता है कि हमारा काम बहुत अर्थवान है और मूल्यवान भी।
स्वयं सेवकों ने अपनी सदिच्छापूर्ण आवाज से अंधों को एक-एक फिल्म दिखायी।
चूंकि सिनेमा-घर मुफ्त रुप से अंधों को फिल्में दिखाता है, इसलिए, श्री दा वेई को इस से लाभांश नहीं मिलता है। लेकिन, श्री दा वेई ने कहा कि वे केवल यह आशा करते हैं कि वे अंधों की कुछ न कुछ मदद कर सकेंगे।
अब वे इस पर विचार कर रहे हैं कि किस तरह फिल्में समझाने की आवाजों को वी सी डी के रुप में बनाकर सुदूर क्षेत्रों के अंधे मित्रों को दे सकें, ताकि वे लोग भी इस से आनंद उठा सके।
|