
अरब 30 करोड़ आबादी वाला चीन अब दुनिया में सब से तेज़ गति से वृद्ध लोगों की जनसंख्या वाले देशों में से एक बन रहा है। हाल में चीन में साठ की उम्र के ऊपर की आबादी 14 करोड़ 40 लाख तक पहुंच गई है, जो एशिया में वृद्ध लोगों की कुल आबादी का लगभग आधा है। वर्ष 2020 में इस संख्या में और 10 करोड़ की बढ़ोतरी हो जाएगी। हम वृद्धों के स्वास्थ्य को किस तरह सुनिश्चित करें ताकि वे खुशी से वृद्धावस्था के जीवन को बिता सकें, हालिया चीनी समाज के विभिन्न जगतों का ध्यान इस सवाल पर गया है और चीन सरकार भी इस सवाल को हल करने की दिशा में सोच रही है।
चीन में वृद्ध लोगों की आबादी निरंतर बढ़ रही है, इस के साथ-साथ, चीन में रोजगार का दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है। इन दो कारकों के कारण अधिक से अधिक वृद्ध लोगों को विवश होकर अपने आप जीवन बिताना पड़ रहा है। उन के बेटा-बेटी काम में व्यस्त होने के कारण अच्छी तरह अपने माता-पिता का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में वृद्धाश्रम आदि सामाजिक परोपकार संस्थाएं अनेक चीनी वृद्ध लोगों का घर बन गई हैं।
बालों में कंघी करना कैसे कहा जाता है।
कंघी करना इस तरह कहा जाता है।
अभी जो आवाज़ आप ने सुनी , वह मध्य चीन के च्यांग शी प्रांत के शांग राऊ शहर के छांग छिन वृद्धाश्रम की प्रधान सुश्री जडं श्वेई लेन वृद्धा द्वारा च च्यांग की बोली सीखने की कोशिश है। यह वृद्धा अभी-अभी एक महीना पहले इस वृद्धाश्रम में आयी है, रोगी होने की वजह से उन का मनोभाव स्थिर नहीं है। वे अक्सर गाली देती रहती हैं। इसलिए, इस वृद्धा का विश्वास हासिल करने के लिए सुश्री जडं श्वेई लेन स्वेच्छा से वृद्धा की बोली सीखने की कोशिश कर रही है।
सुश्री जडं श्वेई लेन के वृद्धाश्रम में पिछले 17 वर्षों में 300 से ज्यादा वृद्ध यहां अपने जीवन का अंतिम समय बिता चुके हैं। कुछ समय पहले, सर्दी की एक रात में 95 वर्षीय यांग ई थांग तरबूज खाना चाहते थे, तो सुश्री जडं श्वेई लेन ने तुरंत साइकिल से 20 से ज्यादा किलोमीटर दूर काऊंटी जाकर तरबूज खरीदा और श्री यांग ई थांग की अभिलाषा पूरी की। सुश्री जडं श्वेई लेन ने कहा कि वृद्धों का सुख वृद्धाश्रम के कर्मचारियों के लिए सब से खुशी की बात है। उन के अनुसार,मैं लम्बे समय से वृद्धों के लिए काम कर रही हूं। मेरे लिए सब से संतोष की बात वृद्धों को मुस्कराते हुए देखना होता है। वृद्धों की खुशी में ही मेरी खुशी छिपी है।
छांग छिन वृद्धाश्रम जैसी वृद्धों की परोपकार संस्थाएं चीन के शहरों व गांवों में कुल मिलाकर 40 हजार हैं, जिन में लगभग 1 लाख 50 हजार वृद्ध रहते हैं। चीन के अधिकांश वृद्धों को अपने घर में रहना पड़ता है। कुछ वृद्धों को बहुत अकेलापन लगता है।
79 वर्षीय चांग य्वू शंग उत्तरी चीन के श चा च्वांग शहर में रहती हैं। 10 वर्ष पहले उन के पति का देहांत हो गया ,तब से वे घर में अकेली रहती हैं। चूंकि उन की उम्र दिन ब दिन बढ़ रही है, उन के जीवन में कठिनाइयां भी बढ़ रही हैं।
हर बार वे चीज़ें खरीदने के लिए सुपर मार्केट जाती हैं, तो ज्यादा समय की जरुरत पड़ती है।
लेकिन, गत वर्ष की शुरुआत से चांग य्वू शंग की कम्युनिटि में ई यांग य्वेन वृद्ध सेवा केंद्र नामक संस्था की स्थापना हुई और कम्युनिटि के वृद्धों को सब्जी खरीदने और दवाएं देने आदि की सेवाएं वहीं मिल गईं। इस के बाद चांग य्वू शंग का जीवन आरामदेह बन गया है। सुश्री चांग ने कहा,अब ई यांग य्वेन वृद्ध सेवा केंद्र मेरा ख्याल रखता है। मेरा जीवन बहुत अच्छा है। मेरे लिए जीवन बहुत सुविधाजनक बन गया है।
आजकल घर में रहकर वृद्धावस्था का जीवन बिताने का विचार चीन के विभिन्न शहरों में फैल रहा है। वृद्धों को घर में रहते हुए हर एक महीने थोड़ी सी फीस देकर विभिन्न किस्मों की सेवाएं हासिल हो सकती हैं, जिन में दवाओं व दैनिक रोजमर्रा की खरीदारी और नियमित शारीरिक जांच आदि शामिल है। इस के अलावा, कुछ शहरों की कम्युनिटियों में वृद्धों की यथार्थ स्थिति के मद्देनजर ऑपरेशन के बाद वृद्धों को इलाज की सेवा प्रदान की जाती है, पारिवारिक नर्सिंग करना आदि विभिन्न सेवाएं भी मिलने लगी हैं।
