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(GMT+08:00) 2007-05-11 15:14:27    
हिम कमल फूल का संरक्षक श्री यो फङ

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चीन के सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में खड़ी थ्येनशान पर्वत माले में समुद्र सतह से तीन हजार मीटर ऊंची सीधी खड़ी चट्टानों पर एक विशेष किस्म की वनस्पति उगती है , जो हिम कमल के नाम से चीन भर में मशहूर है । हिम कमल का फूल एक प्रकार की दुर्लभ मूल्यवान जड़ी बूटी है , जिस का चीनी परम्परागत औषधि में खूब प्रयोग किया जाता है । लेकिन इधर के सालों में हिम कमल की चोरी की घटनाएं बहुत हुआ करती है , इस से थ्येन शान पहाड़ी क्षेत्र में उस की मात्रा में तेजी से गिरावट आयी । इस कीमती जंगली जड़ी बूटी के संरक्षण के लिए सिन्चांग में यो फङ नाम का व्यक्ति बहुत मशहूर है , वे पिछले दस से ज्यादा सालों में इस जंगली वनस्पति के संरक्षण और प्रचार प्रसार में लग रहे है ।

श्री यो फङ मूल सिन्चांग के निवासी हैं । पिछली शताब्दी के अस्सी वाले दशक में उन्हों ने पेइचिंग विश्वविद्यालय में शिक्षा ली और विश्वविद्यालय की ई एम बी ए की डिग्री प्राप्त की । उन्हों ने देश विदेश की अनेक कंपनियों में अच्छा कैरियर शुरू किया । किन्तु अन्त में उन्हों ने सिन्चांग में लौट कर अपना कैरियर विकसित करने का निश्चय किया , क्योंकि वे हिम कमल का संरक्षण करना चाहते हैं । अपने इस विकल्प पर चर्चा करते हुए श्री यो फङ ने कहाः

एक दिन की बात थी कि एक व्यापारी के साथ व्यापार का सौदा करने के दौरान उस ने मुझे हिम कमल से बनायी गयी एक औषधि दी , जिस का प्रयोग ट्यूमर के उपचार में किया जाता है । मैं ने कई बार उस की दी गयी हिम कमल की औषधि का सेवन किया और मुझे लगा कि यह औषधि अद्भुत कारगर सिद्ध हुई है और बीमारी के उपचार के लिए काफी प्रभावकारी है ।

उस अवधि में श्री यो फङ देश के भीतरी इलाकों में व्यापार करते थे और सिन्चांग से आए बहुत से ग्राहकों ने उन्हें हिम कमल की दवाएं लायीं , इस तरह उन्हें अनुभव हुआ कि हिम कमल में रामबाण की शक्ति निहित है । इसलिए उन्हों ने हिम कमल से दवा का अनुसंधान व विकास करने की ठान ली और अपने कैरियर का विकास करने का एक नया क्षेत्र चुना । उन्हों ने कहाः

सिन्चांग में बहुत से मूल्यवान संसाधन उपलब्ध होते हैं , जिन में हिम कमल का फुल बहुत मशहूर है , वह मूल रूप से सिन्चांग में उगता है और एक विशेष स्थानीय प्राकृतिक संसाधन है ।

हिम कमल की औषधि का विकास करने के लिए सर्वप्रथम उन्हों ने सिन्चांग मेडिकल विश्वविद्यालय के साथ सहयोग किया । वर्ष 2004 में उन्हों ने अपनी दवा कंपनी को सिन्चांग के कुछ औषधि कारोबारों के साथ मिलाया और हिमकमल की औषधि सिलसिले का विकास किया । अनेकों सालों के अनुसंधान के परिणामस्वरूप श्री यो फङ ने हिम कमल के उगने की स्थिति का साफ साफ पता लगाया है । इस पर उन्हों ने कहाः

हिम कमल में रामबाण की शक्ति होती है , इसलिए उस की चोरी करने की हालत बहुत गंभीर है । हम ने हिम कमल के उगने की स्थिति की वैज्ञानिक जांच करने की एक संयुक्त कार्यवाही की ,जिस से पता है कि समुद्र तल से तीन हाजर पांच सौ मीटर ऊंचे पहाड़ों पर कम संख्या में हिम कमल मिल सकता है । अब यह संख्या पहले से कहीं अधिक घट गयी है ।

जंगली हिम कमल की ऐसी हालत पर श्री यो फङ को बड़ी दुख हुई, उन्हों ने सोचा कि उन्हें हिम कमल के संरक्षण के लिए कुछ करना चाहिए । इस के बाद उन्हों ने हर संभव मौके पर हिम कमल संरक्षण के बारे में प्रचार प्रसार शुरू किया , जहां तक हवाई यात्रा के दौरान भी वे विमान में हिम कमल के संरक्षण के महत्व का प्रचार करते हैं । उन की रिहाईशी बस्ती के जंगलाओं पर भी हिम कमल रक्षा संबंधी पोस्टर लगाये गए।

उन की ये कार्यवाहियां बहुत से लोगों की समझ में नहीं आयीं , उन के अच्छे मित्र ह च्येनयुन ने धीरे धीरे उन की इच्छा समझी और कहाः

