चीन और भारत विश्व में प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं । लम्बे अर्से में दोनों देशों के बीच अनेक क्षेत्रों में घनिष्ठ रुप से आवाजाही होती रही है। दोनों देशों की अपनी-अपनी सांस्कृतिक विशेषताएं हैं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के दौरान पारस्परिक समझ बढ़ती जा रही है ।
भारत की प्राचीन व रहस्यमय संस्कृति चीनी लोगों को आकृष्ट करती है । भारत की चर्चा में चीनी लोगों के दिमाग में एकदम वहां के रंगबिरंगे रीतिरिवाज़, विविधतापूर्ण देवी-देवता और साड़ी पहने वाली खूबसूरत भारतीय लड़कियां सामने आती हैं । इधर के वर्षों के योग के प्रति ज्यादा से ज्यादा चीनी लोगों की रूचि दिन ब दिन बढ़ती जा रही है । योग पांच हज़ार वर्ष पूर्व भारत में उत्पन्न हुआ था। संस्कृत में योग का मतलब है रहस्यमय । आजकल चीन की राजधानी पेइचिंग में योग सिखाने वाले चीनी लोगों की संख्या ज्यादा है, योग सीखना पेइचिंग में एक किस्म का फैशन बन गया है। इस तरह भिन्न-भिन्न तरह के योग सिखाने वाले केंद्रों की स्थापना हुई है । पेइचिंग में छान चो नामक योग सिखाने वाला जो केंद्र है , उस की स्थापना पांच साल पूर्व हुई थी। आज के इस कार्यक्रम में मैं आप को परिचय दूंगी इस योग सिखाने वाले केंद्र का ।
वर्ष 2000 में छान चो केंद्र योग सिखाने लगा था और दो हज़ार दो के अंत तक इस ने देश भर में अपनी शाखाएं स्थापित कर ली थीं। वर्ष 2003 की मई में छानचो केंद्र ने अपने मुख्यालय की स्थापना की और औपचारिक तौर पर भारत के पेशावर योग कॉलेज के साथ सहयोग किया। वर्ष दो हज़ार चार में स्थापित हुआ पेइचिंग च्येनक्वोमन केंद्र अब तक पेइचिंग यहां तक कि सारे चीन में छानचो योग सिखाने वाले केंद्रों में सब से बड़ा केंद्र माना जाता है ।
वर्ष दो हज़ार छ के दिसम्बर के अंत में छानचो योग सिखाने वाले केंद्र की स्थापना की पांचवीं वर्षगांठ थी । इसे मनाने के लिए छानचो योग केंद्र के अध्यापकों, छात्रों और कर्मचारियों ने एक समारोह का आयोजन किया । समारोह में छानचो योग केंद्र के अध्यापकों व छात्रों ने योगाभ्यास दिखाया । विशेष शांतिपूर्ण संगीत की मधुर धुन पर योग की शक्ति व सुन्दरता ने दर्शकों को अपने आकर्षण में बांध लिया ।
छानचो योग केंद्र के जनरल मैनेजर श्री लिन श्याओ हाई ने समारोह में चीन में योग के प्रसार-प्रचार व विकास का सिंहावलोकन किया और कहा कि योगाभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने के साथ-साथ लोगों का आत्मविश्वास भी बढ़ता है । उन्होंने कहा ,"मेरा विचार है कि योग के विकास के लिए भारत से अध्यापकों को आमंत्रित किया जाना जरूरी है । क्योंकि योग भारत में पैदा हुआ है । दो हज़ार तीन में हमारे छानचो केंद्र ने औपचारिक तौर पर भारत के योग कॉलेज के साथ सहयोग शुरू किया था । हमारी आठ शाखाओं वाली योग व्यवस्था का इतिहास कोई दो हज़ार वर्ष पुराना है, जिस का आधार एक भारतीय योग आचार्य द्वारा लिखा गया ग्रंथ योग-सूत्र है ।"