श चा च्वांग शहर के ई यांग य्वेन वृद्ध सेवा केंद्र की संस्थापक सुश्री छ्याओ य्वू क के अनुसार सरकार, समाज और कारोबारों के समान प्रयास से वृद्धों का ख्याल रखने की दिशा में भारी काम हुआ है। सुश्री छ्याओ ने कहा,वृद्धों की विभिन्न स्तरीय मांगों को पूरा करने के लिए विभिन्न स्तरीय सेवाओं की जरुरत पड़ती है। सरकारों के समर्थन , निजी व्यक्तियों और कारोबारों की मदद से चीन का वृद्धा कार्य अवश्य ही साल दर साल अच्छा होने लगेगा।
प्रिय श्रोताओं, उम्र के बढ़ने से वृद्धों के जीवन में अनेक असुविधाएं आने के साथ-साथ, उन के मन में अनेक समस्याएं भी पैदा होती हैं। खास दौर पर जो वृद्ध अकेला रहता है, उस का मनोभाव अपेक्षाकृत उदासी वाला रहता है। मृत्यु के प्रति उन में बहुत चिंता रहती है। इन समस्याओं का हल करने के लिए वृद्धों को दैनिक जीवन के हर क्षेत्र में मदद की आवश्यकता नहीं है, इसलिए, इधर के वर्षों में चीन के विभिन्न स्थलों में वृद्धों के मन का ज्यादा ख्याल किया जाने लगा है, ताकि वे अकेलापन न महसूस करें।
उत्तरी चीन के समुद्रतटीय शहर थ्येनचिन शहर के थेई दा आर्थिक व तकनीक विकास क्षेत्र में सरकार के समर्थन से स्थापित वृद्ध संघ ने विभिन्न कम्युनिटियों में तरह-तरह की सांस्कृतिक व खेल गतिविधियों का आयोजन किया है। स्थानीय वृद्धों ने संवाददाताओं से कहा कि हर एक बार चीन का परम्परागत वृद्ध-त्योहार----छुंगयांग त्योहार आता है, तो आर्थिक विकास क्षेत्र बड़े सांस्कृतिक समारोह का आयोजन करता है। संघ हर एक सदस्य को ताज़ा फूल देता है। वृद्ध-संघ ने साइकिल दल, पिंगपांग दल, गाना दल, नृत्य दल और मॉडल दल आदि की स्थापना की है।
थ्येनचि न विकास क्षेत्र के वृद्ध संघ के साइकिल दल के सदस्य श्री ल्येन फडं छ्वन ने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने से उन्हें और ज्यादा अच्छा लगने लगा है और उन का जीवन और भी रंग बिरंगा बन गया है।हमारे यहां के वृद्ध बहुत सुखी हैं। वृद्ध संघ हमेशा ही हमारे वृद्धों के लिए काम करता है। हम अक्सर साइकिल से विभिन्न जगहों पर जाते-रहते हैं, जिस से जीवन के प्रति हमारा प्रेम बढ़ गया है।
चीन सरकार ने भी साफ-साफ चीन के वृद्धों के सामने आईं सामाजिक भत्ता गारंटी कार्य की समस्या को समझा है, जिस में वृद्धों की आबादी के अनुपात का निरंतर बढ़ना भी शामिल है, सामाजिक वृद्ध गारंटी व्यवस्था का बोझ दिन ब दिन गंभीर हो रहा है। चीन में हर एक हजार वृद्ध में केवल 10 सामाजिक परोपकार संस्थाओँ के पास पलंग हैं, जबकि विकसित देशों में यह संख्या 50 से 70 तक पहुंचती है। चीन में 60 प्रतिशत वृद्ध आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धों की चिकित्सा व सामाजिक भत्ते की गारंटी व्यवस्था परिपक्व नहीं है।
चीन सरकार ने वचन दिया है कि वह सामाजिक भत्ता गारंटी में और ज्यादा पूंजी डालेगी और आर्थिक व सामाजिक विकास के अनुरुप वृद्ध सामाजिक भत्ता गारंटी व्यवस्था की स्थापना करेगी।चीनी वृद्ध कार्य कमेटी की दफ्तर के उप प्रधान श्री ली बन गुंग ने आगामी कई वर्षों में चीन के वृद्ध कार्य के विकास के बारे में योजना बतायी। उन के अनुसार,11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान, हम कुछ ठोस कदम उठाएंगे। चीन की विभिन्न स्तरीय सरकारें वृद्धों की सेवा को महत्व देकर वृद्धों की सांस्कृतिक शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान और गतिविधियों में ज्यादा पूंजी डालेंगी और गैरसरकारी पूंजी और विदेशी पूंजी को चीन के वृद्ध कार्यों में भी आकर्षित करने की कोशिश करेंगी।
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