
दक्षिण-पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत की देर्ग कांऊटी की सरकार से मिली खबर के अनुसार तिब्बती संस्कृति के'जीवित जीवाश्म'देर्ग बौद्धसूत्र प्रेस को विश्व संस्कृति की विरासत में दाखिल कराने का आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा ।
वर्ष 1729 में निर्मित देर्ग बौद्धसूत्र प्रेस बौद्धसूत्रों का प्रकाशन करने वाली संस्थाओं में से एक है । इस भवन का कुल फर्शीक्षेत्रफल दस हजार वर्ग मीटर है । भवन में कुल 800 से अधिक शास्त्रीय ग्रंथ और बौद्धसूत्रों के प्रकाशन के लिये लकड़ी से बनी तीन लाख पट्टियां सुरक्षित हैं । देर्ग बौद्धसूत्र प्रेस हमेशा'जीवित जीवाश्म'कहलाता है ।

देर्ग कांऊटी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तिब्बती सभ्यता व तिब्बती संस्कृति का और अच्छी तरह संरक्षण व विकास करने के लिए देर्ग बौद्धसूत्र प्रेस को विश्व संस्कृति की विरासत में दाखिल कराने का आवेदन किया जाएगा । देर्ग कांऊटी इसी उद्देश्य में जोरदार कोशिश करना जारी रखेगी ।
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