मुजफ्फरपुर बिहार के रजनीश कुमार का पत्र अब सामने है । उन्हों ने अपने पत्र में पहले कहा कि उन्हों ने आज का तिब्बत कार्यक्रम में एक तिब्बती जीवित बुद्ध से चर्चा सुनी , जो बहुत पसंद आया है । चीन का भ्रमण के तहत वाइन संग परसतर वन के पर्यटन क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई , जो बहुत रोचक भरा लगा , क्योंकि इस वन का इतिहास बहुत पुराना है , वन में दुर्लभ पत्थर और विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे देखने को मिलते हैं । आप से मिले कार्यक्रम में भारतीय शिक्षा अधिकारी पी .एल. मुनदेकर जी से भारत और चीन की शिक्षा के विषय पर बातचीत प्रसारित किया गया , जो मुझे बहुत रोचक और ज्ञानवर्धक भरा लगा ।
रजनीश कुमार जी ने पत्र के साथ एक छोटी कविता भी लिख कर भेजी , हमें पसंद आयी और यहां पढ़ कर दूसरे श्रोताओं को भी सुनाऊंगी । कविता का नाम है नया वर्ष , जो इस प्रकार हैः
जब शाम ढले यूं मुस्का के ,
हो शमां नशे में झुमता ।
तुम गीत कोई गुनगुना के ,
चुपके चुपके आ जाना ।
और नए वर्ष पर नए हर्ष से ,
दुनिया की दीवार फांद कर,
अपनी चांद दिखा जाना ।
बस चुपके चुपके आ जाना ।
अच्छी लिखी कविता के लिए श्री रजनीश कुमार को बहुत बहुत धन्यावाद । तो बहनो और भाइयो , आइए , आगे सुनिए , कुछ श्रोताओं के संक्षिप्त पत्र ।
मऊ उत्तर प्रदेश के जीशान अहमद अंसारी ने अपने पत्र में कहा कि हन लोग लगन से सी .आर .आई के तमाम कार्यक्रम सुनते हैं , मगर उन में से ची का भ्रमण , आप से मिले , आज का तिब्बत , खेल जगत , सवाल जवाब , जीवन व समाज ,आप का पत्र मिला , चीन की अल्पसंख्यक जाति और आप की पसंद आदि बहुत पसंद है । वैसे आप का पत्र मिला कार्यक्रम में आप ने वर्ष 2005 के सक्रिय श्रोताओं के नाम जो बोले थे , उन में हमारे क्लब के नाम शामिल थे , जिस से हमारे क्लब के सदस्यों का मनोबल बढ़ा है ।
लखउन उत्तर प्रदेश के रविन्द्र कुमार ने पत्र में लिखा है कि हमारे समस्त क्लब सदस्य सी .आर .आई की हिन्दी सेवा को सुनना बहुत पसंद करते हैं । एवं हम सदैव यह प्रयास करते हैं कि भारत और चीन के बीच परस्पर मित्रता , सहयोग और व्यापार में खूब वृद्धि हो । हम हमेशा चाहते हैं कि भारत में चीन की सभ्यता , संस्कृति व इतिहास का प्रचार प्रसार हो । इसी कड़ी में प्रकाशित चाइनीज एस्ट्रोलाजी का इतिहास लेख , जो हमारे यहां के एक प्रसिद्ध समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था , आप की सेवा में प्रेषित है ।
भागलपुर बिहार के मोहम्मद खालिद अंसारी ने पत्र भेज कर कहा कि आप के यहां से भेजा गया 2006 का बहुत खूबसूरत कलैंडर , समय सारणी व श्रोता वाटिका प्राप्त हुई , धन्यावाद और मुझे उम्मीद है कि आप लोग हमारे मनोबल को बढ़ाते रहेंगे , आप के यहां से प्रसारित हर कार्यक्रम एक से बढ़ कर एक हुआ करता है, जिस का शब्दों में बयान करना संभवल नहीं है। हमारी दुआ है कि सी .आर .आई का हिन्दी विभाग इसी प्रकार बुलंदी हासिल करता ले ।

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