सिन्चांग के हिमकमल को सभी चीनी लोग जानते हैं और उसे अद्भुत फूल मानते हैं । सिन्चांग में हिम कमल को उत्पादन का कच्चा माल बनाने वाले कारोबार भी बहुत से हैं । लेकिन केवल श्री यो फङ हिम कमल के संरक्षण का महत्व जानते हैं।

वर्ष 2004 से श्री यो फङ ने हिम कमल संरक्षण के लिए व्यापक जनता की चेतना उन्नत करने के लिए इस दुर्लभ वनस्पति को बचाने वाला हजारों हस्ताक्षर अभियान चलाया , उन्हों ने एशिया , यूरोप और अमरीका तीनों महाद्वीपों में हिम कमल का संरक्षण करने की अपील की । हिम कमल के संरक्षण , उस के युक्तियुक्त विकास व वैज्ञानिक प्रयोग के नारे पर हजारों हस्ताक्षरों वाला लम्बा कपड़ा अब सिन्चांग अजायब घर में संगृहित हुआ है । श्री यो फङ की इस जन कल्याण वाली कोशिश का सरकार और समाज में व्यापक जोशीला स्वागत और समर्थन किया गया । वर्षों से अथक प्रचार प्रसार तथा सकारात्मक निर्देशन के फलस्वरूप पहले हिम कमल को चोरी से खोदने वाले पहाड़ी किसान और चरवाहे भी अब हिम कमल के संरक्षक बन गए । इस सफलता पर श्री योफङ को बड़ा राहत मिलीः

उन्हों ने कहा कि बोगदा पर्वत तलहटी में हम एक चरवाहे से मिले , वे पहले हिम कमल को चोरी से खोदने में माहिर था , हर साल उस के हाथों से कई हजार हिम कमल फुल नष्ट होते थे । हमारे द्वारा वर्षों तक प्रचार प्रसार से प्रभावित हो कर वे भी संरक्षण अभियान में शामिल हो गए और उस ने हिम कमल क्षेत्र में एक तंबू लगाया और हिम कमल की रक्षा करने लगे । वे स्वयंसेवक के रूप में यह जोखिम भरा काम करते हैं ।

आवश्यक व्यापारिक कामों को छोड़ कर श्री यो फङ ने अपनी शेष पूरी शक्ति को हिम कमल संरक्षण कार्यवाही में लगाया । पिछले साल के जुलाई माह में श्री योफङ की कोशिश पर संबंधित विशेषज्ञों , पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ताओं और संबंधित कारोबारों ने संयुक्त रूप से सिन्चांग हिम कमल संरक्षण संघ कायम किया । संघ के उप महा सचिव श्री क्वो ग ने कहाः

सिन्चांग देश में हिम कमल का सब से बड़ा उत्पादन क्षेत्र है । ह चिंग काऊंटी में पहले जंगली हिम कमल का क्षेत्रफल कोई 70 हजाह हैक्टर था , लेकिन कुछ सालों के अंधाधुंध तोड़ने था खोदने से अब जंगली हिम कमल खात्मासन स्थिति में आ पड़ा । हिम कमल का संरक्षण एक ही कारोबार या एक ही हिम कमल संरक्षण संघ पर निर्भर नहीं कर सकता , इस की सफल रक्षा के लिए समाज की सभी शक्तियों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है ।

श्री योफङ ने अपने पैसे पर एक हिम कमल वैज्ञानिक सर्वेक्षण दल भी गठित किया , यह दल देश के विभिन्न स्थानों में हिमकमल के संरक्षण के लिए बोगदा पर्वत के वैज्ञानिक सर्वेक्षण व प्रचार अभियान चलाया । श्री योफङ द्वारा स्थापित हिम कमल मंच भी सिन्चांग में हिम कमल संरक्षण के लिए प्रचार प्रसार का प्रभावशाली स्थल बन गया । इन के अलावा श्री योफङ ने अपने समर्थकों के साथ हिम कमल का वैज्ञानिक शिक्षा केन्द्र और हिम कमल संरक्षण कोष स्थापित करने की योजना भी बनायी , जिस ने मूल्यवान हिम कमल के वैज्ञानिक प्रयोग व संरक्षण की गारंटी की है । हिम कमल कोष की स्थापना से हिम कमल संरक्षण को स्थानीय किसानों व चरवाहों के समृद्धि पाने के साथ जोड़ने का रास्ता खोला गया । हिम कमल खेती के विकास से स्थानीय लोगों को अमीर बनाना श्री योफङ की अब की सब से बड़ी अभीलाषा है । उन्हों ने इस पर कहाः

हिम कमल कोष की स्थापना से अधिक से अधिक लोगों को गोलबंद कर हिम कमल के संरक्षण और प्रचार प्रसार काम में शामिल कराया जाएगा , इस संरक्षण व प्रचार कार्य के लिए बड़ी संख्या के लोगों की भागीदारी की जरूरत है । मुझे बहुत खुशी है कि मेरी यह सपना साकार हो गयी और हिम कमल संरक्षण का महत्व व्यापक लोगों में मान्य हो गया । अपने इस लक्ष्य के साकार होने पर मुझे असीम आनंद मिला है।

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