चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ ने 26 मार्च 2007 को रूस की यात्रा की थी, जिस से वर्ष 2007 रूस में चीन वर्ष का आयोजन शुरू हो गया। चीन वर्ष के शुभारंभ के दूसरे दिन चीनी व रूसी उद्यमों ने 21 आर्थिक व व्यापारिक सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किये, जो इस का प्रतीक है कि दोनों के आर्थिक व व्यापारिक सहयोग एक तेज विकास काल में प्रवेश हो गया है। आज के चीन में निर्माण व सुधार कार्यक्रम में मैं हमारे श्रोता मित्रों को चीन और रूस द्वारा द्विपक्षीय व्यापार संरचना को सुधारने के लिये की गयी कोशिशों का परिचय दूंगी।
गत वर्ष में चीन और रूस के बीच व्यापार रक्म 33 अरब 40 करोड़ अमरीकी डालर पहुंच गयी, जो वर्ष 2005 से 14.7 प्रतिशत अधिक थी । इस साल के पहले दो महीनों में द्विपक्षीय व्यापार की रक्म पिछले साल की इसी अवधि से 40 प्रतिशत अधिक बढ़ी । चीन और रूस के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग में तेज विकास का रूझान दिखाई पड़ा। लेकिन चीन और रूस के नेता आर्थिक व व्यापारिक सहयोग के तेज विकास के रूझान पर खुशी प्रकट करने के साथ साथ द्विपक्षीय व्यापार संरचना में मौजूद सवालों पर भी ध्यान देने लगे।
चीनी सामाजिक विज्ञान आकादमी के विशेषज्ञ श्री जांग जोंग ह्वा के विचार में व्यापार संरचना का सिन्गल होना और विशेष कर मशीनरी व विद्युत उत्पादों का कम अनुपात वर्तमान में चीन व रूस के व्यापार के ढांचे में सब से मुख्य समस्या है। उन्होंने कहा व्यापार में रूस के मशीनरी व विद्युत उत्पादों का आपात कम होता जा रहा है, इसलिये चीन दोनों देशों के आर्थिक व व्यापारिक सहयोग का स्तर बढ़ाने के लिये दोनों के व्यापार की संरचना को सुधारना चाहता है।
आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मशीनरी व विद्युत उत्पादों की आयात मात्रा गत साल में चीन की कुल आयात मात्रा के 50 प्रतिशत से अधिक थी , लेकिन जिस में रूस से आयातित मशीनरी व विद्युत उत्पादों का अनुपात बहुत कम । चीनी उप वाणिज्य मंत्री श्री यू क्वान जुंग ने कहा कि वर्ष 2006 में मशीनरी व विद्युत उत्पाद चीन व रूस के द्विपक्षीय व्यापार के 20 प्रतिशत भाग से भी कम थे, जिस से यह जाहिर है कि दोनों देशों के बीच मशीनरी व विद्युत उत्पादों के व्यापार क्षेत्र में सहयोग बढ़ने की भारी संभावना है। उन्होंने कहा कि व्यापार की संरचना को सुधारना , खास कर रूसी मशीनरी व विद्युत उत्पादों का आयात बढ़ाना चीन व रूस के नेताओं में संपन्न हुई एक अहम सहमति है और चीन इस के लिये सभी अवश्यक स्थिति तैयार करेगा ।
श्री चांग ने कहाः चीन व रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले कुछ समय में तेज वृद्धि बनाए रखे हुए है और इस के दौरान हम ने पैदा हुई कुछ नई समस्याओं पर भी ध्यान दिया है । हम ने उचित व्यापार संरचना का विकास कर व्यापारिक सुधार किया है और मशीनरी व विद्युत उत्पादों तथा लकड़ी प्रोसेसिंग के व्यापार को बढ़ाने के साथ साथ अन्य क्षेत्रों में व्यापार भी बढ़ाया है, परिणामस्वरूप दोनों के बीच व्यापार का बंदोबस्त और युक्तियुक्त हो गया है ।
