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आज के इस कार्यक्रम में बोका बिहार के कुमोद नारायण सिंह, सहरसा बिहार के संतोष कुमार, मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल के मामुन मनडाल,मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश के फैज अहमद फैज के पत्र शामिल किए जा रहे हैं।
बोका बिहार के कुमोद नारायण सिंह पूछते हैं कि महान कन्फ़्यूशियस का जन्म दिवस कब है?
भैय्या,कन्फ्यूशियस प्राचीन चीन के एक महान विचारक और शिक्षक थे और कन्फ्यूशियसवाद के संस्थापक भी.उन का जन्म ईसा पूर्व 551 में या वसंत-शरत काल में पूर्वी चीन के लू राज्य में हुआ था.उन्होंने मानवता की विचारधारा पेश की.
कन्फ्यूशियस ने शिक्षक की हैसियत से 3000 शिष्यों को दीक्षा दी.बाद में इन में से 72 महापुरुष बने। कन्फ़्यूशियस ने चओ राजवंश की शुरुआत से लेकर 500 सालों तक लिखी गई 305 कविताओं का संग्रह कर एक काव्य सूत्र तैयार किया, प्राचीन तीस ग्रंथों का संग्रह कर शांगशू नामक सूत्र रचा और इतिहास रचना छ्वनछु का संपादन किया.उन के शिष्यों ने उन के उद्धरणों के आधार पर लुनय्वी नामक सूत्र तैयार किया।
कन्फ़्यूशियस ने अनेक राज्यों का भ्रमण कर वहां संस्कृति का प्रचार किया और कन्फ़्यूशियसवाद की स्थापना की.बाद में यह विचारधारा चीनी राष्ट्र की संस्कृति की प्रमुख धारा बनी। यह विचारधारा आज भी बड़ी प्रभावशाली है.चीन में ही नहीं,बल्कि विदेशों में भी कन्फ़्यूशियसवाद पर विशेष अनुसंधान संस्थाएं स्थापित हैं.
बोका बिहार के कुमोद नारायण सिंह यह भी पूछते हैं कि चीन में कितनी ऋतुएं हैं और अंग्रेजी में इन ऋतुओं के नाम क्या हैं ? सहरसा बिहार के संतोष कुमार का सवाल है कि चीन में किस ऋतु में वर्षा होती है और किस भाग में अधिक होती है ?
चीन उत्तरी समशीतोष्ण कटिबंध में स्थित है,इसलिए यहां चार ऋतुएं होती हैं और ऋतुओं में स्पष्ट अन्तर पाया जाता है.आम तौर पर यह माना जाता है कि फरवरी से अप्रैल तक वसन्त,मई से जुलाई तक ग्रीष्म,अगस्त से अक्तूबर तक पतझड और नवम्बर से जनवरी तक जाड़ा होता है.चीन में ग्रीष्म के अंत से पतझड़ के शुरू तक के अंतराल में यानी जुलाई और अगस्त में ज्यादातर हिस्सों में वर्षा अधिक होती है,लेकिन चीन के इतने विशाल भू-भाग में वर्षा का मौसम एक समय में तो नहीं आ सकता.जैसे दक्षिण-पूर्वी चीन में वर्षा का मौसम मार्च से शुरू होता है और जून के अंत में समाप्त होता है.जबकि दक्षिण में स्थित हाईनान द्वीप पर टाइफोन की वजह से वर्षा की ऋतु अक्तूबर में समाप्त होती है.चीन की मुख्य भूमि पर जिस क्षेत्र में सब से अधिक वर्षा होती है वह चीन-भारत सीमा के पूर्वी भाग में स्थित है.पर पूरे देश में सब से अधिक वर्षा थाइवान द्वीप के उत्तर में स्थित ह्वोशाओल्याओ नामक स्थान में होती है .वहां वार्षिक बारिश की मात्रा 6558 मिलीमीटर है.
चीन में चार ऋतुओं को अंग्रेजी में क्रमश:स्प्रिंग,समर,ऑटम और विंटर कहकर पुकारा जाता है.
मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल के मामुन मनडाल का सवाल है कि चीन में सब से बड़ा मंदिर कौन सा है? मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश के फैज अहमद फैज और उन के साथियों ने भी पूछा है कि चीन में सब से बड़ा मठ कहां स्थापित है?
भैय्या,चीन का सब से बडा मंदिर एक बौद्ध मठ है,जो दक्षिणी चीन के फूच्यांग प्रांत के ऊ-ई पर्वत पर स्थित है और जिस का नाम है थ्यानशिनयुंगलर मठ.लगभग 500 वर्ष पहले उस की स्थापना हुई थी.पर उस का मूल आकार छोटा था.सन 1530 के शुरू में उस का पहला विस्तार किया गया.1851 से 1860 तक अधिकाधिक नामी होने के चलते उस का दूसरा विस्तार किया गया.19वीं शताबदी के अंत में त रूंगरूंग नामक एक मशहूर बौद्ध इस मठ के आचार्य बने.वे मठ के आसपास के क्षेत्रों में बसे व्यापक लोगों में बौद्धसूत्रों का प्रवचन करते रहे.उन की कोशिशों से स्थानीय बौद्धों की संख्या में बड़ा इज़ाफा हुआ.स्थिति यहां तक हो गई कि मठ बौद्ध अनुयाइयों से खचाखच भरा रहने लगा औऱ बाहर भी भीड़ लगी रहती थी.यहां तक कि पर्वत के नीचे से इस मठ तक जाने वाली पगडंडी पर हमेशा बौद्ध अनुयाइयों का तांता लगा रहता था.ऐसी हालत में मठाचार्य त रूंगरूग ने अपने जीवनकाल में कई बार इस मठ का पुनर्जीणोद्धार करवाया.अंत में इस का क्षेत्रफल बढ़कर आज के 26 हजार वर्गमीटर तक पहुंच गया.
इस समय पूरे मठ के परिवेश में विभिन्न देव-देवताओं के 4 बड़े पूजन-भवन,1 प्रवचन हॉल,2बौद्धसूत्र-गृह,1 अध्यनन कक्ष,1 भोजन-कक्ष और दो विश्राम-गृह है.हर साल चीन के भीतरी इलाके के बौद्ध अनुयायी और हांगकांग,मकाओ,थाईवान तथा दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के अनगिनत बौद्ध अनुयायी भी बड़ी संख्या में इस मठ के दर्शन के लिए आते हैं.

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