पांच सालों तक चले संपादन के जरिये दक्षिण चीन के युन्नान प्रांत में 26 जातियों की बोलिओं में उपलब्ध संस्कृतियों का संग्रहण कर एक पुस्तक प्रकाशित की गयी है । इन बोलियों पर लिखित साहित्य नहीं है।
इधर के वर्षों में युन्नान प्रांत ने जातीय संस्कृति के संरक्षण में भारी शक्ति डाली है । वर्ष 2002 से संपादकों ने लोक-कलाकारों और उन के श्रोताओं के साथ व्यापक बातचीत के जरिये थाई, तिब्बत, ई, नाशी , पाई , च्वांग, हानि और म्याओ समेत 26 जातियों की मौखिक संस्कृतियों को रिकार्ड किया है । अभी प्रकाशित संग्रह में 'पौराणिक कथा','लोक कथा'तथा'महाकाव्य व लोक गीत' तीन भाग शामिल हैं । संग्रह में मौखिक तौर पर अनूदित कुल 23 हजार गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासतें शामिल हैं ।
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