इस सवाल के समाधान के लिये चीन और रूस ने सिलसिले कदम भी उठाये है। इस साल की जनवरी में चीन द्वारा रूस से आयातित मशीनरी व विद्युत उत्पाद और उच्च व नव तकनीकी उत्पाद पहले से संख्या में काफी बढ़ गए ।
मास्को में आयोजित चीनी राष्ट्रीय प्रदर्शनी चीन सरकार द्वारा चीन-रूस व्यापार की संरचना सुधारने और मशीनरी व विद्युत उत्पाद व्यापार बढ़ाने के लिये उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रदर्शनी के दौरान सौ से अधिक चीनी उद्यमों ने रूस जाकर रूसी उद्यमों के साथ मशीनरी व विद्युत उत्पादों के आयात समझौतों पर हस्ताक्षर किये , जिन की कुल रक्म 50 करोड़ अमरीकी डालर दर्ज हुई है ।
रूसी राष्ट्रपति श्री पुतिन ने चीनी राष्ट्रीय प्रदर्शनी समेत चीन वर्ष संबंधी सिलसिलेवार कार्यवाहियों की तारीफ की। उन्होंने कहाः
इस प्रकार की बड़े पैमाने की कार्यवाही के आयोजन का उद्देश्य दोनों देशों के सहयोग का स्तर बढ़ाना है और विभिन्न आर्थिक व व्यापारिक और सांस्कृतिक कार्यवाहियों के जरिये दोनों देशों की जनता एक दूसरों को और अच्छी तरह समझ सकेंगी।
विश्लषकों का मानना है कि चीन-रूस व्यापार संरचना का सुधार एक दीर्घकालीन व बहुत मुश्किल कार्य है। चीनी सामाजिक विज्ञान आकादमी के विशेषज्ञ श्री जांग जोंग ह्वा के विचार में इस सवाल के समाधान के लिये चीन सरकार द्वारा रूस के मशीनरी व विद्युत उत्पादों का आयात बढ़ाने के अलावा, रूस को बाजार में अपने उत्पादों की प्रतिस्पर्धा शक्ति बढ़ाने की अवश्यकता भी है। उन्होंने कहाः
वर्तमान में बाजार अर्थतंत्र प्रचलित है ,इसलिये सरकार उद्यमों को सहयोग के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, लेकिन इस के लिए जबरदस्ती का उपाय नहीं अपना सकती। और इस समस्या के समाधान के लिए कुंजीभूत सवाल है कि रूस को अपने मशीन निर्माण के उत्पादन स्तर बढ़ाना चाहिए और अपनी प्रतिस्पर्धा शक्ति उन्नत करना चाहिए ।
श्री जांग ने यह भी कहा कि वर्तमान में चीन और रूस के बीच पूंजीनिवेश का सहयोग स्तर उच्च नहीं है और उस का पैमाना भी छोटा है, इसलिये दोनों के व्यापार संरचना के सुधार के लिये दोनों देशों को पूंजीनिवेश के सहयोग व विज्ञान तकनीक के सहयोग को बढ़ाने की अवश्कता भी है।
वास्तव में चीन और रूस सरकार ने इस पर ध्यान देना शुरू किया है और वे कुछ पहलुओं से द्विपक्षीय व्यापार की संरचना का सुधार भी कर रही हैं। श्रोता दोस्तो , हम ने कार्यक्रम के आरंभ में इस बात की जो चर्चा की थी कि चीन व रूस ने रूस में चीन वर्ष के आरंभ के दूसरे दिन में 21 आर्थिक व व्यापारिक सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किये है, उस से जाहिर है कि चीन व रूस के आर्थिक व व्यापारिक सहयोग क्षेत्रों का और विस्तार होगा, जिन में ऊर्जा , कच्चा माल , वाहन , घरेलू इलेक्ट्रोनिकल यंत्र , कृषि उत्पाद , खराद और लकड़ी प्रोसेंसिंग आदि शामिल हैं।
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