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जैसे जैसे वाइरस और एंटी वारस के सोफ़्टवेयर के उत्पादकों के बीच का युद्ध और तीव्रता से बढ़ता जा रहा है, वैसे वैसे इस युद्ध का प्रभाव समस्त चीन में दिखाई पड़ रहा है। एंटी सोफ़्टवेयर प्रोग्राम बनाने वाले लोगों में प्रतियोगिता जबरदस्त तरीके से बड़ गयी है।
पांडा एक नया वायरस है, आम तौर पर चीन में पांडा को राष्ट्रिय धन माना जाता है। ऐसे में लोग आजकल कंप्यूटर का उपयोग करने वाले सिर्फ इसके नाम से कांप उठते है। भला ऐसे क्यों? दिसम्बर 2006 से मार्च 2007 के दौरान, एक नया कंप्यूटर वाइरस जिसका नाम है अगरबत्ती जलाते हुए पांडा समुचे चीन में व्याप्त था। इस वाइरस का कुप्रभाव इतना गंभीर है कि इससे कंप्यूटर में हर एक फ़ाईल का आयकन न सिर्फ बदल जाता है बल्कि एक दूसरे आयकन का रूप ले लेता है जिसके तहत एक पांडा तीन अगरबत्तियाँ जलाते हुए नजर आता है। यह वाइरस इतना ज्यादा खतरनाक है की इससे कंप्यूटर के पासव र्ड, एकाउंट नंबर सभी के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती हैं और सिस्टम का खात्मा यानी क्रैश हो जाता है। समूचे चीन में करोड़ों के तादाद में घरों में, आफिसों में, नेट कैफ़ों में, कंप्यूटरों में यह वाईरस पाया गया।
इंटरनेट क्रिमिनल यानी अपराधी वाइरयों को बनाते हैं और फैलाते हैं ताकि दूसरे कंप्यूटरों से उन्हें रहस्यमय जानकारी, जैसे दूसरों के 'वरचुअल प्रोपर्टी' पर वे अपना हक जमाये। 'वरचुअल प्रोपर्टी' का अर्थ है क्रेडिट कार्ड, गेम कार्ड, आदि जिसका उपयोग कई लोग नेट पर मनोरंजन और खरीददारी के लिए करते हैं। दूसरे लोगों के ऐसे वरचुअल प्रोपर्टी से संबंधित जानकारी हासिल कर लेने के बाद वाइरस को बनाने वाले ऐसे जानकारीयों को अपने ग्राहकों को बेच डालते हैं। कम समय में अधिक पैसे बनाने के मोह ने इन लोगों को वाईरस बनाने और फैलाने के काम के तरफ आकर्षित किया। उदाहरण के लिए ली चुन को ही ले लीजिए जिसने उसके गिरफ्तारी से पहले ऐसे गैरकानूनी कामों के जरिये कुछ एक लाख चीनी युआन कमाये।
ऐसे में सवाल यह उठता है की इस नये वाइरस को इतना खतरनाक क्यों माना जा रहा है? सर्वप्रथम, यह चीनी एंटी वारस सोफ़्टवेय रों की एक बहुत बड़ी खामी का भरपूर फायदा उठाया और ये खामी यह थी की चीन के एंटी वाईरस सोफ़्टवेयर लोकल एरीया नेटवर्क, फ़्लोपी आदि से फैलाये गये वाईरस से कंप्यूटर को सुरक्षित नहीं रख सकते और इसीलिए नये वाईरस बनाने वालों ने घरेलु एंटी वारस के सोफ़्टवेयर में यह कमी का पूरा फायदा उठाया। दूसरी बात यह थी की यह वाईरस के फैलने से यह कई बार दूसरे रूप लेकर वाईरस का पता लगाना नामूमकिन कर देता है।
चीन में आज कुल मिलाकर 137 मिलियन लोग कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं और एक रिपोर्ट के अनुसार चीन में पिछले वर्ष तक कुछ 230,000 कंप्यूटर वाईरस हैं।
एंटी वारस के सोफ़्टवेयर बनाने वालों के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। आज चीन के तीन सबसे बड़े एंटी वारस सोफ़्टवेयर बनाने वाले कंपनियाँ हैं राइसिंग, चिआंगमिन, और किंगसोफ़्ट। इनको एंटी वारस सोफ़्टवेयर बनाने के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिल चुकी है। लेकिन अंतर्राष्ट्रिय एंटी वाईरस सोफ़्टवेयर के उत्पादकों के मुकाबले चीनी एंटी वाईरस सोफ़्टवेयर के उत्पादक एक मायने में काफी भिन्न हैं।
जब किअंतर्राष्ट्रिय एंटी वाईरस सोफ़्टवेयर के उत्पादक बड़े बड़े उद्योगों को अपना ग्राहक बनाते हैं, चीनी एंटी वाईरस सोफ़्टवेयर उत्पादक व्यक्तिगत स्थर पर कंप्यूटर का उपयोग करने वालों को अपना ग्राहक बनाते हैं। इसके अलावा चीनी कंपनियों को विदेशी कंपनियों के साथ एक खतरा यह भी है की विदेशी कंपनियाँ आज बढ़ते हुए चीनी मार्केट के लिए चीनी भाषा में सोफ़्टवेयर बना रहे हैं और घरेलु कंपनियों को ऐसे प्रतियोगिता से निपटने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ेगा।
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