आठ शाखाओं वाली योग व्यवस्था का इतिहास भारत में पांच हज़ार वर्ष पुराना है, जिस में योगाभ्यास आठ भागों में बंटा हुआ है और इस में व्यापक विषय शामिल हैं । योग का अध्ययन करने वाले भारतीय प्रोफेसर डॉक्टर सुरेश ने कहा,छानचो योग केंद्र के जनरल मैनेजर श्री लिन श्याओ हाई की आशा है कि योगाभ्यास करने से योग प्रेमी पेशावर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे । गत वर्ष फरवरी में छानचो योग केंद्र ने निमंत्रण पर नयी दिल्ली में आयोजित योग व प्राकृतिक इलाज सम्मेलन में भाग लिया । इस सम्मेलन का आयोजन भारत में हर साल किया जाता है , जिस में योग व प्राकृतिक इलाज के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वालों को सम्मानित किया जाता है । छानचो योग केंद्र की निदेशक सुश्री ल्यू यांग निमंत्रण पाकर इस सम्मेलन में भाग लेने गईं एकमात्र चीनी प्रतिनिधि थीं । गत वर्ष मार्च में छानचो योग केंद्र ने विश्व में योग के जन्मस्थान ऋषिकेश में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भाग लिया, हर वर्ष विश्व के विभिन्न स्थलों से आए योग आचार्य यहां पढ़ाते हैं ।
इधर के वर्षों में चीन में योग के प्रचार-प्रसार से चीन-भारत के बीच सांस्कृतिक आवाजाही आगे बढ़ी है । कुछ लोगों ने कहा कि योग के जरिए वे भारतीय संस्कृति को महसूस कर सकते हैं ।
सुश्री ल्यू यांग ने भारत की कई बार यात्रा की है । अपनी प्रथम भारतीय यात्रा की याद उन के दिमाग में अभी भी ताज़ा है । उन्होंने कहा ,"मैंने वर्ष दो हज़ार में प्रथम बार भारत की यात्रा की थी । पहले भारत के बारे में मैं अधिक स्पष्ट नहीं थी । लेकिन भारत की यात्रा से भारतीय दोस्तों के साथ मेरी आवाजाही ज्यादा होने लगी । गत वर्ष मैं ने भारत की दो बार यात्रा की । इस से मुझे भारत की ज्यादा जानकारी प्राप्त करने का मौका मिला ।"
सुश्री ल्यू यांग ने कहा कि भारत के साथ आवाजाही आगे बढ़ाने के लिए योग के प्रसार-प्रचार ने भी भूमिका निभाई है। हमारी आशा है कि भारतीय योग आचार्यों को चीन में पढ़ाने के लिए निमंत्रित कर सकेंगे, ताकि वैज्ञानिक तरीके से योग संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया जा सके । इस के साथ ही हम चीनी संस्कृति के प्रसार के लिए चीनी अध्यापकों को भारत भेजेंगे। सुश्री ल्यू यांग ने कहा ,"हमारी आशा है कि योग के जरिए चीनी संस्कृति और भारतीय संस्कृति की आवाज़ाही बढ़ेगी और दोनों देशों की जनता की दोस्ती मज़बूत होगी । हमारे दोनों देशों के बीच मैत्री का इतिहास बहुत पुराना है । आशा है कि चीन में योग के विस्तार से दोनों देशों की संस्कृति व मैत्री और मज़बूत होगी ।"
योग प्रेमियों ने कहा कि योगाभ्यास करने से उन्हें जीवनी शक्ति मिली है और अपने जीवन में उन्होंने परिवर्तन महसूस किया है । छानचो योग केंद्र के एक योगाभ्यास करने वाली सदस्या सुश्री ली ने कहा ,"कई कक्षाएं लेने के बाद मुझे बहुत हल्का महसूस होने लगा है । मैं योगाभ्यास करने का आनंद उठाती हूँ । योगाभ्यास से मुझे जीवनी शक्ति मिली है और औजस्वी महसूस होता है ।"
|